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बक्सर: नगर परिषद कर्मियों की मिलीभगत से भू-माफियों की चांदी, सरकारी जमीन पर कर रहे कब्जा - सरकारी जमीन पर जमा रहे कब्जा

बक्सर में नगर परिषद कर्मियों की सांठगांठ से भू-माफिया सरकारी भूमि पर धड़ल्ले से अतिक्रमण कर रहे हैं. शहर के सार्वजनिक स्थलों पर उन्होंने कब्जा जमा लिया है.

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Published : Jul 22, 2020, 4:33 PM IST

बक्सर: शहर में सरकारी नगर परिषद कर्मी और भू-माफियाओं की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. उसके बाद भी वरीय प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं. स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती दिख रही है.

जानकारी के मुताबिक नगर थाना क्षेत्र के कई इलाकों में सरकारी नहर, तलाब, पोखर और सड़क किनारे पड़े सरकारी जमीन पर लोग घर बना रहे हैं. साथ ही कई दुकानें खोली जा रही हैं. शहर के ज्योति चौक से लेकर सिंडिकेट नहर तक जल जीवन हरियाली योजना के तहत चयनित इस नहर में पहले नगर परिषद कर्मी शहर की कूड़ा डालते हैं उसके बाद भू-माफिया इस जमीन पर बालू, गिट्टी की दुकान खोलकर इस पर कब्जा कर लेते हैं.

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सरकारी भूमि पर अतिक्रमण

सैकड़ों एकड़ भूमि पर हो चुका है कंस्ट्रक्शन
औद्योगिक थाना क्षेत्र के सिंडिकेट गोलंबर के दक्षिण साइड में 50 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि पर सरकारी बाबुओं और भू-माफियाओं के मिली भगत से पक्के मकानों का निर्माण कर लिया गया. 2 दशक पहले इस सरकारी भूमि पर जिले का सबसे बड़ा पशु मेला लगता था. जहां उतर प्रदेश और बिहार के कोने-कोने से लोग पशुओं की खरीदारी करने आते थे.

क्या कहते हैं कूड़ा डालने वाले कर्मी
सरकारी नहर में ट्रैक्टर से कूड़ा डालने पहुंचे कर्मी ने बताया कि नगर पालिका के लोग जहां कहते हैं वहां हम कूड़ा डाल देते हैं. हमें तो आदेश का पालन करना है. स्थानीय युवक राहुल यादव और सुदामा प्रसाद ने बताया कि सड़क किनारे शहर के सारे कचड़े नगर परिषद के द्वारा डाला जा रहा है, जिससे शहर में आना-जाना मुश्किल हो गया है. इस कूड़े के ढेर से निकलने वाले दुर्गन्ध से ही लोग बीमार हो जाएंगे.

उपमुख्य पार्षद ने स्वीकारी बात
नगर परिषद क्षेत्र के नहर में कूड़ा डालने का सवाल जब उपमुख्य पार्षद बबन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने भी यह बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए बाईपास नहर में ट्रैक्टर चालक की ओर से जो कूड़ा डाला गया वह मामला उनके संज्ञान में है. जिसके बाद नहर में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही जिन जगहों पर अतिक्रमण है उसे भी हटाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी.

बक्सर: शहर में सरकारी नगर परिषद कर्मी और भू-माफियाओं की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. उसके बाद भी वरीय प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं. स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती दिख रही है.

जानकारी के मुताबिक नगर थाना क्षेत्र के कई इलाकों में सरकारी नहर, तलाब, पोखर और सड़क किनारे पड़े सरकारी जमीन पर लोग घर बना रहे हैं. साथ ही कई दुकानें खोली जा रही हैं. शहर के ज्योति चौक से लेकर सिंडिकेट नहर तक जल जीवन हरियाली योजना के तहत चयनित इस नहर में पहले नगर परिषद कर्मी शहर की कूड़ा डालते हैं उसके बाद भू-माफिया इस जमीन पर बालू, गिट्टी की दुकान खोलकर इस पर कब्जा कर लेते हैं.

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सरकारी भूमि पर अतिक्रमण

सैकड़ों एकड़ भूमि पर हो चुका है कंस्ट्रक्शन
औद्योगिक थाना क्षेत्र के सिंडिकेट गोलंबर के दक्षिण साइड में 50 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि पर सरकारी बाबुओं और भू-माफियाओं के मिली भगत से पक्के मकानों का निर्माण कर लिया गया. 2 दशक पहले इस सरकारी भूमि पर जिले का सबसे बड़ा पशु मेला लगता था. जहां उतर प्रदेश और बिहार के कोने-कोने से लोग पशुओं की खरीदारी करने आते थे.

क्या कहते हैं कूड़ा डालने वाले कर्मी
सरकारी नहर में ट्रैक्टर से कूड़ा डालने पहुंचे कर्मी ने बताया कि नगर पालिका के लोग जहां कहते हैं वहां हम कूड़ा डाल देते हैं. हमें तो आदेश का पालन करना है. स्थानीय युवक राहुल यादव और सुदामा प्रसाद ने बताया कि सड़क किनारे शहर के सारे कचड़े नगर परिषद के द्वारा डाला जा रहा है, जिससे शहर में आना-जाना मुश्किल हो गया है. इस कूड़े के ढेर से निकलने वाले दुर्गन्ध से ही लोग बीमार हो जाएंगे.

उपमुख्य पार्षद ने स्वीकारी बात
नगर परिषद क्षेत्र के नहर में कूड़ा डालने का सवाल जब उपमुख्य पार्षद बबन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने भी यह बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए बाईपास नहर में ट्रैक्टर चालक की ओर से जो कूड़ा डाला गया वह मामला उनके संज्ञान में है. जिसके बाद नहर में कूड़ा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही जिन जगहों पर अतिक्रमण है उसे भी हटाने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी.

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