औरंगाबाद: एनआईओएस से डीएलएड करने वाले छात्रों के भविष्य को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शुरू से ही इन तीन लाख बेरोजगार शिक्षकों के भविष्य को अधर में डालने की कोशिश कर रही है. अब जबकि हाईकोर्ट का फैसला आ गया है फिर भी इसे लागू करने के बजाय बिहार सरकार एनसीटीई से अपील के लिए पूछ रही है.
एनसीटीई के भरोसे बिहार सरकार
बता दें कि एनआईओएस द्वारा कराए गए डीएलएड पाठ्यक्रम को बिहार सरकार द्वारा मान्यता नहीं दिए जाने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर इसे मान्यता देने की बात सामने आई थी. लेकिन बिहार सरकार ने एक बार फिर पैंतरा बदलते हुए गेंद एनसीटीई के पाले में भेज दिया है. बिहार सरकार ने एनसीटीई से पूछा है कि हाईकोर्ट के इस आदेश को सरकार लागू कर दे या वे अपील पर जाएंगे?
'शिक्षकों का भविष्य अधर में'
बिहार सरकार की इस पहल को पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उकसाने वाली कार्रवाई बताया है. उन्होंने कहा कि तीन लाख से अधिक बेरोजगार शिक्षकों का भविष्य अधर में है और बिहार सरकार उन्हें न्याय देने के बदले उनके रास्ते में अड़ंगा लगा रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की शुरू से ही एनआईओएस के प्रशिक्षित शिक्षकों को बहाली के दायरे से बाहर रखने की मंशा थी और वे अपनी में चाल में लगातार कामयाब हो रहे हैं.