बक्सर: कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां नीतीश सरकार सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम होने का दावा करती है तो वहीं, दूसरी ओर बक्सर सदर अस्पताल की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है.
सदर अस्पताल में 8 बेडों वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. लेकिन, संसाधन नदारद हैं. अस्पताल में मरीजों की जांच के लिए मशीन तक मौजूद नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब जांच होगी ही नहीं तो मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में किस आधार पर रखा जाएगा.
बनाया गया कोरोना वार्ड
सिविल सर्जन डाक्टर उषा किरण ने बताया कि कोरोना को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों पर आंगनवाड़ी सेविका से लेकर सिविल सर्जन तक का पैनी नजर है. सदर अस्पताल में 8 बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है. जहां संदिग्ध व्यक्तिों को रखकर उनका इलाज किया जाएगा.
अलर्ट का दावा फेल
वहीं, सिविल सर्जन डाक्टर उषा किरण से पूछा गया कि कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की पहचान करने के लिए सदर अस्पताल के पास क्या संसाधन है? तो उन्होंने कहा कि उनके पास जांच की कोई ऐसी मशीन नहीं है. संदिग्ध लगने पर मरीज को जांच के लिए पटना रेफर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अस्पताल प्रशासन ने इंफ्रारेड थर्मामीटर और कोरोना वायरस से निपटने के लिए जरूरत के समान उपलब्ध कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा है.