बक्सर: जिले में लॉकडाउन के बाद से संक्रमण का प्रसार काफी हद तक कम हुआ है. लेकिन, ऐसा नहीं है कि जिले से कोरोना का सफाया पूरी तरह हुआ है. अभी भी जिले में संक्रमण प्रसार की संभावना प्रबल है. जरा सी लापरवाही आपको और आपके परिजनों के लिए संकट खड़ी कर सकती है.
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दोनों डोज लेना अनिवार्य
अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, जिसकी चपेट में अब तक काफी लोग आ चुके हैं. हालांकि, अधिकांश लोग ठीक भी हुए हैं. लेकिन, संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आगामी दिनों यदि उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया, तो वह दोबारा संक्रमित हो सकते हैं. ऐसे में उन्हें भी टीके का दोनों डोज लेना अनिवार्य है.
किसी तरह का नहीं होगा नुकसान
दूसरी ओर, कई लोग ऐसे भी हैं जो, अफवाहों के चक्कर में आकर टीका लेने से कतरा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का भी यह कहना है कि कोरोना से ठीक हुए लोगों को भी टीका लेना चाहिए. इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है. डीआईओ डॉ. राज किशोर सिंह ने कहा कि कोरोना से जो लोग ठीक हो गए हैं, वे लोग ठीक होने के 40 दिन बाद टीका ले सकते हैं.
गाइडलाइन का नहीं होगा पालन
सामान्यतः संक्रमण के 45 दिन पूरा हो जाने के बाद व्यक्ति टीका लेने योग्य हो जाता है. निगेटिव आने के 40 दिन बाद टीका लेने पर कोई परेशानी नहीं होती है. लेकिन, पूरी तरह से टीकाकृत होने के बाद भी उन्हें कोरोना की गाइडलाइन का हर हाल में पालन करना होगा. घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें और भीड़भाड़ में जाने से बचें और सामाजिक दूरी का पालन करें.
टीकाकरण अभियान को लेकर अफवाह
डीआईओ डॉ. सिंह ने कहा जिले के सभी पीएचसी पर 18+ और 45+ के लिए अलग अलग टीकाकरण सत्रों का संचालन किया जा रहा है. निर्धारित उम्र के लोगों को टीके की उपलब्धता के आधार पर टीकाकृत किया जा रहा है. कई लोग टीकाकरण अभियान को लेकर अफवाह फैला रहे हैं. जिससे लोगों को दूर रहने की जरूरत है.
पहले इसके साइड इफेक्ट की बात कही जा रही थी, जो बिल्कुल भी सच नहीं है और अब कोरोना पीड़ित के सामने टीका लेने को लेकर संशय की स्थिति पैदा की जा रही है, जो सही नहीं है. किसी भी व्यक्ति को टीका लेने से कोई भी नुकसान नहीं होता है और हर किसी को कोरोना का टीका लेना है.