बक्सर: एक तरफ कोरोना कहर बरपा रहा है. वहीं दूसरी ओर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में एसजेवीएन की ओर से जिला स्वास्थ्य समिति को वर्ष 2019 में गिफ्ट किये गये एम्बुलेंस का चौथी बार वर्चुअल उद्घाटन किया. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. इसके बाद सियासी हंगामा भी हुआ. लेकिन सवाल अभी भी वही है.
अश्विनी कुमार चौबे की ओर से प्रेस रिलीज जारी की गई. लेकिन हर बार 'नेता जी' मूल सवालों के जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं. हालांकि इस पूरे प्रकरण में 'मंत्री जी' अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. लेकिन उनकी तरफ से बीजेपी के नेता लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देने में लगे हुए हैं. दूसरे दिन पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने सफाई दी है और राज्य में कुव्यस्था के लिए विपक्ष को जिम्मेदार बताया गया है.
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एंबुलेंस प्रकरण पर बुधवार को दूसरे दिन जिला अतिथि गृह में पूरी तैयारी के साथ प्रेस वार्ता करने पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने कहा कि जिस मकसद के लिए एंबुलेंस लिया गया था. उस मकसद में पहली बार 15 मई को उद्घाटन हुआ है. पहले जिस उद्घाटन की बात कही जा रही है. उस समय लोकहित में अस्थायी उद्घाटन किया गया था. लेकिन सभी उपकरणों से सुसज्जित होने के बाद पहली बार उद्घाटन किया गया है. बता दें कि मंत्री जी के प्रतिनिधि रोज-रोज इस मामले पर अलग-अलग तरीके से जवाब दे रहे हैं.
ईटीवी के सवाल और 'नेता जी' का जवाब
ईटीवी भारत का सवाल: 2019 में सदर अस्पताल से इस एम्बुलेंस का उद्घाटन सबसे पहले हुआ था, फिर 15 मई 2021 को उदघाट्न करने की क्या जरूरत पड़ गई?
'नेता जी' का जवाब: लोकहित में अस्थायी रूप से उद्घाटन कर, जिला स्वास्थ्य समिति को दिया गया था. लेकिन जिस संदर्भ में, एसजेवीएन कम्पनी ने यह एम्बुलेन्स दिया था. उस संदर्भ में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर पहली बार उद्घाटन किया गया है.
ईटीवी भारत का सवाल: तीन साल में तीन संस्थानों को क्यों देना पड़ा, एम्बुलेंस और जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो उसे डेढ़ साल तक क्यों खड़ा करके रखा गया?
'नेता जी' का जवाब: स्थानीय लोगों के विरोध के कारण नहीं, कोरोना काल को देखते हुए एचएलएल कम्पनी को नहीं दिया गया एम्बुलेन्स, जिला स्वास्थ्य समिति के लोग उससे कोरोना काल में काम ले रहे थे.
ईटीवी भारत का सवाल: एम्बुलेन्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है?
'नेता जी' का जवाब: प्रोसेस में है.
ईटीवी भारत का सवाल: प्रोसेस का पेपर कहा है?
'नेता जी' का जवाब: किसी अन्य प्रदेश से भी तो रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया चल रही होगी.
ईटीवी भारत का सवाल: जो एम्बुलेन्स चल रही है. उसके मॉनिटरिंग कमेटी में कौन-कौन हैं?
'नेता जी' का जवाब: कोई भी हो सकता, किसी को जिम्मेदारी दी जा सकती है.
ईटीवी भारत का सवाल: 'मंत्री जी' के निजी सहायक नितिन मुकेश ने एम्बुलेन्स के रिसिविंग पेपर पर धनुष फाउंडेशन की ओर से कैसे हस्ताक्षर कर दिया?
'नेता जी' का जवाब: नितिन मुकेश मंत्री जी का निजी सहायक नहीं है.
ईटीवी भारत का सवाल: गैर सरकारी व्यक्ति सरकारी एम्बुलेन्स कैसे रिसीव कर लिया?
'नेता जी' का जवाब: जब तक उसका उद्घाटन नहीं हो जाता उसपर सांसद का हक है. इसलिए निजी सहायक उसको रिसीव कर लिए.
ईटीवी भारत का सवाल: अस्पताल की बदहाली का जिम्मेवार कौन?
'नेता जी' का जवाब: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने ढाई साल में स्वास्थ्य विभाग को बेपटरी कर दिया, पटरी पर लाने में समय लगेगा. कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले अस्पताल को दुरुस्त किया जाएगा.
ईटीवी की खबर को तेजस्वी ने किया ट्वीट
दुर्भाग्य की बात है कि तीन साल में आज तक इस एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो पाया. ऐसे में इस एम्बुलेंस से कोई हादसा हो जाता है तो, उसका जिम्मेवार कौन होगा? खबर को जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रमुखता से उठाया और तीखे सवाल किए तो इस पर सभी ने चुप्पी साध ली. लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने ईटीवी भारत की खबर को ट्वीट कर निशाना साधा है.
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पढ़िए कब- कब हुआ उद्घाटन
सबसे पहले 102 में इस एम्बुलेंस का उद्घाटन किया गया था. दूसरी बार चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार के नाम से इसका उद्घाटन किया गया. तीसरी बार इसका उद्घाटन कैमूर से किया गया. जबकि आज चौथी बार महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन के नाम से इसका उदघाट्न किया गया.
- पहली बार: 102 में हुआ एम्बुलेंस का उद्घाटन
- दूसरी बार: 'चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार' के नाम से उद्घाटन
- तीसरी बार: कैमूर से किया गया उद्घाटन
- चौथी बार: 'महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन' के नाम से उदघाट्न
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हैदराबाद के एनजीओ को दे दिए 5 एम्बुलेंस
इसी बीच 8 अप्रैल 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विभागीय पत्र जारी कर बक्सर सिविल सर्जन को एसजेवीएन कम्पनी द्वारा गिफ्ट किये गए 6 एम्बुलेंस में से 5 एंबुलेंस धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर करने का निर्देश दे दिया. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने 5 एम्बुलेंस हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर कर दिया और सभी एम्बुलेंस बक्सर से बाहर भेज दिया गया.