ETV Bharat / state

बक्सर: बिजली-पानी की कमी से सूख रही अन्नदाता की फसल, मनमानी कर रहे अधिकारी - hindi news

130 करोड़ देश वासियों की थाली में अब तक रोजी-रोटी उपलब्ध कराने वाले किसानों को अब खुद की रोजी-रोटी की चिंता सता रही है. यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश का अन्नदाता किसान खेती करना ही बंद कर देगा.

सूखे से परेशान किसान
author img

By

Published : Sep 9, 2019, 8:34 PM IST

बक्सर: भयंकर सूखे के कारण बिहार के किसानों की हालत सबसे खराब है. उसमें भी बक्सर जिले के किसानों की हालत सबसे बदतर है. इस बार धान का उत्पादन भी काफी कम हुआ है. जिसके कारण किसानों की कमर टूट चुकी है.

buxar
सूख रही फसल

अधिकारियों की मनमानी
जिले में पानी और बिजली ना होने के चलते किसानों की फसल सूख गई. जो बची है उसे देखकर किसान बेहद परेशान हैं. जहां पर नहर का पानी है वहां पर ही धान की फसल बची हुई है, लेकिन अधिकारियों की मनमानी के कारण ज्यादातर जगहों पर सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो रही है. जिसके चलते किसानों के सामने रोजी-रोटी और पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है.

buxar
गुड्डू यादव, किसान

बिजली की समस्या
फसलों की बर्बादी पर किसानों ने कहा कि, सरकार जब एग्रीकल्चर फीडर लगवा रही थी. तो उस समय सरकार ने 14 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद नलकूप के सहारे फसलों की बुवाई तो हो गई, लेकिन आज 2 घण्टे भी बिजली किसानों को नहीं मिल रही है, और ना ही विभाग नहरों से पानी उपलब्ध करा रहा है. पानी के अभाव के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि फसल को काटकर मवेशियों को खिलाया जा रहा है.

buxar
किसान

बयान देने से बच रहे अधिकारी
वहीं जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती से किसानों की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया. साथ ही कहा कि जिला पदाधिकारी ने किसानों की समस्या पर किसी भी तरह के बयान देने पर रोक लगाई है.

पानी के अभाव में फसलें हो रही बर्बाद

रोजी- रोटी की चिंता
गौरतलब है कि, 130 करोड़ देश वासियों की थाली में अब तक रोजी-रोटी उपलब्ध कराने वाले किसानों को अब खुद की रोजी-रोटी की चिंता सता रही है. यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश का अन्नदाता किसान खेती करना ही बंद कर देगा.

बक्सर: भयंकर सूखे के कारण बिहार के किसानों की हालत सबसे खराब है. उसमें भी बक्सर जिले के किसानों की हालत सबसे बदतर है. इस बार धान का उत्पादन भी काफी कम हुआ है. जिसके कारण किसानों की कमर टूट चुकी है.

buxar
सूख रही फसल

अधिकारियों की मनमानी
जिले में पानी और बिजली ना होने के चलते किसानों की फसल सूख गई. जो बची है उसे देखकर किसान बेहद परेशान हैं. जहां पर नहर का पानी है वहां पर ही धान की फसल बची हुई है, लेकिन अधिकारियों की मनमानी के कारण ज्यादातर जगहों पर सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो रही है. जिसके चलते किसानों के सामने रोजी-रोटी और पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है.

buxar
गुड्डू यादव, किसान

बिजली की समस्या
फसलों की बर्बादी पर किसानों ने कहा कि, सरकार जब एग्रीकल्चर फीडर लगवा रही थी. तो उस समय सरकार ने 14 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद नलकूप के सहारे फसलों की बुवाई तो हो गई, लेकिन आज 2 घण्टे भी बिजली किसानों को नहीं मिल रही है, और ना ही विभाग नहरों से पानी उपलब्ध करा रहा है. पानी के अभाव के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि फसल को काटकर मवेशियों को खिलाया जा रहा है.

buxar
किसान

बयान देने से बच रहे अधिकारी
वहीं जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती से किसानों की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया. साथ ही कहा कि जिला पदाधिकारी ने किसानों की समस्या पर किसी भी तरह के बयान देने पर रोक लगाई है.

पानी के अभाव में फसलें हो रही बर्बाद

रोजी- रोटी की चिंता
गौरतलब है कि, 130 करोड़ देश वासियों की थाली में अब तक रोजी-रोटी उपलब्ध कराने वाले किसानों को अब खुद की रोजी-रोटी की चिंता सता रही है. यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश का अन्नदाता किसान खेती करना ही बंद कर देगा.

Intro:विश्वामित्र की पावन भूमि बक्सर के कई इलाकों में भयंकर सूखा से परेशान अन्नदाता किसानों को सताने लगी है,भोजन की चिंता कहा पानी के अभाव में सुख गए धान का फशल नही आया नहरो से खेतों में पानी।अधिकारी है,खामोश


Body:बक्सर जिलां के कई इलाकों में भयंकर सुखाङ की स्थिति से अन्नदाता किसान काफी परेशान है,घर मे रखे पूंजी से खेतों में धान की फशल लगाने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी के कारण सैकड़ो एकड़ में लगी धान की फशल बर्बाद होने लगी है ,फशलो की बर्बादी से मर्माहत किसानों ने अपना भड़ास निकालते हुए कहा कि,सरकार द्वारा जब एग्रीकल्चर फीडर लगाया जा रहा था, उस समय सरकार ने 12 घण्टा बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की थी,सरकार के इस घोषणा के बाद नलकूप के सहारे फशलो की बुवाई तो हो गई, लेकिन आज 2 घण्टा भी बिजली किसानों को नही मिल पा रही है,और न ही बिभाग द्वारा नहरो से पानी उपलब्ध कराया गया हालात ऐसे हो गए है, की अब फशल को काटकर पानी के अभाव में मवेशी को खिला रहे है।

byte-पीटीसी
byte किसान

वही किसानो की इस समश्या को लेकर जब जिलां कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती से पूछा गया तो ,उन्होंने कैमरा पर बोलने से साफ माना करते हुए कहा कि, जिलापदधिकारी ने किसी तरह की बयान जारी करने पर रोक लगा दी है।


Conclusion:गौरतलब है,की 130 करोड़ देश वासियों के थाली में अब तक भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों को अब खुद की भोजन की चिंता सताने लगी है,,अगर यही हालात रहा तो वह दिन दूर नही,जब देश के अन्नदाता किसान खेती करना ही छोड़ देंगे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.