बक्सर: ईटीवी भारत द्वारा खबर प्रकाशित किये जाने के बाद हरकत में आये नगर परिषद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने संज्ञान लेते हुए बक्सर विश्राम सरोवर के जीर्णोद्वार के लिए नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजने को लेकर डीपीआर तैयार करने में जुट गए है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम और चेयरमैन प्रतिनिधि नेमतुला फरीदी ने बताया कि जल्द ही इस विश्राम सरोवर के साथ ही भगवान राम और महर्षि विश्वामित्र से जुड़े सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जाएगा.
ईटीवी भारत की खबर का असर: सरोवर की बदहाली पर ईटीवी भारत ने 19 अक्टूबर को 'अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है विश्राम सरोवर' शीषर्क नाम से स्पेशल स्टोरी प्रकाशित की थी, जिस खबर का असर हुआ. मिली जानकारी के अनुसार बसाव मठिया के समीप स्टेशन रोड की पुर्व दिशा में स्थित विश्राम सरोवर की भूमि पर जमीन माफियाओं ने कब्जा कर लिया है, पूरी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद इस विश्राम सरोवर का जीर्णोद्धार किया जाएगा.
सरोवर में दिखेगी पंचकोशी यात्रा की झलक: सरोवर का डिजाइन इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि उसके बीचोबीच महर्षि विश्वामित्र की प्रतिमा होगी और चारों दिशा में पंचकोशी परिक्रमा यात्रा की झलक दिखेगी. इसको लेकर नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि नप के बोर्ड की बैठक में इसका प्रस्ताव पास कर के लगभग दो करोड़ का स्टीमेट बनाकर विभाग को भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा.
"शहर को बेहतर और स्वच्छ बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है, हमलोग भी एक सप्ताह से घूम-घूम कर चीजों का जायजा ले रहे हैं और कमियां पाए जाने पर उसे ठीक करने का निर्देश भी दे रहे हैं. विश्राम सरोवर के जीर्णोद्धार को लेकर बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पास कर भेजा गया है, स्वीकृति मिलते ही जल्द इसपर काम किया जाएगा."- प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नप
नप के चेयरमैन पति ने क्या कहा: इसको लेकर नप के चेयरमैन पति सह प्रतिनिधि नेमतुला फरीदी ने कहा कि भगवान राम, महर्षि विश्वामित्र, भगवान वामन, रामरेखा घाट, रामेश्वरम मंदिर, पंचकोशी यात्रा, लिट्टी चोखा का स्वाद इन सब के बिना बक्सर का कोई महत्व नहीं है. इन सभी स्थानों का जिर्णोदार किया जाएगा. विश्राम सरोवर को इस तरह से बनाया जाएगा, जिसे देखने के लिए लोग खुदबखुद खिंचे चले आएंगे और यह सारा काम इसी कार्यकाल में पूरा किया जाएगा.
हर साल होती है पंचकोसी यात्रा: गौरतलब है कि हर साल अगहन महिने में पंचकोसी परिक्रमा यात्रा की शुरूआत होती है, जिसमें श्रद्धालु उत्तरायणी गंगा में स्नान कर इस यात्रा के पहले पड़ाव में मां अहिल्या के आश्रम अहिरौली पहुंचते हैं, दूसरे पड़ाव में नारद मुनि का आश्रम नदाव, तीसरे पड़ाव में भार्गव ऋषि का आश्रम भभुअर, चौथे पड़ाव में उद्दालक ऋषि के आश्रम उनवास और पांचवे और अंतिम पड़ाव में चरित्र वन बक्सर पहुंच कर उत्तरायणी गंगा में स्नान कर श्रद्धालु लिट्टी चोखा का भोग लगाकर इस यात्रा का समापन करते हैं.
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