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औरंगाबाद में जितिया पर्व का स्नान करने गए पांच बच्चे डूबे, दो सुरक्षित

औरंगाबाद के सोन नदी में नहाने के क्रम में पांच बच्चे डूब गए. जिनमें से दो बच्चों को बचा लिया गया, जबकि तीन की डूबने से मौत (Three Children Died In Aurangabad) हो गयी.

औरंगाबाद में डूबने से तीन बच्चों की मौत
औरंगाबाद में डूबने से तीन बच्चों की मौत
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Published : Sep 18, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Sep 18, 2022, 9:38 PM IST

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद काली स्थान सोन घाट पर भीषण हादसा हुआ है. यहां जितिया पर्व का स्नान करने महिलाएं सोन नदी गयी थी. उनके साथ बच्चे भी मौजूद थे. इस दौरान पांच बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. वहां मौजूद लोगों ने डूब रहे बच्चों में से दो को सुरक्षित बाहर निकाल (Three children Died Due To drowning in Aurangabad) लिया, लेकिन तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका. हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी है. लापता बच्चों की नदी में तलाश जारी है.

ये भी पढ़ें- वैशाली में मूर्ति विसर्जन करने गए टाटा कंपनी के दो कर्मचारी डूबे



घटना रविवार के दोपहर की बताई जा रही है. मृतकों में दाउदनगर शहर के वार्ड संख्या एक अमृत, बिगहा निवासी मनोज पासवान का आठ वर्षीय पुत्र सोनू कुमार, राजकुमार पासवान का 12 वर्षीय पुत्र किशु कुमार व गोह थाना क्षेत्र के मीरपुर निवासी जीतेंद्र पासवान का आठ वर्षीय शिवा कुमार शामिल हैं. बताया जाता है कि कुछ महिलाएं जिउतिया व्रत का स्नान करने के लिए सोन नदी काली स्थान घाट में गईं थीं. उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी गए थे. स्नान के दौरान सोन नदी में पानी की गहराई का पता नहीं चल पाया और पांच बच्चे पानी में डूबने लगे.

सोन नदी क्षेत्र में काम कर रहे ग्रामीण दौड़ पड़े और महिलाओं तथा दो बच्चों को बचा लिया गया. बच्चों में से कल्लू कुमार व निपुण कुमार को बचा लिया गया. जबकि सोनू, किशु व शिवा की सोन नदी में डूबने से मौत हो गई. तीनों बच्चों को निकाल कर प्राथमिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर लाया गया. जहां के चिकित्सकों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया.

घटना की सूचना मिलते ही राजस्व पदाधिकारी सह प्रभारी सीओ मनोज कुमार गुप्ता एवं थानाध्यक्ष गुफरान अली दल-बल के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच गए. पुलिस द्वारा आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है. वहीं,ग्रामीणों द्वारा मृतक के आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. फिलहाल घटना के बाद क्षेत्र में मातम का माहौल है और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.

''सोन नदी में बालू निकासी के कारण गड्ढा हो गया है, जिससे पानी की गहराई का पता ही नहीं चल पाता. नियम के विरुद्ध जेसीबी व पोकलेन मशीन लगा कर मनमाने तरीके से बालू की निकासी कराई जाती है, जिसके कारण सोन नदी में जगह-जगह पर काफी गड्ढा बन गया है. अवैध खनन न होता तो बच्चे नदी में न डूबते''- मृतक के परिजन

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद काली स्थान सोन घाट पर भीषण हादसा हुआ है. यहां जितिया पर्व का स्नान करने महिलाएं सोन नदी गयी थी. उनके साथ बच्चे भी मौजूद थे. इस दौरान पांच बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. वहां मौजूद लोगों ने डूब रहे बच्चों में से दो को सुरक्षित बाहर निकाल (Three children Died Due To drowning in Aurangabad) लिया, लेकिन तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका. हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी है. लापता बच्चों की नदी में तलाश जारी है.

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घटना रविवार के दोपहर की बताई जा रही है. मृतकों में दाउदनगर शहर के वार्ड संख्या एक अमृत, बिगहा निवासी मनोज पासवान का आठ वर्षीय पुत्र सोनू कुमार, राजकुमार पासवान का 12 वर्षीय पुत्र किशु कुमार व गोह थाना क्षेत्र के मीरपुर निवासी जीतेंद्र पासवान का आठ वर्षीय शिवा कुमार शामिल हैं. बताया जाता है कि कुछ महिलाएं जिउतिया व्रत का स्नान करने के लिए सोन नदी काली स्थान घाट में गईं थीं. उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी गए थे. स्नान के दौरान सोन नदी में पानी की गहराई का पता नहीं चल पाया और पांच बच्चे पानी में डूबने लगे.

सोन नदी क्षेत्र में काम कर रहे ग्रामीण दौड़ पड़े और महिलाओं तथा दो बच्चों को बचा लिया गया. बच्चों में से कल्लू कुमार व निपुण कुमार को बचा लिया गया. जबकि सोनू, किशु व शिवा की सोन नदी में डूबने से मौत हो गई. तीनों बच्चों को निकाल कर प्राथमिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर लाया गया. जहां के चिकित्सकों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया.

घटना की सूचना मिलते ही राजस्व पदाधिकारी सह प्रभारी सीओ मनोज कुमार गुप्ता एवं थानाध्यक्ष गुफरान अली दल-बल के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच गए. पुलिस द्वारा आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है. वहीं,ग्रामीणों द्वारा मृतक के आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. फिलहाल घटना के बाद क्षेत्र में मातम का माहौल है और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.

''सोन नदी में बालू निकासी के कारण गड्ढा हो गया है, जिससे पानी की गहराई का पता ही नहीं चल पाता. नियम के विरुद्ध जेसीबी व पोकलेन मशीन लगा कर मनमाने तरीके से बालू की निकासी कराई जाती है, जिसके कारण सोन नदी में जगह-जगह पर काफी गड्ढा बन गया है. अवैध खनन न होता तो बच्चे नदी में न डूबते''- मृतक के परिजन

Last Updated : Sep 18, 2022, 9:38 PM IST
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