औरंगाबाद: कभी प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर दुनिया को चकित करने वाला युवा साइंटिस्ट विनीत ने कोरोना से बचने के लिए एक छाता का निर्माण किया है. जिससे सोशल डिस्टेंस भी मेंटेन भी किया जा सकता है और लगातार सैनिटाइज भी रह सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी कीमत मजह 300 रुपये है.
पूरे देश में कोरोना कोविड19 से बचने के लिए सरकार लॉक डाउन कर रखी है. इस बीमारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस और सेनेटाइजेशन जरूरी है. सोशल डिस्टेंस और सेनेटाइजेशन के लिए औरंगाबाद जिले के सदर प्रखण्ड के देवहरा गांव निवासी बाल वैज्ञानिक विनीत कुमार ने एक छाता का अविष्कार किया है. इस छाता में कई सारी खूबियां हैं. विनीत पहले भी प्लास्टिक से पेट्रोल बनाकर तहलका मचा चुका है.
दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने से रोकता है स्पेल छाता
विनीत ने इस छाते की खासियत के बारे में विस्तृत रुप से बताया है. उनका कहना है कि अगर संक्रमित व्यक्ति इस छाते का यूज करें तो संक्रमण दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलेगा. विनीत ने बताया कि इस महामारी से बचने के लिए सैनिटाइज करना एक मात्र उपाए है. हैंड वाश करते रहे और लोगों के संपर्क में ना आएं. लोगों से दूरी बनाए रखें.
पूरी बॉडी प्रोटेक्ट करता है छाता
इस छाते की खासियत है कि यह पूरी बॉडी को प्रोटेक्ट करता है. इसके अंदर सिरिंज लगा हुआ है जिसके माध्यम से अंदर सैनिटाइजर स्प्रे होता है. खोलने पर सिरिंज दबकर सैनिटाइजर को पूरी छाते के ऊपर भाग से छलक जाता है और वह पूरी तरह से सैनिटाइज हो जाता है. इसके अंदर और भी जरूरत के सामान रखे हुए हैं. वहीं, इसमें ऑन द स्पॉट हैंड वॉश कर सकते हैं और इसके अंदर मास्क की भी लगा है. जरूरत के हिसाब से मास्क का भी यूज किया जा सकता है.
छाते के अंदर रहने पर नष्ट किया जा सकता है वायरस
संक्रमित व्यक्ति इस छाता को लेकर बैहैर जाने पर संक्रमण किसी दूसरे व्यक्ति तक फैल नहीं पाएगा. क्योंकि छाते के अंदर वह पूरी तरह से अपने शरीर को ढक कर रखेगा इस. व्यक्ति का बॉडी जब तक छाते के अंदर रहेगा तब तक वह सैनिटाइज रहेगा और वायरस से बचा रहेगा. अगर अंदर में वायरस चला भी जाएगा तो उसे सैनिटाइजर के माध्यम से हटाया या नष्ट किया जा सकता है.
विशेष छाता का टेस्ट कराए सरकार
लोगों का कहना है कि सरकार विनीत के द्वारा तैयार किए गए इस विशेष छाता को टेस्ट कराना चाहिए. इसे आम लोगों को उपलब्ध कराया जाए ताकि इसका लाभ उठा सकें. देश में फैल रहे संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके.