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बिहार को ले डूबेगा ऐसा कारनामा, बक्सर में मंत्री के आदेश पर 5 सरकारी एंबुलेंस एनजीओ के सुपुर्द

सारण एंबुलेंस प्रकरण के बाद जगह-जगह से इस प्रकार की खबरें आ रही हैं. इस बार एंबुलेंस की हेराफेरी का आरोप केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पर लगा है. मंत्री पर जिले के 5 सरकारी एंबुलेंस को पद का हनक दिखा कर शहर से बाहर भेजे जाने का आरोप लगा है. वहीं, अपने सांसद व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री के कारनामे के कारण जिले का स्वास्थ्य विभाग खाट पर आ गया है. एंबुलेंस के अभाव में मरीजों को खाट से ढोया जा रहा हैं.

बक्सर
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Published : May 10, 2021, 11:21 AM IST

Updated : May 11, 2021, 10:28 AM IST

बक्सर: बिहार अजब है. यहां एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए नहीं चलती, बल्कि सत्ता के हनक वाले लोगों का इस पर कब्जा रहता है. जिस वाहन से मरीजों की जिंदगी बच सकती है. वह या तो किसी के दरवाजे पर खड़ी मिलती है या फिर किसी एनजीओ के सुपुर्द कर दिया जाता है. इसके चलते मरीज खाट पर ढोये जाते हैं.

बिहार में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले सुशासन बाबू के राज्य में इस प्रकार के कारनामे चरमराई हुई प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में भेजने का काम कर रहे हैं.

बक्सर में एंबुलेंस की हेराफेरी
इस बार एंबुलेंस की हेराफेरी का मामला एक और बीजेपी नेता के कृत्य के चलते सामने आया है. ईटीवी भारत को हाथ लगे पत्र के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने जिले के 5 एंबुलेंस को हैदराबाद के एक निजी एनजीओ धनुष फाउंडेशन के सुपुर्द कर दिया है. जिसकी जानकारी तक जिलाधिकारी तक को नहीं है.

यह भी पढ़ें: सांसद फंड से खड़ी दर्जनों एंबुलेंस पर पप्पू यादव ने उठाए सवाल, पूछा- किसके निर्देश पर छिपाई गईं

मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश न करें केंद्रीय मंत्री
मामले को तूल पकड़ता देख अब बीजेपी की सहयोगी जदयू ने मंत्री जी की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है. स्थानीय सांसद की कारस्तानी को देखकर जदयू ने बीजेपी को चेतवानी दी है. जदयू नेता अशोक कुमार सिंह ने अश्विनी चौबे पर मुख्यमंत्री को बदमान करने का आरोप लगाया है.

खाट पर स्वास्थ्य विभाग
खाट पर स्वास्थ्य विभाग

उन्होंने कहा, 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बदनाम करने के लिए साजिश रचना बंद करें. जब बक्सर में ही संसाधनों का अभाव है. उसके बाद यहां के एंबुलेंस बाहर क्यों भेजे गये. यदि जल्द एंबुलेंसों को जिले में वापस नहीं लाया जाता है तो हम आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे'.

'जिस संसाधन का रोना रोकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं. उनकी पार्टी के मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में क्या कर रहे हैं. इस बात की भी जानकारी उन्हें रखनी चाहिए.- अशोक कुमार सिंह, जदयू प्रवक्ता

देखें रिपोर्ट

लोगों को सांसत में डाल खुद लापता हैं सांसद
सहयोगी के बाद बीजेपी की घोर विपक्षी राजद ने इस मौके को हाथों-हाथ लपक लिया. राजद जिला अध्यक्ष शेषनाथ यादव ने कहा, 'संसाधनों के आभाव में प्रतिदिन लोगों की मौत हो रही है. एंबुलेंस नहीं होने के कारण लोग मरीजों को खाट, रिक्शा, ठेला पर लाद कर अस्पताल ला रहे हैं. यहां के सांसद ने 5 एंबुलेंस को जिले से बाहर भेज दिया. इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है.

'2020 एवं 2021 के कोरोना काल में जहां राजद के एक-एक कार्यकर्ता लोगों की सेवा करने में लगे हैं. स्थानीय सांसद अपनी जान बचाने के लिए लोगों को मुसीबत में छोड़कर लापता हैं. इस पूरे प्रकरण का जिलाधिकारी जांच कर कार्रवाई करें. जिलाधिकारी को सूचना दिए बगैर एंबुलेंस बाहर कैसे ले जाये गये'.- शेषनाथ यादव, जिलाध्यक्ष राजद

यह भी पढ़ें: पप्पू यादव की चुनौती को रूडी ने किया स्वीकार, कहा- ले जाइये एंबुलेंस, लेकिन...

मामले पर क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, एंबुलेंस को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया. अमन समीर ने कहा कि मामले के बारे में प्राप्त करने के बाद ही वे जबाव दे पाएंगे.

सीएस ने कहा, 'आदेश का पालन किया हूं'
5 एंबुलेंसों को जिले से बाहर भेजने का पत्र ईटीवी भारत के हाथ लगने के बाद बक्सर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से लिखित आदेश प्राप्त हुआ था कि 5 एंबुलेंस को हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंड ओवर कर दिया जाए. इसके बाद मैंने आदेश का पालन करते हुए एंबुलेंस उन्हें रिसीव करा दिया है. जिसके बाद एनजीओ से जुड़े लोग एंबुलेंस लेकर यहां से चले गए.

'मुझे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से आदेश प्राप्त हुआ था. जिसके बाद मैंने एंबुलेंस को धनुष एनजीओ के लोगों को हैंड ओवर करा दिया. एंबुलेंस कहां गई इस बात की हमें भी जानकारी नहीं है. जिले में किराए पर निजी एंबुलेंस लेकर कोरोना संक्रमित मरीजो का सेवा हम कर रहे हैं'.- जितेंद्र नाथ, बक्सर सिविल सर्जन

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर एसजेवीएन कंपनी के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को 6 एंबुलेंस गिफ्ट किये गये थे. उस समय स्थानीय सांसद ने खूब वाहवाही लुटी थी. बक्सर लोकसभा क्षेत्र की जनता ने दिल खोलकर उनके पक्ष में मतदान किया था. वह दूसरी बार चुनाव जीतकर भारत सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बन गए.

यह भी पढ़ें: रूडी से बोले पप्पू यादव- ड्राइवर की फौज तैयार है, एंबुलेंस कब और कहां सौंपने वाले हैं, बताएं'

2020 में भी एम्बुलेंस को भागलपुर भेजने का किया था प्रयास
2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के कुछ ही महीने बाद 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 6 एंबुलेंस को वे एचएलएल कम्पनी के माध्यम से भागलपुर भेजने की तैयारी में थे. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पार्टी ने उनके बेटे को टिकट ही नहीं दिया. जिसके कारण एंबुलेंस को सदर अस्पताल के ही कैम्पस में खड़ा कर दिया गया.

गौरतलब है कि एसजेवीएन द्वारा दिये गये 5 एम्बुलेन्सों को अस्पताल से हटाकर पहले टाटा मोटर्स में मरम्मत करने के नाम पर 20 दिनों तक खड़ा रखा गया. जैसे ही बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी का एम्बुलेन्स प्रकरण सामने आया, रातोंरात टाटा मोटर्स से सभी एंबुलेंस को मंत्री के निजी सहायक नितिन मुकेश ने रिसीव कर लिया. उस रिसिविंग पत्र पर हस्ताक्षर, नाम और मोबाइल नम्बर मन्त्री जी के निजी सहायक का अंकित है. जबकि मुहर धनुष फाउंडेशन का लगा हुआ है. वहीं, अभी तक धनुष फाउंडेशन प्रमुख का पता नहीं पाया है.

यह भी पढ़ें: हाय रे बिहार! कहीं धूल फांक रही एंबुलेंस, कहीं ठेले पर ढोये जा रहे मरीज

यह भी पढ़ें: रूडी के घर एंबुलेंस मिलने पर गरमायी सियासत, कांग्रेस बोली- यह नरसंहार का मामला

यह भी पढ़ें: पप्पू यादव के खिलाफ FIR दर्ज, लॉकडाउन उल्लंघन और एंबुलेंस में तोड़फोड़ का आरोप

यह भी पढ़ें: पप्पू यादव ने खोली पोल 'सांसद फंड वाली एंबुलेंस' से बालू की ढुलाई करवा रहे रूडी

यह भी पढ़ें: बिहार में एम्बुलेंस-पॉलिटिक्स, पप्पू यादव ने उतारी ड्राइवरों की फौज, किए तीखे सवाल

बक्सर: बिहार अजब है. यहां एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए नहीं चलती, बल्कि सत्ता के हनक वाले लोगों का इस पर कब्जा रहता है. जिस वाहन से मरीजों की जिंदगी बच सकती है. वह या तो किसी के दरवाजे पर खड़ी मिलती है या फिर किसी एनजीओ के सुपुर्द कर दिया जाता है. इसके चलते मरीज खाट पर ढोये जाते हैं.

बिहार में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले सुशासन बाबू के राज्य में इस प्रकार के कारनामे चरमराई हुई प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में भेजने का काम कर रहे हैं.

बक्सर में एंबुलेंस की हेराफेरी
इस बार एंबुलेंस की हेराफेरी का मामला एक और बीजेपी नेता के कृत्य के चलते सामने आया है. ईटीवी भारत को हाथ लगे पत्र के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने जिले के 5 एंबुलेंस को हैदराबाद के एक निजी एनजीओ धनुष फाउंडेशन के सुपुर्द कर दिया है. जिसकी जानकारी तक जिलाधिकारी तक को नहीं है.

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मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश न करें केंद्रीय मंत्री
मामले को तूल पकड़ता देख अब बीजेपी की सहयोगी जदयू ने मंत्री जी की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है. स्थानीय सांसद की कारस्तानी को देखकर जदयू ने बीजेपी को चेतवानी दी है. जदयू नेता अशोक कुमार सिंह ने अश्विनी चौबे पर मुख्यमंत्री को बदमान करने का आरोप लगाया है.

खाट पर स्वास्थ्य विभाग
खाट पर स्वास्थ्य विभाग

उन्होंने कहा, 'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बदनाम करने के लिए साजिश रचना बंद करें. जब बक्सर में ही संसाधनों का अभाव है. उसके बाद यहां के एंबुलेंस बाहर क्यों भेजे गये. यदि जल्द एंबुलेंसों को जिले में वापस नहीं लाया जाता है तो हम आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे'.

'जिस संसाधन का रोना रोकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं. उनकी पार्टी के मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में क्या कर रहे हैं. इस बात की भी जानकारी उन्हें रखनी चाहिए.- अशोक कुमार सिंह, जदयू प्रवक्ता

देखें रिपोर्ट

लोगों को सांसत में डाल खुद लापता हैं सांसद
सहयोगी के बाद बीजेपी की घोर विपक्षी राजद ने इस मौके को हाथों-हाथ लपक लिया. राजद जिला अध्यक्ष शेषनाथ यादव ने कहा, 'संसाधनों के आभाव में प्रतिदिन लोगों की मौत हो रही है. एंबुलेंस नहीं होने के कारण लोग मरीजों को खाट, रिक्शा, ठेला पर लाद कर अस्पताल ला रहे हैं. यहां के सांसद ने 5 एंबुलेंस को जिले से बाहर भेज दिया. इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है.

'2020 एवं 2021 के कोरोना काल में जहां राजद के एक-एक कार्यकर्ता लोगों की सेवा करने में लगे हैं. स्थानीय सांसद अपनी जान बचाने के लिए लोगों को मुसीबत में छोड़कर लापता हैं. इस पूरे प्रकरण का जिलाधिकारी जांच कर कार्रवाई करें. जिलाधिकारी को सूचना दिए बगैर एंबुलेंस बाहर कैसे ले जाये गये'.- शेषनाथ यादव, जिलाध्यक्ष राजद

यह भी पढ़ें: पप्पू यादव की चुनौती को रूडी ने किया स्वीकार, कहा- ले जाइये एंबुलेंस, लेकिन...

मामले पर क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, एंबुलेंस को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा तो उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार कर दिया. अमन समीर ने कहा कि मामले के बारे में प्राप्त करने के बाद ही वे जबाव दे पाएंगे.

सीएस ने कहा, 'आदेश का पालन किया हूं'
5 एंबुलेंसों को जिले से बाहर भेजने का पत्र ईटीवी भारत के हाथ लगने के बाद बक्सर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से लिखित आदेश प्राप्त हुआ था कि 5 एंबुलेंस को हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंड ओवर कर दिया जाए. इसके बाद मैंने आदेश का पालन करते हुए एंबुलेंस उन्हें रिसीव करा दिया है. जिसके बाद एनजीओ से जुड़े लोग एंबुलेंस लेकर यहां से चले गए.

'मुझे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से आदेश प्राप्त हुआ था. जिसके बाद मैंने एंबुलेंस को धनुष एनजीओ के लोगों को हैंड ओवर करा दिया. एंबुलेंस कहां गई इस बात की हमें भी जानकारी नहीं है. जिले में किराए पर निजी एंबुलेंस लेकर कोरोना संक्रमित मरीजो का सेवा हम कर रहे हैं'.- जितेंद्र नाथ, बक्सर सिविल सर्जन

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर एसजेवीएन कंपनी के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को 6 एंबुलेंस गिफ्ट किये गये थे. उस समय स्थानीय सांसद ने खूब वाहवाही लुटी थी. बक्सर लोकसभा क्षेत्र की जनता ने दिल खोलकर उनके पक्ष में मतदान किया था. वह दूसरी बार चुनाव जीतकर भारत सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बन गए.

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2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के कुछ ही महीने बाद 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 6 एंबुलेंस को वे एचएलएल कम्पनी के माध्यम से भागलपुर भेजने की तैयारी में थे. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पार्टी ने उनके बेटे को टिकट ही नहीं दिया. जिसके कारण एंबुलेंस को सदर अस्पताल के ही कैम्पस में खड़ा कर दिया गया.

गौरतलब है कि एसजेवीएन द्वारा दिये गये 5 एम्बुलेन्सों को अस्पताल से हटाकर पहले टाटा मोटर्स में मरम्मत करने के नाम पर 20 दिनों तक खड़ा रखा गया. जैसे ही बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी का एम्बुलेन्स प्रकरण सामने आया, रातोंरात टाटा मोटर्स से सभी एंबुलेंस को मंत्री के निजी सहायक नितिन मुकेश ने रिसीव कर लिया. उस रिसिविंग पत्र पर हस्ताक्षर, नाम और मोबाइल नम्बर मन्त्री जी के निजी सहायक का अंकित है. जबकि मुहर धनुष फाउंडेशन का लगा हुआ है. वहीं, अभी तक धनुष फाउंडेशन प्रमुख का पता नहीं पाया है.

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Last Updated : May 11, 2021, 10:28 AM IST
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