बक्सर: बिहार के बक्सर जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभाकर दत्त मिश्रा की कोर्ट में 18 साल पहले हुए हत्या मामले की सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने पुलिस और दोनों पक्षों के गवाहों के सुनने के बाद आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. 18 साल बाद आए इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार के चेहरों पर इंसाफ की खुशी दिखाई दी.
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15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया: वहीं, मामले को लेकर अपर लोक अभियोजक बेचन राम ने बताया कि, 26 दिसंबर 2005 को नावानगर थाना क्षेत्र के मणियां गांव में सुचक जज सिंह अपने भाइयों के साथ धर के दरवाजे पर बैठे हुए थे. इस बीच उनके चाचा पूर्व मुखिया केशव सिंह शौच करने गए, जहां पहले से घात लगाकर बैठे धर्मदेव सिंह ने चाचा केशव सिंह को गोली मार दी. इस घटना में उनकी मौके पर ही मौत हो गई.''
''बाद में मामले में सूचक ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिस पर न्यायाधीश प्रभाकर दत्त मिश्रा ने सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर धर्मदेव सिंह उर्फ धर्मदेव यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उसपर 15 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया है.'' - बेचन राम, अपर लोक अभियोजक
टूटने लगी थी हिम्मत: बता दें कि पीड़ित परिवार पिछले 18 सालों से इंसाफ का इंतजार कर रहा था. उनकी हिम्मत तक टूटने लगी थी. परिवार का न्याय पर से भरोसा तक उठ चुका था. लेकिन इस फैसले के आने के बाद पीड़ित परिवार की आखों में पानी भर आया. उन्हें लगा कि देश में अभी भी न्याय बचा हुआ है.