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राम जन्मभूमि से चलकर कर्मभूमि बक्सर पहुंचा अक्षत कलश, 'जय श्रीराम' के नारों से गूंजा इलाका

Akshat Kalash Reached Buxar: 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए बक्सर वासियों को पीले चावल से निमंत्रण दिया जाएगा. इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि अयोध्या से चलकर अक्षत कलश उनके कर्मभूमि बक्सर पहुंचा. अक्षत कलश के पहुंचते ही जय श्रीराम के जयघोष से पूरा इलाका गूंज उठा. पढ़ें पूरी खबर.

अयोध्या से बक्सर पहुंचा अक्षत कलश
अयोध्या से बक्सर पहुंचा अक्षत कलश
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 14, 2023, 1:35 PM IST

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बक्सर: विश्वामित्र की पावन नगरी श्री राम की कर्मभूमि बक्सर में अयोध्या से चलकर अक्षत कलश के पहुंचते ही जय श्री राम के नारों से पूरा इलाका गूंजने लगा. इस दौरान अक्षत कलश लेकर आए साधु संतों का बक्सर वासियों ने बड़े ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बक्सर वासियों को पीले चावल से न्यौता दिया जाएगा.

अक्षत कलश की जिलेवासियों ने की पूजा: अयोध्या से चलकर अक्षत कलश देर रात बक्सर पहुंचा. जिसके बाद गोलंबर स्थित सनातन धर्मियों और राम जन्मभूमि अक्षत आमंत्रण समिति के सदस्यों ने अक्षत कलश की विधि-विधान के साथ पूजन कर अक्षत कलश को विजय निकेतन समिति के संयोजक संजय राय, सह संयोजक राघव को दिया.

22 जनवरी को भारत में दीपोत्सव: वहीं इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद के संतोष ओझा ने भारत के सभी सनातन धर्मियों से आग्रह किया कि 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाएं. यह अक्षत कलश क्षेत्र के लिए राम मंदिर के निमंत्रण के रूप में आया है. कहा कि इस कलश के साथ क्षेत्र में महासंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा.

चलाया जाएगा महासंपर्क अभियान: इस महासंपर्क अभियान में विभिन्न संगठनों के लोगों से सहयोग की अपील की गई. कहा गया कि इस अभियान के तहत घर-घर जाकर अक्षत कलश के पीले चावल से सभी परिवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भी दिया जाएगा. साथ ही 22 जनवरी को बक्सर जिले के सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाएगा. जिस तरह से बनवास से राम के लौटने के बाद अयोध्या को सजाया गया था.

15 दिसंबर के बाद अक्षत वितरण: अयोध्या से आये अक्षत कलश को बसांव मठिया में महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य के सानिध्य में रखा गया है. अक्षत वितरण आमंत्रण के लिए 15 दिसंबर को बसांव मठिया पर एक बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिले के सुदूर इलाके के गांव टोले तक आमंत्रण पहुंचाने के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा और उस टीम के लोग जिले वासियों को आमंत्रण देकर 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने के लिए आग्रह करेंगे.

पढ़ें: बिहार के इस मंदिर की कहानी अद्भुत, यहां संत ने ली थी समाधि, धड़कन के बदले सीता राम की ध्वनि सुनकर डॉक्टर के छूटे थे पसीने

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बक्सर: विश्वामित्र की पावन नगरी श्री राम की कर्मभूमि बक्सर में अयोध्या से चलकर अक्षत कलश के पहुंचते ही जय श्री राम के नारों से पूरा इलाका गूंजने लगा. इस दौरान अक्षत कलश लेकर आए साधु संतों का बक्सर वासियों ने बड़े ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बक्सर वासियों को पीले चावल से न्यौता दिया जाएगा.

अक्षत कलश की जिलेवासियों ने की पूजा: अयोध्या से चलकर अक्षत कलश देर रात बक्सर पहुंचा. जिसके बाद गोलंबर स्थित सनातन धर्मियों और राम जन्मभूमि अक्षत आमंत्रण समिति के सदस्यों ने अक्षत कलश की विधि-विधान के साथ पूजन कर अक्षत कलश को विजय निकेतन समिति के संयोजक संजय राय, सह संयोजक राघव को दिया.

22 जनवरी को भारत में दीपोत्सव: वहीं इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद के संतोष ओझा ने भारत के सभी सनातन धर्मियों से आग्रह किया कि 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाएं. यह अक्षत कलश क्षेत्र के लिए राम मंदिर के निमंत्रण के रूप में आया है. कहा कि इस कलश के साथ क्षेत्र में महासंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा.

चलाया जाएगा महासंपर्क अभियान: इस महासंपर्क अभियान में विभिन्न संगठनों के लोगों से सहयोग की अपील की गई. कहा गया कि इस अभियान के तहत घर-घर जाकर अक्षत कलश के पीले चावल से सभी परिवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भी दिया जाएगा. साथ ही 22 जनवरी को बक्सर जिले के सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाएगा. जिस तरह से बनवास से राम के लौटने के बाद अयोध्या को सजाया गया था.

15 दिसंबर के बाद अक्षत वितरण: अयोध्या से आये अक्षत कलश को बसांव मठिया में महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य के सानिध्य में रखा गया है. अक्षत वितरण आमंत्रण के लिए 15 दिसंबर को बसांव मठिया पर एक बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिले के सुदूर इलाके के गांव टोले तक आमंत्रण पहुंचाने के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा और उस टीम के लोग जिले वासियों को आमंत्रण देकर 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचने के लिए आग्रह करेंगे.

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