बक्सर: आचार संहिता उल्लंघन मामले में अश्विनी कुमार चौबे को जमानत मिलने का मामला फर्जी निकला है. उनके अधिवक्ता केदार तिवारी ने बताया कि कोर्ट में अबतक यह मामला आया ही नहीं है. जिस मामले में उन्हें बेल मिली वह साल 2017 का है. जब बिजली विभाग के साथ भाजपा कर्मियों की झड़प हुई थी. इसी मामले में अश्विनी कुमार चौबे को मंगलवार को नियमित जमानत मिली है.
उन्होंने यह भी बताया कि इस बार आचार संहिता के उल्लंघन में एफआईआर दर्ज किया गया है, वह अबतक कोर्ट में नहीं पहुंचा है. जब कोर्ट में आएगा तो उसपर भी नियमित जमानत की मांग की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
सिविल कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष निवर्तमान सांसद अश्विनी कुमार चौबे मंगलवार को हाजिर हुए. नगर थाना मुकदमा संख्या 116/17 में नियमित जमानत पाने के लिए उनकी पेशी हुई. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राकेश कुमार ने उनकी जमानत मंजूर कर ली.
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अश्विनी कुमार चौबे के वकील केदार तिवारी ने बताया कि, 2017 में बिजली विभाग की मनमानी के खिलाफ भाजपा जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के साथ विभाग की झड़प हुई थी. जिसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजली विभाग के समक्ष धरना प्रदर्शन किया था. उस धरने में मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी शामिल थे. इसलिए उनपर भी मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मामले में आज नियमित जमानत मिली है.
बता दें कि 30 मार्च को शहर के किला मैदान में एसडीएम केके उपाध्याय एवं मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बीच आदर्श आचार संघिता उल्लंघन को लेकर विवाद हुआ था. जिस बाबत जिला प्रशासन द्वारा नगर थाना के कांड संख्या 293/19 अचार संहिता से सम्बंधित मामला दर्ज किया गया. जिसमें मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है क्योंकि नगर थाना से उस मामले को अबतक कोर्ट के समक्ष नहीं भेजा है.
कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं
ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा धारा 147, 149, 171,187, 353 और 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है.