बक्सर: केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र के डुमराव अनुमंडलीय अस्पताल वेंटिलेटर पर अपने अंतिम सांसे गिन रहा है. जहां कोरोना के इस दौर में भी सामान्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों की जांच और इलाज को लेकर इस अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं हैं.
हालात ऐसे हैं कि बिना किसी सूचना के पिछले 2 वर्षों से लगातार कई डॉक्टर छुट्टी पर आराम फरमा रहे हैं. उसके बाद भी उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. अस्पताल के लैब से लेकर एक्स-रे और अल्ट्रा साउंड कक्ष में वर्षो से ताला बंद है. जहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को छोटे-छोटे जांच कराने के लिए भी बाहर जाना पड़ता है.
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विधायक के पहुंचते ही स्वास्थ्यकर्मी में हड़कंप
अपने विधानसभा क्षेत्र के इस अनुमंडलीय अस्पताल के निरीक्षण करने पहुंचे भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह के आने की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया. अस्पताल के अधिकारी आनन-फानन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गए. इस दौरान अस्पताल के लैब से लेकर एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला बंद देख विधायक ने स्वास्थ्यकर्मियों को जमकर फटकार लगायी.
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क्या कहते हैं विधायक
अनुमंडलीय अस्पताल के निरीक्षण के दौरान भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि जिस अस्पताल के लैब, एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला बंद हो, लोगों का इलाज करने वाला कोई डॉक्टर नहीं हो, 4 लाख की आबादी पर एक एम्बुलेंस हो तो ऐसे अस्पताल को चलाने से क्या फायदा. पिछले 2 वर्षों से कई डॉक्टर बिना किसी सूचना के अस्पताल से गायब हैं और इस बात की सूचना तक किसी वरीय अधिकारी को नहीं है और अगर सूचना है तो अब तक ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.