बक्सर: भयंकर सूखे के कारण बिहार के किसानों की हालत सबसे खराब है. उसमें भी बक्सर जिले के किसानों की हालत सबसे बदतर है. इस बार धान का उत्पादन भी काफी कम हुआ है. जिसके कारण किसानों की कमर टूट चुकी है.
![buxar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4386038_buxar.png)
अधिकारियों की मनमानी
जिले में पानी और बिजली ना होने के चलते किसानों की फसल सूख गई. जो बची है उसे देखकर किसान बेहद परेशान हैं. जहां पर नहर का पानी है वहां पर ही धान की फसल बची हुई है, लेकिन अधिकारियों की मनमानी के कारण ज्यादातर जगहों पर सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो रही है. जिसके चलते किसानों के सामने रोजी-रोटी और पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है.
![buxar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4386038_buxar-2.png)
बिजली की समस्या
फसलों की बर्बादी पर किसानों ने कहा कि, सरकार जब एग्रीकल्चर फीडर लगवा रही थी. तो उस समय सरकार ने 14 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. जिसके बाद नलकूप के सहारे फसलों की बुवाई तो हो गई, लेकिन आज 2 घण्टे भी बिजली किसानों को नहीं मिल रही है, और ना ही विभाग नहरों से पानी उपलब्ध करा रहा है. पानी के अभाव के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि फसल को काटकर मवेशियों को खिलाया जा रहा है.
![buxar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4386038_buxar-4.png)
बयान देने से बच रहे अधिकारी
वहीं जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती से किसानों की समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया. साथ ही कहा कि जिला पदाधिकारी ने किसानों की समस्या पर किसी भी तरह के बयान देने पर रोक लगाई है.
रोजी- रोटी की चिंता
गौरतलब है कि, 130 करोड़ देश वासियों की थाली में अब तक रोजी-रोटी उपलब्ध कराने वाले किसानों को अब खुद की रोजी-रोटी की चिंता सता रही है. यही हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब देश का अन्नदाता किसान खेती करना ही बंद कर देगा.