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किसान आंदोलन को हाईजैक कर रही मोदी सरकार, बक्सर में किसान नहीं कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ- संजय तिवारी

बीजपी के किसान सम्मेलन पर विपक्ष हमलावर है. बक्सर में शुक्रवार को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें बिहार उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और केंद्र की सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मुख्य रूप से भाग लिया था.इस सम्मेलन को विपक्ष कार्यकर्ता सम्मेलन बता रहा है.

farmers conference in buxar
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Published : Dec 20, 2020, 3:10 PM IST

बक्सर: एक तरफ जहां तापमान में लगातार गिरावट हो रही है वहीं दूसरी तरफ राजनीति का पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कृषि कानून को लेकर पूरे देश में आंदोलन की लहर चल रही है. तो इस कानून की खासियत बताने में सत्ता पक्ष लगा हुआ है. इसी के तहत बीजेपी की ओर से किसान सम्मेलन के जरिये लोगों को कृषि कानून क्यों बेहतर है बताया जा रहा है. राज्यों में जिलास्तर पर बीजेपी सम्मेलन कर रही है. इस पर विपक्ष हमलावर है. वहीं बक्सर में भी किसान सम्मेलन का 18 दिसम्बर यानी की शुक्रवार को आयोजन किया गया था.

'किसान सम्मेलन नहीं कार्यकर्ता सम्मेलन'
बक्सर में आयोजित किसान सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे मुख्य रूप से मौजूद थे. बक्सर में हुए किसान सम्मेलन पर भी जमकर हमले हो रहे हैं. विपक्ष इसे पूरी तरह कार्यकर्ता सम्मेलन कह रही है. बक्सर सदर सीट से जीते कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने किसान सम्मेलन पर जमकर निशाना साधा है. और इसे कार्यकर्ता सम्मेलन करार दिया.

देखें ये रिपोर्ट

कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी की बड़ी बातें

  • यह किसान सम्मेलन नहीं बल्कि पूरी तरह कार्यकर्ता सम्मेलन था.
  • भाजपा किसानों को ठगने का काम कर रही है.
  • भाजपा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में कहीं से भी किसान नहीं आए थे.
  • सम्मेलन में केवल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही शामिल हुए थे.
  • कांग्रेस ने जिस बिल का समर्थन किया था, वह ये बिल नहीं है.
  • मनमोहन सिंह सरकार में चाहे वह यूपीए वन की बात हो या यूपीए-2 की, किसानों के लिए बहुत काम किए गए.
  • भाजपा की सरकार केवल अंबानी और अडानी का कर्जा माफ करती है.

विपक्ष गांव गांव जाकर किसानों से मिलने की तैयारी में
संजय तिवारी ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में हम इस आंदोलन को, इस विरोध को और तेज करेंगे. साथ ही कॉग्रेस अब महागठबंधन के नेताओं से मिलकर गांव गांव तक जाने की तैयारी में है. अब कॉग्रेस किसानों के मुद्दे को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में भी है. निश्चित रुप से किसानों का मुद्दा इतनी जल्दी शांत होता नहीं दिख रहा क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को शांत करने के मूड में ही नहीं है. उधर केंद्र सरकार भी कृषि कानून को किसानों का हितैषी बताने में लगी हुई है.

बक्सर: एक तरफ जहां तापमान में लगातार गिरावट हो रही है वहीं दूसरी तरफ राजनीति का पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कृषि कानून को लेकर पूरे देश में आंदोलन की लहर चल रही है. तो इस कानून की खासियत बताने में सत्ता पक्ष लगा हुआ है. इसी के तहत बीजेपी की ओर से किसान सम्मेलन के जरिये लोगों को कृषि कानून क्यों बेहतर है बताया जा रहा है. राज्यों में जिलास्तर पर बीजेपी सम्मेलन कर रही है. इस पर विपक्ष हमलावर है. वहीं बक्सर में भी किसान सम्मेलन का 18 दिसम्बर यानी की शुक्रवार को आयोजन किया गया था.

'किसान सम्मेलन नहीं कार्यकर्ता सम्मेलन'
बक्सर में आयोजित किसान सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे मुख्य रूप से मौजूद थे. बक्सर में हुए किसान सम्मेलन पर भी जमकर हमले हो रहे हैं. विपक्ष इसे पूरी तरह कार्यकर्ता सम्मेलन कह रही है. बक्सर सदर सीट से जीते कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने किसान सम्मेलन पर जमकर निशाना साधा है. और इसे कार्यकर्ता सम्मेलन करार दिया.

देखें ये रिपोर्ट

कांग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी की बड़ी बातें

  • यह किसान सम्मेलन नहीं बल्कि पूरी तरह कार्यकर्ता सम्मेलन था.
  • भाजपा किसानों को ठगने का काम कर रही है.
  • भाजपा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में कहीं से भी किसान नहीं आए थे.
  • सम्मेलन में केवल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही शामिल हुए थे.
  • कांग्रेस ने जिस बिल का समर्थन किया था, वह ये बिल नहीं है.
  • मनमोहन सिंह सरकार में चाहे वह यूपीए वन की बात हो या यूपीए-2 की, किसानों के लिए बहुत काम किए गए.
  • भाजपा की सरकार केवल अंबानी और अडानी का कर्जा माफ करती है.

विपक्ष गांव गांव जाकर किसानों से मिलने की तैयारी में
संजय तिवारी ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में हम इस आंदोलन को, इस विरोध को और तेज करेंगे. साथ ही कॉग्रेस अब महागठबंधन के नेताओं से मिलकर गांव गांव तक जाने की तैयारी में है. अब कॉग्रेस किसानों के मुद्दे को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में भी है. निश्चित रुप से किसानों का मुद्दा इतनी जल्दी शांत होता नहीं दिख रहा क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को शांत करने के मूड में ही नहीं है. उधर केंद्र सरकार भी कृषि कानून को किसानों का हितैषी बताने में लगी हुई है.

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