बक्सर: कोरोना संक्रमण से मची तबाही के बीच, जिले में ब्लैक फंगस संक्रमण ने दस्तक दे दिया है. जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया है. इस संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद परिजनों के द्वारा जिला कोर्ट केयर सेंटर में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई. जिसके बाद जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, एवं कोविड-19 केयर सेंटर को अलर्ट कर दिया है. स्वास्थ विभाग के द्वारा सभी सरकारी एवं गैरसरकारी अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देश जारी किए गये हैं.
डुमरांव अनुमंडल के रहने वाला है मृतक
मिली जानकारी के अनुसार, डुमराव अनुमंडल अंतर्गत नवानगर के एक गांव का रहने वाला है. जिसमें ब्लैक फंगस के सभी लक्षण दिखाई देने के बाद परिजनों ने उसे जिला कोविड 19- केयर सेंटर में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरीज की मौत की खबर सुनकर मृतक के ग्रामीण भी सहम गये हैं.
क्या कहते है अधिकारी
वह इस मामले को लेकर बक्सर सिविल सर्जन जितेंद्र नाथ ने ईटीवी भारत की टीम को जानकारी देते हुए बताया कि, मृतक का कोविड-19 सेंटर में इलाज चल रहा था. जिसमें ब्लैक फंगस के सभी लक्षण पाए गए. जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है. इलाज के लिए आने वाले किसी भी मरीज में इस तरह के लक्षण पाए जाने के बाद तुरंत सूचना देने के लिए निर्देश जारी किया गया है.
नेशनल टास्क फोर्स ने जारी किए हैं दिशा-निर्देश
म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कोविड- 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है. जिसमें गंभीर रोग से प्रभावित लोगों को इस बीमारी से बचने की विशेष सलाह दी गयी है. एक्सपर्ट ग्रुप ने इस रोग से बचाव के उपायों की जानकारी देते बताया हुए इस रोग से जुड़े अफवाहों व भ्रांतियों से भी बचने की अपील की है.
म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगस संक्रमण है. जिसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है. ग्रुप ने बताया कि बुखार व ठंड सहित कोविड 19 के अन्य लक्षण दिखने पर आपदा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14410 या कोविड हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन कर आवयश्क जानकारी ली जा सकती है. साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा 104 से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
स्टेरॉयड सेवन करने वालों को करता है प्रभावित
म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है. जो मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं. विशेषरूप से स्टेरॉयड दवा लेने वालों को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है. ऐसे व्यक्तियों के साइनस या फेफड़े, हवा से फंगल बीजाणुओं के अंदर जाने के बाद प्रभावित होते हैं.
म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है जो अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित है. इसके अलावा लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहे मरीज, अंग प्रत्यारोपण आदि रोगियों को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करता है.
आंख व नाक में दर्द व लाली हो तो रहें सावधान
म्यूकोरमाइकोसिस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. जिसकी चेतावनी के संकेत ओर लक्षणों में आंख और नाक के आसपास दर्द और लाली रहना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खूनी उल्टी व मानसिक स्थिति में बदलाव आना शामिल है.
बचाव के उपायों को अपनायें और लगाये मास्क
विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर म्यूकोरमाइकोसिस की रोकथाम की जा सकती है. यदि धूल भरे निर्माण स्थल पर जा रहें हैं तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें. मिट्टी, बागवानी, काई या खाद आदि से जुड़े काम करते समय जूते, लंबी पैंट, पूरी बाजू वाली कमीज और दस्ताने अवश्य पहनें.
मधुमेह पीड़ित लोगों को रखना है अधिक ध्यान
कोविड 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रूप द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 रोगियों सहित मधुमेह रोगियों एवं कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना अधिक होता है. ऐसे लोगों को यदि नाक में रूकावट या जमाव, नाक से खूनी स्राव, गाल की हड्डी पर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सुन्न ओर सूजन होना, नाक व तालू के उपर कालापन आना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़ीला होना, जबड़े में दिक्कत आदि हो तो म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना बहुत अधिक होती है. इसके अलावा छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी भी म्यूकोरमाइकोसिस होने के लक्षण होते हैं.