बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में कृषि टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. डीएम ने कहा कि जब जिले में धान की कटनी सत प्रतिशत हो गई है तो उसके बाद भी अब तक मात्र 17 प्रतिशत धान की खरीदारी क्यों हुई है.
व्यपारियों को बेच दिया धान: मिली जानकारी के अनुसार, बक्सर जिला प्रशासन एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले में धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य से जिला कोशो दूर है. आलम यह है कि अधिकांश किसानों ने सहकारी समितियों के मनमानी से तंग आकर अपनी उपज व्यपारियों को औने पौने दाम में बेच दिया है.
किसानों के धान बिक्री के बाद टूटी नींद: दरअसल, जिले में 15 नवंबर से 15 फरवरी तक 1.75 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी जब पैक्स एवं व्यपार मंडल के द्वारा किसानों की धान की खरीददारी नहीं की गई. ऐसे में किसानों ने अपनी धान व्यपारियो को बेच दिया.
17 प्रतिशत ही धान की खरीददारी: वहीं, इस बीच सरकारी समितियों द्वारा मात्र 17 प्रतिशत ही धान की खरीददारी की गई. जो लक्ष्य से कोशो दूर है. ऐसे में 27 जनवरी को जिले में मुख्यमंत्री के दौरे का जब कार्यक्रम तय हुआ तो अधिकारियो की नींद टूटी. अब सभी आनन-फानन में किसी तरह से लक्ष्य को पूरा करने के लिए हाथ पैर मार रहे है.
कृषि टास्क फोर्स की बैठक में लगाई फटकार: जिले के ब्रह्मपुर प्रखण्ड में 27 जनवरी को मुख्यमंत्री का आगमन होने वाला है. इससे पहले सभी विभाग के अधिकारी अपनी नकामी पर पर्दा डालने के लिए बही खाता ठीक करने में लग गए है. इस दैरान जब जिलाधिकारी ने कृषि टास्क फोर्स की बैठक बुलाई, तो अधिकारियों ने जो आंकड़ा दिखाया उसे देखकर जिलाधिकारी भी हैरान हो गए.
अंजाम भुगतने की बात कही: जिले में धान की कटनी सत प्रतिशत समाप्त होने के बाद भी धान की अधिप्राप्ति मात्र 17 प्रतिशत ही हुई है. इस दौरान जिलाधिकारी ने सहकारिता विभाग के अधिकारियो को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि निर्धारित अवधि से पहले लक्ष्य को पूरा करे वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे.
कहा से होगी धान की खरीददारी: वहीं विभागीय आधिकारिक सूत्रों की माने तो अब विभाग व्यपारियों और मिलरों से साठ गांठ कर व्यपारियों से किसानों के नाम पर सीधे धान की खरीददारी कर अपनी नकामी पर पर्दा डालने की तैयारी में है. क्योंकि जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराई थी उसने धान व्यपारियो को बेच दिया है.
व्यापार मंडल कर्मियों का दुर्व्यवहार बनी वजह: बता दें कि जिले में किसानों के साथ पैक्स एवं व्यपार मंडल के कर्मियों की दुर्व्यवहार के कारण धान बेच दिया. सरकारी समितियां किसानों से ही धान की पालदारी, वजन, बोरे एवं वहन खर्च के अलावे प्रति क्विंटल 5 किलो अधिक धान की वसूली करते थे, जिससे परेशान किसानों ने पैक्स में जाने के बजाए व्यपारियों को धान बेच दिया.
इसे भी पढ़े- बक्सर में मात्र 10 प्रतिशत धान की खरीददारी, जानें क्यों व्यापारियों से धान बेच रहे किसान ?