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बक्सर: परिवार नियोजन को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने निकाली जागरुकता रैली

आगामी 14 जनवरी से शुरू होने वाले मिशन परिवार विकास अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. इसको लेकर सदर प्रखंड अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं ने वार्ड स्तर पर जागरुकता रैली निकाली. राज्य सरकार ने 14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है.

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आशा कार्यकर्ताओं ने निकाला जागरूकता रैली
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Published : Jan 13, 2021, 10:57 AM IST

बक्सर: परिवार नियोजन की सफलता सरकार की योजनाओं और उद्देश्यों के साथ लोगों की समझ और जागरुकता पर निर्भर करती है. जब तक लोगों में परिवार नियोजन की पूरी समझ नहीं उत्पन्न हो जाती, तब तक इसका उद्देश्य सफल नहीं होगा. लेकिन सबसे पहले जरूरी है लोगों को परिवार नियोजन की पूरी जानकारी देना. जिसके अभाव में वो अपने परिवार को नियोजित करने से वंचित रह जाते हैं. दूसरी ओर, ज्यादातर लोगों को परिवार नियोजन की सही जानकारी नहीं है.

प्रखंड स्तर पर शुरू हुए कार्यक्रम
आगामी 14 जनवरी से शुरू होने वाले मिशन परिवार विकास अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है. इस क्रम में सदर प्रखंड अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं ने वार्ड स्तर पर जागरूकता रैली शुरू कर दी है. साथ ही, 14 जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक आयोजित होने वाले दंपति सम्पर्क सप्ताह और 21 जनवरी से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. जिसकी सफलता को लेकर सदर प्रखंड में टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में कई लोग शामिल
बैठक की अध्यक्षता बीडीओ दीप चन्द जोशी ने की. बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, सीडीपीओ पुष्पा रानी, बीएचएम आनंद राय, बीसीएम प्रिंस कुमार, डब्लूएचओ के अशोक कुमार, यूनिसेफ के आलोक कुमार शामिल रहे.

बड़ी खबर : पटना एयरपोर्ट के पायलट की हत्या, अपाधियों ने मारी 6 गोलियां

14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान
परिवार नियोजन को लेकर लोगों को तथ्यों के साथ परिवार नियोजन की पूरी जानकारी देनी होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने 14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसको लेकर प्रखंड व जिला स्तर पर व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक लोगों को परिवार नियोजन के सम्बंध में जागरूक किया जा सके.

''सबसे पहले परिवार नियोजन के बारे में जानना होगा. परिवार नियोजन का सही मतलब शादी के बाद दो साल तक पहले बच्चे के जन्म को टालना, पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखना और अपने परिवार को सीमित रखना. इसके लिए स्थायी और अस्थायी साधन अपनाने होते हैं. जिन्हें परिवार नियोजन के साधन कहे जाते हैं. स्थायी साधन में महिला पुरुष नसबंदी. वहीं, अस्थायी साधन में गर्भनिरोधक गोलियां आदि शामिल हैं. लोग अपनी सुविधा अनुसार इन साधनों का इस्तेमाल कर अपने परिवार को नियोजित कर सकते हैं''. -डॉ. नरेश कुमार, प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी

बच्चों के लालन-पोषण का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता
परिवार नियोजन के कई फायदे होते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जल्दी-जल्दी बच्चे नहीं होने से मां और बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहता है और उनपर नवजात के लालन-पोषण का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता है. इसके अलावा कम बच्चे होने से उनकी देख-रेख और शिक्षा आदि पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है. वहीं, पति-पत्नी आपस में अधिक समय बिता सकते हैं. इसलिए कहा जाता है कि परिवार नियोजन खुशहाली का जरिया है.

बक्सर: परिवार नियोजन की सफलता सरकार की योजनाओं और उद्देश्यों के साथ लोगों की समझ और जागरुकता पर निर्भर करती है. जब तक लोगों में परिवार नियोजन की पूरी समझ नहीं उत्पन्न हो जाती, तब तक इसका उद्देश्य सफल नहीं होगा. लेकिन सबसे पहले जरूरी है लोगों को परिवार नियोजन की पूरी जानकारी देना. जिसके अभाव में वो अपने परिवार को नियोजित करने से वंचित रह जाते हैं. दूसरी ओर, ज्यादातर लोगों को परिवार नियोजन की सही जानकारी नहीं है.

प्रखंड स्तर पर शुरू हुए कार्यक्रम
आगामी 14 जनवरी से शुरू होने वाले मिशन परिवार विकास अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है. इस क्रम में सदर प्रखंड अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं ने वार्ड स्तर पर जागरूकता रैली शुरू कर दी है. साथ ही, 14 जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक आयोजित होने वाले दंपति सम्पर्क सप्ताह और 21 जनवरी से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. जिसकी सफलता को लेकर सदर प्रखंड में टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया.

बैठक में कई लोग शामिल
बैठक की अध्यक्षता बीडीओ दीप चन्द जोशी ने की. बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, सीडीपीओ पुष्पा रानी, बीएचएम आनंद राय, बीसीएम प्रिंस कुमार, डब्लूएचओ के अशोक कुमार, यूनिसेफ के आलोक कुमार शामिल रहे.

बड़ी खबर : पटना एयरपोर्ट के पायलट की हत्या, अपाधियों ने मारी 6 गोलियां

14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान
परिवार नियोजन को लेकर लोगों को तथ्यों के साथ परिवार नियोजन की पूरी जानकारी देनी होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने 14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसको लेकर प्रखंड व जिला स्तर पर व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक लोगों को परिवार नियोजन के सम्बंध में जागरूक किया जा सके.

''सबसे पहले परिवार नियोजन के बारे में जानना होगा. परिवार नियोजन का सही मतलब शादी के बाद दो साल तक पहले बच्चे के जन्म को टालना, पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखना और अपने परिवार को सीमित रखना. इसके लिए स्थायी और अस्थायी साधन अपनाने होते हैं. जिन्हें परिवार नियोजन के साधन कहे जाते हैं. स्थायी साधन में महिला पुरुष नसबंदी. वहीं, अस्थायी साधन में गर्भनिरोधक गोलियां आदि शामिल हैं. लोग अपनी सुविधा अनुसार इन साधनों का इस्तेमाल कर अपने परिवार को नियोजित कर सकते हैं''. -डॉ. नरेश कुमार, प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी

बच्चों के लालन-पोषण का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता
परिवार नियोजन के कई फायदे होते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जल्दी-जल्दी बच्चे नहीं होने से मां और बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहता है और उनपर नवजात के लालन-पोषण का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता है. इसके अलावा कम बच्चे होने से उनकी देख-रेख और शिक्षा आदि पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है. वहीं, पति-पत्नी आपस में अधिक समय बिता सकते हैं. इसलिए कहा जाता है कि परिवार नियोजन खुशहाली का जरिया है.

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