बक्सर: बिहार में एक बार फिर से सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है. मामला बक्सर जिले का है. जहां एक महिला दूसरी महिला जो सिवान में दारोगा हैं, उनकी सर्टिफिकेट पर शिक्षिका की नौकरी कर रही है. यह खुलासा तब हुआ जब महिला दारोगा प्रियंका सिवान से अपना सर्टिफिकेट लेने शिक्षा विभाग पहुंची, क्योंकि दारोगा बनने से पहले वो 2021 में शिक्षका थीं और शिक्षा विभाग से उन्होंने अपना प्रमाण पत्र वापस नहीं लिया था.
फर्जी महिला के खिलाफ एफआईआर दर्जः जब महिला दारोगा प्रियंका को इसकी जानकारी हुई कि उनके नाम और सर्टिफिकेट पर कोई अन्य महिला शिक्षका की नौकरी कर रही हैं, तो उन्होंने नगर थाने में उस फर्जी महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. वहीं शिक्षा विभाग ने भी इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यी टीम गठित कर दी है. इस घटना के बाद से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है.
महिला दारोगा ने दर्ज कराई प्राथमिकी: दरअसल, डुमरांव अनुमंडल के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के कांट गांव निवासी प्रियंका कुमारी का चयन वर्ष 2021 में वर्ग 6-8 तक के लिए शिक्षक के पद पर हुआ था. प्रियंका ने तब 9 अगस्त काे एमपी हाई स्कूल में कांउसलिंग भी कराई थी. काउंसलिंग के दाैरान उन्होंने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र विभाग में जमा कर दिया था.
कोई और प्रियंका कर रही थी नौकरी: इसी दाैरान प्रियंका का बिहार दाराेगा में चयन हाे गया. प्रियंका ने सिवान जिले में सब इंस्पेक्टर के पद पर याेगदान भी दिया. ऐसे में पिछले दिनों जब प्रियंका अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र वापस लेने शिक्षा विभाग पहुंची ताे उसे जानकारी हुई कि उक्त कागजात पर काेई अन्य प्रियंका मध्य विद्यालय नेनुआ में नाैकरी कर रही है. तब दारोगा प्रियंका ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.
"मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है. दोषी पाए जाने पर आरोपित के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी." - मुकेश कुमार, थानाध्यक्ष, नगर थाना, बक्सर.