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बक्सर: मौसम की मेहरबानी और खाद की उपलब्धता से किसान खुश, 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर हुई रोपनी

कृषि विभाग ने 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी का लक्ष्य पूरा हो गया. इस बार किसानों के लिए मौसम की मेहरबानी और श्रमिक वरदान साबित हुए हैं. वहीं उर्वरक समय से गांव- गांव तक पहुंचाया जा रहा है. जिसके के कारण किसानों को काफी राहत मिली है.

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खाद
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Published : Aug 27, 2020, 6:01 PM IST

बक्सर: कोरोना लॉकडाउन के बीच बक्सर जिले में खरीफ फसल की बुवाई सत प्रतिशत समय से पहले ही संपन्न हो गया है. मौसम की मेहरबानी और प्रवासी श्रमिकों के आगमन से किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है. यही कारण है कि कृषि विभाग ने 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी करने का जो लक्ष्य तय किया गया था. उसे जिला के किसानों ने शत-प्रतिशत पूरा कर लिया है.

गांव- गांव आसानी से मिला उर्वरक
बक्सर में उर्वरक की स्थिति को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर किसानों से बात की. किसानों ने बताया कि इस बार उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त है. निजी दुकानदारों ने 5 रुपये मुनाफा लेकर किसानों के खेतों तक उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके कारण कृषि कार्य आसान हो गया है. प्रत्येक साल यूरिया लेने के लिए जिला मुख्यालय में जाना पड़ता था, लेकिन इस बार गांव- गांव में ही मिल जा रहा है.

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एसडीएम

दुकानदार गांव तक पहुंचा रहे उर्वरक
जिला में उर्वरक की उपलब्धता को लेकर एसडीएम केके उपाध्याय ने बताया कि, कहीं से भी यूरिया की कालाबाजारी या किल्लत होने की सूचना नहीं मिली है. ग्रामीण इलाकों में भी लाइसेंस धारी दुकानदार वाहन भाड़ा लेकर किसानों को उर्वरक उपलब्ध करा रहे हैं. जिला में उर्वरक की कोई कमी नहीं है.

गौरतलब है कि इस बार जिला के किसानों को ना तो खेतों का सिंचाई करना पड़ा है और ना ही श्रमिक और उर्वक की कमी झेलनी पड़ी है. जिसके कारण जिले के किसान काफी सुकून महसूस कर रहे हैं.

बक्सर: कोरोना लॉकडाउन के बीच बक्सर जिले में खरीफ फसल की बुवाई सत प्रतिशत समय से पहले ही संपन्न हो गया है. मौसम की मेहरबानी और प्रवासी श्रमिकों के आगमन से किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है. यही कारण है कि कृषि विभाग ने 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी करने का जो लक्ष्य तय किया गया था. उसे जिला के किसानों ने शत-प्रतिशत पूरा कर लिया है.

गांव- गांव आसानी से मिला उर्वरक
बक्सर में उर्वरक की स्थिति को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर किसानों से बात की. किसानों ने बताया कि इस बार उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त है. निजी दुकानदारों ने 5 रुपये मुनाफा लेकर किसानों के खेतों तक उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके कारण कृषि कार्य आसान हो गया है. प्रत्येक साल यूरिया लेने के लिए जिला मुख्यालय में जाना पड़ता था, लेकिन इस बार गांव- गांव में ही मिल जा रहा है.

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एसडीएम

दुकानदार गांव तक पहुंचा रहे उर्वरक
जिला में उर्वरक की उपलब्धता को लेकर एसडीएम केके उपाध्याय ने बताया कि, कहीं से भी यूरिया की कालाबाजारी या किल्लत होने की सूचना नहीं मिली है. ग्रामीण इलाकों में भी लाइसेंस धारी दुकानदार वाहन भाड़ा लेकर किसानों को उर्वरक उपलब्ध करा रहे हैं. जिला में उर्वरक की कोई कमी नहीं है.

गौरतलब है कि इस बार जिला के किसानों को ना तो खेतों का सिंचाई करना पड़ा है और ना ही श्रमिक और उर्वक की कमी झेलनी पड़ी है. जिसके कारण जिले के किसान काफी सुकून महसूस कर रहे हैं.

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