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कृषि विभाग का कारनामा: एक फैमली को लाइसेंस बांट दिए 4, कागजों पर चल रही बीज की दुकान

बिहार सरकार किसानों के लिए चाहे कितनी भी योजनाएं चला ले. लेकिन जमीन तक योजना पहुंचते ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है.

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Published : Jun 8, 2019, 1:07 AM IST

Updated : Jun 8, 2019, 3:30 PM IST

बक्सर: जिले में कृषि विभाग के काले कारनामे का उजागर हुआ है. यहां विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से एक ही परिवार के कई लोगों को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस दे दिया गया है. जमीन पर तो छोड़िए, यहां कागजों में बीज, खाद और कीटनाशक का कारोबार हो रहा है.

मामला जिले के बक्सर प्रखंड का है. यहां पुष्पेंद्र तिवारी, अनीता देवी और प्रदीप सिंह को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस दिया गया. साथ ही इनके परिजनों को भी दुकान और लाइसेंस मुहैया करा दिया गया. वहीं, अनीता देवी को जो दुकान दी गई है, वहां जीन्स की दुकान खुली हुई है. कुल मिलाकर पूरा कारोबार कागजों पर हो रहा है. बता दें कि मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंच चुका है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

बदल लिया बयान
राज्य सरकार किसानों के लिए बड़े पैमाने पर कई योजनाएं चला रही है. लेकिन जिले स्तर पर डीलर्स एवं कृषि विभाग की मिली भगत से, ये योजनाएं जमीन पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. पूरे मामले को लेकर जब जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कुमार चक्रवर्ती से पूछा गया, तो पहले इन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है. लेकिन जैसे ही रिपोर्टर ने पूछा कि फिर आप ने करवाई क्यों नहीं की. तो पदाधिकारी ने अपना बयान को बदलने में ही अपनी भलाई समझी. इसके बाद कहा कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है. इस पूरे मामले की जांच कर करवाई की जाएगी.

कृषि विभाग के अधिकारी

कांग्रेस विधायक ने लगाया ये आरोप
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय विधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी ने कहा कि लगभग 7 महीना पहले डुमराव, सिकरौल, ब्रह्मपुर, बक्सर के किसानों ने इस बात का शिकायत की थी. इसके बाद विभाग से लेकर वर्तमान कृषि मंत्री तक उन्होंने अपने लेटर पैड पर पत्र लिखा. उसके बाद भी इस मामले पर विभाग चुप्पी साधे रहा. इससे साफ हो जाता है कि जिला कार्यालय से पैसा मंत्रालय तक जा रहा है.

क्या बोले बीजेपी नेता
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेता भरत प्रधान ने कहा कि 2018 में जिले को सूखा घोषित किये जाने के बाद वैकल्पिक कृषि के लिए सरकार ने जो 300 क्विंटल अरहर का बीज भेजा था. उस बीज क्या हुआ. आज तक पता नहीं चला. हमारी सरकार इस पूरे मामले की जांच करवा करवाई करेगी.

बीज में हुई अनियमितता- संयुक्त कृषि निदेशक
संयुक्त कृषि निदेशक उमेश मंडल ने भी माना कि जो अरहर का बीज आया था, उसमें अनियमितता हुई है. विभागीय जांच में जिसका नाम भी सामने आएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल, कुछ भी हो एक ही परिवार के चार सदस्यों को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस देना. फिर, जमीन पर दुकानों का ना होना. इस बात की ओर इशारा करता है कि जरूर बिहार में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में धांधली हो रही है.

बक्सर: जिले में कृषि विभाग के काले कारनामे का उजागर हुआ है. यहां विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से एक ही परिवार के कई लोगों को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस दे दिया गया है. जमीन पर तो छोड़िए, यहां कागजों में बीज, खाद और कीटनाशक का कारोबार हो रहा है.

मामला जिले के बक्सर प्रखंड का है. यहां पुष्पेंद्र तिवारी, अनीता देवी और प्रदीप सिंह को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस दिया गया. साथ ही इनके परिजनों को भी दुकान और लाइसेंस मुहैया करा दिया गया. वहीं, अनीता देवी को जो दुकान दी गई है, वहां जीन्स की दुकान खुली हुई है. कुल मिलाकर पूरा कारोबार कागजों पर हो रहा है. बता दें कि मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंच चुका है. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

बदल लिया बयान
राज्य सरकार किसानों के लिए बड़े पैमाने पर कई योजनाएं चला रही है. लेकिन जिले स्तर पर डीलर्स एवं कृषि विभाग की मिली भगत से, ये योजनाएं जमीन पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. पूरे मामले को लेकर जब जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कुमार चक्रवर्ती से पूछा गया, तो पहले इन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है. लेकिन जैसे ही रिपोर्टर ने पूछा कि फिर आप ने करवाई क्यों नहीं की. तो पदाधिकारी ने अपना बयान को बदलने में ही अपनी भलाई समझी. इसके बाद कहा कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है. इस पूरे मामले की जांच कर करवाई की जाएगी.

कृषि विभाग के अधिकारी

कांग्रेस विधायक ने लगाया ये आरोप
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय विधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी ने कहा कि लगभग 7 महीना पहले डुमराव, सिकरौल, ब्रह्मपुर, बक्सर के किसानों ने इस बात का शिकायत की थी. इसके बाद विभाग से लेकर वर्तमान कृषि मंत्री तक उन्होंने अपने लेटर पैड पर पत्र लिखा. उसके बाद भी इस मामले पर विभाग चुप्पी साधे रहा. इससे साफ हो जाता है कि जिला कार्यालय से पैसा मंत्रालय तक जा रहा है.

क्या बोले बीजेपी नेता
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेता भरत प्रधान ने कहा कि 2018 में जिले को सूखा घोषित किये जाने के बाद वैकल्पिक कृषि के लिए सरकार ने जो 300 क्विंटल अरहर का बीज भेजा था. उस बीज क्या हुआ. आज तक पता नहीं चला. हमारी सरकार इस पूरे मामले की जांच करवा करवाई करेगी.

बीज में हुई अनियमितता- संयुक्त कृषि निदेशक
संयुक्त कृषि निदेशक उमेश मंडल ने भी माना कि जो अरहर का बीज आया था, उसमें अनियमितता हुई है. विभागीय जांच में जिसका नाम भी सामने आएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल, कुछ भी हो एक ही परिवार के चार सदस्यों को बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस देना. फिर, जमीन पर दुकानों का ना होना. इस बात की ओर इशारा करता है कि जरूर बिहार में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में धांधली हो रही है.

Intro:बक्सर/ऐंकर-कृषि बिभाग के अधिकारियों की मिली भगत से एक ही परिवार के कई लोगों को मिला बीज वितरण केंद्र का लाइसेंस,जमीन पर नही कागजो में ही डीलर कर रहे है,विज,फर्टिलाइजर,एवं कीटनाशक वितरण का कारोबार। अधिकारियों के सामने मामला आने पर भी अब तक नही हुई करवाई।


Body:राज्य सरकार द्वारा किसानों की सहूलियत के लिए भले ही बड़े पैमाने पर किसानों के लिए कैबयोजनाएं चलाई जा रही हो,लेकिन जिला स्तर पर डीलरों एवं कृषि विभाग की मिली भगत से ये योजनाये जमीन पर उतरने से पहले ही भरस्टाचार के भेंट चढ़ जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला बक्सर जिला में प्रकाश में आया है। जंहा कृषि बिभाग के द्वारा एक ही परिवार में कई लोगो को बीज,फर्टिलाइजर,एवं कीटनाशक वितरण केंद्र का लाइसेन्स दे दिया गया है, जिसके आड़ में परिवार के केवल एक व्यक्ति के द्वारा बीज वितरण केन्द्र खोला गया है। जबकि अन्य वितरण केंद्र केवल कागज पर ही चल रहा है,इस पूरे मामले को लेकर जब जिला कृषि पदाधिकारी से पूछा गया तो ,पहले इन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है। लेकिन जैसे ही रिपोर्टर ने पूछा कि तो फिर आप ने करवाई क्यो नही की,तो इन्होंने बयान बदल लेने में ही अपना भलाई समझते हुए कहा कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है,इस पूरे मामले की जांच कर करवाई की जाएगी।

byte जिला कृषि पदाधिकारी

वही इस पूरे मामले को।लेकर स्थानीय बिधायक मुन्ना तिवारी उर्फ संजय तिवारी ने कहा कि,लगभग 7 महीना पहले डुमराव ,सिकरौल,ब्रह्मपुर ,बक्सर,के किसानों ने इस बात का कम्पलेन किया था जिसके बाद बिभाग से लेकर बर्तमान कृषि मंत्री तक को हमने अपने लेटर हेड पर पत्र लिखा उसके बाद भी इस मामले पर बिभाग चुप्पी साधे रहा जिससे साफ हो जता है। कि जिला कार्यालय से पैसा मंत्रालय तक जा रहा है।

vyte- संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी कांग्रेस विधायक।
वही इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेता भरत प्रधान ने कहा कि 2018 में जिला को सुखा घोषित किये जाने के बाद बैकल्पिक कृषि के लिए सरकार द्वारा जो 300 क्विंटल अरहर का बीज भेजा गया था । वह बीज क्या हुआ आज तक पता नही चला ।हमारी सरकार इस पूरे मामले की जांच करवाकर करवाई करेगी।

byte-भरत प्रधान भाजपा नेता
कृषि कार्यालय में डीलरों एवं अधिकारियो के मिली भगत से चल रहे कालाबजारी के खेल को लेकर बक्सर पहुचे संयुक्त कृषि निदेशक उमेश मंडल ने भी माना कि जो अरहर का बीज आया था उसमें अनियमितता हुई है। बिभाग जांच कर जो भी नाम आएगा उस पर करवाई करेगा।

byte उमेश मंडल संयुक्त कृषि निदेशक


Conclusion:हम आपको बताते चले कि कृषि बिभाग के मिली भगत से बिहार बीज निगम द्वारा किसानों के लिए उपलब्ध कराये जाने वाले फर्टिलाइजर,बीज,एवं कीटनाशक को सीधे बाजार में बेच दिया जाता है।क्योंकि बिभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया अधिकांस बीज वितरण केंद्र केवल कागजो में ही है,जबकि वितरण केन्द्र के एड्रेस के नाम पर केवल नगरपरिषद सिकरौल लख नावानगर लिख दिया गया है।
Last Updated : Jun 8, 2019, 3:30 PM IST
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