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सदर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी ने कोरोना को दी मात, कहा- जागरुकता से ही हो सकता है बचाव

कोरोना को मात दे चुके डॉ. भूपेंद्र ने बताया कि कोरोना का प्रसार कम होने के बावजूद लोगों को सख्ती से नियमों का पालन करना होगा. यह मरीजों को कोविड-19 के नियमों को लेकर जागरूक कर रहे हैं. 

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बक्सर
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Published : Oct 30, 2020, 5:32 PM IST

बक्सर: जिले में पिछले दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण प्रसार में तेजी से गिरावट आयी है. जिसके कारण जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति ने राहत की सांस ली है. लेकिन भविष्य में लोग कोरोना को लेकर बेफिक्र न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और चिकित्सक जागरुकता अभियान चला रहे हैं.

कोरोना संक्रमण को मात देकर लौटे डीएस
सदर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेंद्र नाथ जो पिछले दिनों कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे. लेकिन चिकित्सकों की देखरेख के साथ ही साथ मजबूत इच्छा शक्ति और नियमों का पालन कर उन्होंने कोरोना को मात दे दिया. इसके बाद वह फिर से अपने दायित्वों और कार्यों के निर्वहन में जुट गए हैं.

मरीजों को होती है काफी परेशानी
डॉ. भूपेंद्र नाथ ने बताया कि जब वह कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए, तब उन्हें शुरुआती दिनों में डर लगने लगा. डायबटीज और हाइपरटेंशन के मरीज होने के कारण उनकी परेशानियां और बढ़ गई. जिसके बाद वह इलाज के लिए अपने बेटे के पास दिल्ली चले गए. जहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ चिकित्सकों ने उनका इलाज किया. जिसके कारण वह कोरोना को मात देने में सफल रहे. इसके साथ ही 14 दिनों तक स्वयं को होम आइसोलेट रखने के बाद शुक्रवार को सदर अस्पताल में दोबारा वह कार्य में लग गए हैं.

लोगों में आयी है जागरुकता
कोरोना संक्रमण को लेकर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि शुरुआती दिनों में लोगों के बीच जिस प्रकार का माहौल था. मरीजों को घर से बाहर निकलने में भी डर लगता था. जागरूकता की कमी के कारण समाजिक दूरी बनती गई. लेकिन पहले की अपेक्षा अब लोगों में जागरुकता अधिक आई है. जिसके कारण धीरे-धीरे लोग इसके प्रति जागरुक होते जा रहे हैं.

बक्सर: जिले में पिछले दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण प्रसार में तेजी से गिरावट आयी है. जिसके कारण जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति ने राहत की सांस ली है. लेकिन भविष्य में लोग कोरोना को लेकर बेफिक्र न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और चिकित्सक जागरुकता अभियान चला रहे हैं.

कोरोना संक्रमण को मात देकर लौटे डीएस
सदर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेंद्र नाथ जो पिछले दिनों कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे. लेकिन चिकित्सकों की देखरेख के साथ ही साथ मजबूत इच्छा शक्ति और नियमों का पालन कर उन्होंने कोरोना को मात दे दिया. इसके बाद वह फिर से अपने दायित्वों और कार्यों के निर्वहन में जुट गए हैं.

मरीजों को होती है काफी परेशानी
डॉ. भूपेंद्र नाथ ने बताया कि जब वह कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए, तब उन्हें शुरुआती दिनों में डर लगने लगा. डायबटीज और हाइपरटेंशन के मरीज होने के कारण उनकी परेशानियां और बढ़ गई. जिसके बाद वह इलाज के लिए अपने बेटे के पास दिल्ली चले गए. जहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ चिकित्सकों ने उनका इलाज किया. जिसके कारण वह कोरोना को मात देने में सफल रहे. इसके साथ ही 14 दिनों तक स्वयं को होम आइसोलेट रखने के बाद शुक्रवार को सदर अस्पताल में दोबारा वह कार्य में लग गए हैं.

लोगों में आयी है जागरुकता
कोरोना संक्रमण को लेकर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि शुरुआती दिनों में लोगों के बीच जिस प्रकार का माहौल था. मरीजों को घर से बाहर निकलने में भी डर लगता था. जागरूकता की कमी के कारण समाजिक दूरी बनती गई. लेकिन पहले की अपेक्षा अब लोगों में जागरुकता अधिक आई है. जिसके कारण धीरे-धीरे लोग इसके प्रति जागरुक होते जा रहे हैं.

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