बक्सरः मानसून के आगमन के साथ ही जिला प्रशासन ने सम्भावित बाढ़ के खतरे को भांपते हुए सुरक्षात्मक तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. जिलाधिकारी (DM Buxar) अमन समीर ने बक्सर-कोइलवर तटबंध का निरीक्षण कर कमजोर तेरह जगहों की मरम्मत करने का निर्देश दिया है. साथ ही तेईस जगहों को चिन्हित करके राहत समाग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है.
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तटबंध के 13 जगहों को किया गया चिन्हित
इस बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि जिले के पांच प्रखंड प्रायः बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं. ऐसे में हमारा मुख्य ध्येय इन पांचों प्रखंडों को बाढ़ की विभीषिका से बचाना है.
उन्होंने बताया कि तटबंध का निरीक्षण करने के बाद उन 13 जगहों को चिन्हित किया गया है जहां बाढ़ का खतरा ज्यादा है. ऐसे जगहों पर राहत कार्यों की तैयारियों के मद्देनजर नाव, प्लास्टिक तिरपाल, सामूहिक रसोई के लिए स्थलों का चयन करने जैसे कामों को कर लिया गया है.
2016 में आई बाढ़ के अधार पर की जा रही तैयारी
जिलाधिकारी ने बताया की बाढ़ के समय काम करने वाले नाविकों, रसोइयों एवं अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों का करोना टीकाकारण हो चुका है. बक्सर में बाढ़ कि स्थिति अगस्त में आती है.
डीएम ने बताया कि 2016 में आई बाढ़ से जिले की 30 पंचायतों का हाल बुरा था. इसको ध्यान में रखते हुए उन इलाकों में पहले ही हर स्तर की तैयारी को पूरा किया जा रहा है. उन क्षेत्रों में टीकाकरण का काम भी प्राथमिकता के आधार पर जारी है.
20 जून तक मरम्मत का काम होगा पूरा
वहीं, इस बारे में बताते हुए प्रभारी कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण शम्भू कुमार ने बताया कि 15 से 20 जून के भीतर बक्सर कोइलवर तटबंध के मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए जो बाढ़ रोधी सामग्री होती है, उसे जरूरत के अनुसार रख लिया गया है.
गंगा के बाढ़ से बचाता है बक्सर-कोइलवर तटबंध
गौरतलब है कि बक्सर-कोइलवर तटबंध बक्सर और भोजपुर जिला को गंगानदी की बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए बनाया गया था. जिसकी कुल लंबाई करीब 110 किलोमीटर है. जबकि बक्सर जिले में कुल लंबाई करीब 52 किलोमीटर है, जो बक्सर स्थित कुंवर सिंह सेतू के पास से लेकर सुइया भागड़ तक है.