औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद में जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के हसपुरा बाजार में दुकान में लूट के दौरान दुकानदार की हत्या (Punishment for murder of shopkeeper during shop robbery) मामले में 28 साल बाद फैसला आया है. देवकुंड थाना क्षेत्र के दुलार बिगहा गांव निवासी आरोपी को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे-15 अमित कुमार सिंह ने बुधवार को 28 साल पुराने डकैती के मामले में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त को सजा सुनाई है.
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दस साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया : घटना का अभियुक्त देवकुंड थाना के दुलार बिगहा गांव निवासी नरेंद्र सिंह को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. सरकार की ओर से एपीओ अरविंद कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि 25 नवंबर को अभियुक्त को दोषी ठहराया गया था. सजा की बिन्दु पर सुनवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में सश्रम कारावास और दस हजार जुर्माना लगाया गया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 394 में दस साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी. सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी.
दुकानदार की डकैतों ने की थी गोली मारकर हत्या : अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि वाद के सूचक हसपुरा के काशीनाथ खत्री ने 08 जून 1994 को प्राथमिकी में कहा था कि कन्हैया लाल खत्री के दुकान में शाम 7:30 बजे डकैतों ने धावा बोला था. जिसमें विरोध करने पर कन्हैयालाल खत्री की डकैतों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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