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31 साल 9 महीने 7 दिन पहले उतारा था मौत के घाट, अब जाकर मिला आजीवन कारावास

Buxar latest news बिहार के बक्सर हत्याकांड (Buxar murder case) मामले में कोर्ट ने 31 साल 9 माह 7 दिन के बाद तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सभी को दोषियों को 10-10 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया. मामला 29 मार्च 1991 का है. पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर सिविल कोर्ट
बक्सर सिविल कोर्ट
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Published : Jan 5, 2023, 9:27 PM IST

बक्सरः 'भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं' यह वाक्य बक्सर सिविल कोर्ट के फैसले के लिए सटीक बैठता है. कोर्ट ने एक पुराने हत्या मामले में पूरे 32 साल बाद दोषी को सजा सुनाई. मामला 29 मार्च 1991 का है. जहां जमीन विवाद में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाप थाने में केस दर्ज कराया गया था. जिस मामले में लंबे समय के बाद कोर्ट ने आखिर पीड़ित परिवार को न्याय दी. मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

यह भी पढ़ेंः हड़ताल पर बैठे BSSC अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, 'नीतीश कुमार हाय-हाय' के लगे नारे

29 मार्च 1991 मामलाः यह मामला जिले के सिकरौल थाना का है. 29 मार्च 1991 को भखवा नहर के पास जमीनी विवाद में काशी नाथ चौबे की हत्या कर दी गई थी. पीड़ित पक्ष के सूचक गुलाब चौबे ने सिकरौल थाने में कन्हैया चौबे, गणेश चौबे अवध किशोर चौबे के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था. इस हत्या के मामले में कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी. आखिर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक राय ने 31 साल बाद सजा सुनाई. पुलिस और दोनों पक्षों के गवाहों के सुनने के बाद तीनों आरोपियो को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया.

लंबी सुनवाई के बाद आया फैसलाः इसकी जानकारी अपर लोक अभियोजक ददन कुमार सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि 29 मार्च 1991 को जमीन विवाद में भखवा नहर पुल के पास काशी नाथ चौबे की हत्या कर दी गई थी. इसी मामले में सुचक गुलाब चौबे ने सिकरौल थाना में आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. कन्हैया चौबे, अवध किशोर चौबे ,गणेश चौबे सभी साकिन भखवा के हैं. इसी मामले में पुलिस की चार्जशीट के बाद न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया. न्यायाधीश विवेक राय ने तीनों अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की गई.

बक्सरः 'भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं' यह वाक्य बक्सर सिविल कोर्ट के फैसले के लिए सटीक बैठता है. कोर्ट ने एक पुराने हत्या मामले में पूरे 32 साल बाद दोषी को सजा सुनाई. मामला 29 मार्च 1991 का है. जहां जमीन विवाद में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाप थाने में केस दर्ज कराया गया था. जिस मामले में लंबे समय के बाद कोर्ट ने आखिर पीड़ित परिवार को न्याय दी. मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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29 मार्च 1991 मामलाः यह मामला जिले के सिकरौल थाना का है. 29 मार्च 1991 को भखवा नहर के पास जमीनी विवाद में काशी नाथ चौबे की हत्या कर दी गई थी. पीड़ित पक्ष के सूचक गुलाब चौबे ने सिकरौल थाने में कन्हैया चौबे, गणेश चौबे अवध किशोर चौबे के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था. इस हत्या के मामले में कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी. आखिर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक राय ने 31 साल बाद सजा सुनाई. पुलिस और दोनों पक्षों के गवाहों के सुनने के बाद तीनों आरोपियो को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा के साथ 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया.

लंबी सुनवाई के बाद आया फैसलाः इसकी जानकारी अपर लोक अभियोजक ददन कुमार सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि 29 मार्च 1991 को जमीन विवाद में भखवा नहर पुल के पास काशी नाथ चौबे की हत्या कर दी गई थी. इसी मामले में सुचक गुलाब चौबे ने सिकरौल थाना में आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. कन्हैया चौबे, अवध किशोर चौबे ,गणेश चौबे सभी साकिन भखवा के हैं. इसी मामले में पुलिस की चार्जशीट के बाद न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया. न्यायाधीश विवेक राय ने तीनों अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की गई.

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