बक्सर: बिहार के बक्सर में कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया गया है. बाजार समिति में कृषि विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय मेले की शुरुआत जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर की थी लेकिन हैरानी की बात है कि दो दिवसीय इस कृषि यांत्रिकरण मेले में दो दर्जन भी किसान नहीं पहुंचे, जिससे डीलरों को मायूस होकर समय से पहले ही मेले को बंद कर लौटना पड़ा. डीलरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विभाग की ओर से किसानों के बीच प्रचार-प्रसार ही नहीं किया गया. जिस वजह से किसान नहीं आए.
कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साह को जानकारी नहीं: हालांकि किसानों की अनुपस्थिति को लेकर जब जिला कृषि पदाधिकारी शत्रुघ्न साह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम कोर्ट में काम से आए हैं. ऐसी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है. विभाग इसकी समीक्षा करेगा कि आखिर किसान कृषि मेले में क्यों नहीं आए?
किसानों ने लगाया आरोप: जिले के ग्यारहों प्रखण्ड में 2 लाख 22 हजार रजिस्टर्ड किसान है. मेले के पहले दिन 12 दिसम्बर को मात्र 13 किसान ही इस मेले में पहुंचे. वहीं हालात अंतिम दिन भी देखने को मिला. जिसके कारण समय से पहले ही मेले को बंदकर डीलर निकल गए, किसानों के साथ डीलरों का आरोप है कि विभाग की ओर से मेले का प्रचार प्रसार नहीं किया गया. जिसके कारण किसानों को जानकारी ही नहीं हुई.
437 किसानों को 1 करोड़ 66 लाख का अनुदान: जिला कृषि पदाधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कृषि मेले से पहले राज्य सरकार की ओर से जिले के 437 वैसे किसान जो यंत्र खरीदने के लिए ऑन लाइन किए थे. उनको अनुदान के रूप में राज्य सरकार ने केवल बक्सर जिले में 1 करोड़ 66 लाख 14500 अनुदान की राशि देने की घोषणा की है. उसके बाद भी मात्र 13 किसान ही इसका लाभ उठा पाए.
"मेले में वैसे ही यंत्रों को लाया गया है, जिसे खरीद पाना छोटे किसानों के बस की बात नहीं है. 108 यंत्रों की सूची प्रकाशित कर 14-15 यंत्र को ही मेले में लाया गया है. उसकी भी कीमत बाजार रेट से अनुदान मिलने के बाद भी अधिक हो रही है. ऐसे में किसान इस मेले में आकर क्या करेंगे?"- किसान
किसानों में निराशा: दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेले के नाम पर विभाग ने 1 लाख 50 हजार की राशि खर्च किया है. उसके बाद भी प्रचार प्रसार के अभाव में किसानों तक मेले की जानकारी नहीं हो पाई. किसानों के पास यंत्रों का परमिट होने के बाद भी बिना यंत्र की खरीदारी किए ही वह निराश होकर लौट गए.
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