ETV Bharat / state

देश के सबसे गंदे शहरों में बक्सर का नाम आने पर नप ने झाड़ा पल्ला, कहा- जिला प्रशासन है जिम्मेवार - नगर परिषद के अधिकारी

कार्यपालक पदाधिकारी के इस बयान के बाद सामाजिक कार्यकर्ता डॉ निसार अहमद ने अधिकारियों को आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जल्द यदि शहर की सफाई नहीं हुई तो बक्सर क्रांतिकारियों की भूमि रही है. एक बार फिर इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आंदोलन होगा.

Buxar
Buxar
author img

By

Published : Aug 24, 2020, 11:03 PM IST

Updated : Aug 29, 2020, 12:04 AM IST

बक्सर: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास विभाग द्वारा देश के 382 शहरों की सूची में बक्सर का नाम दूसरा सबसे गंदा शहर में आया है. इसके बाद सत्ताधारी दल के नेताओं की खूब किरकिरी हो रही है. विपक्ष से लेकर नगरवासी तक अधिकारियों और सरकार पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं.

नगर परिषद ने झाड़ा अपना पल्ला
इस बाबत नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि बक्सर का नाम सबसे गंदे शहरों में आने में नगर परिषद का कोई दोष नहीं है. इसका जिम्मेवार जिला प्रशासन है. अगर जिला प्रशासन ने कूड़ा डंप करने के लिए जगह मुहैया कराया होता तो आज शहर की स्थिति यह नहीं होती. बार-बार विभाग को पत्र लिखने के बाद भी ना तो जगह मुहैया कराया गया, और ना ही कोई व्यवस्था की गई. जिसके कारण शहर में ही जहां-तहां खाली जगह देखकर कूड़ा डंप करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

आंदोलन करने की चेतावनी
कार्यपालक पदाधिकारी के इस बयान के बाद सामाजिक कार्यकर्ता डॉ निसार अहमद ने अधिकारियों को आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जल्द यदि शहर की सफाई नहीं हुई तो बक्सर क्रांतिकारियों की भूमि रही है. एक बार फिर इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आंदोलन होगा. बेहतर होगा कि जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारी समय रहते व्यवस्था को दुरुस्त कर दें. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने कहा कि आज हमारा सिर शर्म से झुक जा रहा है. देव भूमि बक्सर को आज गंदे शहर के रूप में जाना जा रहा है. बता दें कि नमामि गंगे योजना भी जिले में पूरी तरह से फेल रही है. गंगा के किनारे बसे 46 शहरों में बक्सर दूसरा सबसे गंदा शहर बताया गया है. यहां मात्र 50 मीटर की दूरी पर नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा कूड़ा डंप किया जाता है.

बक्सर: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास विभाग द्वारा देश के 382 शहरों की सूची में बक्सर का नाम दूसरा सबसे गंदा शहर में आया है. इसके बाद सत्ताधारी दल के नेताओं की खूब किरकिरी हो रही है. विपक्ष से लेकर नगरवासी तक अधिकारियों और सरकार पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं.

नगर परिषद ने झाड़ा अपना पल्ला
इस बाबत नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि बक्सर का नाम सबसे गंदे शहरों में आने में नगर परिषद का कोई दोष नहीं है. इसका जिम्मेवार जिला प्रशासन है. अगर जिला प्रशासन ने कूड़ा डंप करने के लिए जगह मुहैया कराया होता तो आज शहर की स्थिति यह नहीं होती. बार-बार विभाग को पत्र लिखने के बाद भी ना तो जगह मुहैया कराया गया, और ना ही कोई व्यवस्था की गई. जिसके कारण शहर में ही जहां-तहां खाली जगह देखकर कूड़ा डंप करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

आंदोलन करने की चेतावनी
कार्यपालक पदाधिकारी के इस बयान के बाद सामाजिक कार्यकर्ता डॉ निसार अहमद ने अधिकारियों को आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जल्द यदि शहर की सफाई नहीं हुई तो बक्सर क्रांतिकारियों की भूमि रही है. एक बार फिर इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आंदोलन होगा. बेहतर होगा कि जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारी समय रहते व्यवस्था को दुरुस्त कर दें. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने कहा कि आज हमारा सिर शर्म से झुक जा रहा है. देव भूमि बक्सर को आज गंदे शहर के रूप में जाना जा रहा है. बता दें कि नमामि गंगे योजना भी जिले में पूरी तरह से फेल रही है. गंगा के किनारे बसे 46 शहरों में बक्सर दूसरा सबसे गंदा शहर बताया गया है. यहां मात्र 50 मीटर की दूरी पर नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा कूड़ा डंप किया जाता है.

Last Updated : Aug 29, 2020, 12:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.