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मौसम की मार के बाद अब कोरोना से किसानों को लाखों का नुकसान, खेतों में सड़ रही स्ट्रॉबेरी

किसानों को इस बात का दुःख है कि बारिश, ओलावृष्टि ने पहले ही कमर तोड़ रखी थी. अब लॉक डाउन के कारण स्ट्रॉबेरी खेत में सड़ रहा है. इससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. कर्ज और पट्टे पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है.

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Published : Mar 29, 2020, 8:24 PM IST

aurangabad
खेत में सड़ रहा स्ट्रॉबेरी

औरंगाबाद: जिले के कुटुंबा प्रखंड के किसानों को मौसम के बाद अब कोरोना की मार झेलना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को हो रहा है. लॉकडाउन के कारण व्यापारी स्ट्रॉबेरी खरीदने नहीं पहुंच रहे हैं.

किसानों का रोना इस बात का है कि यातायात बंद होने के कारण स्ट्रॉबेरी को दूसरे शहरों में नहीं भेज पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिले के चिल्हकी बिगहा गांव के किसान स्ट्रॉबेरी की केती जमकर करते हैं. स्थानीय किसान बीरेंद्र मेहता, दिलीप कुमार, सुरेंद्र मेहता, सुनील कुमार, विमलेश मेहता स्ट्रॉबेरी की बिक्री नहीं होने से काफी निराश हैं.

किसानों को लाखों का नुकसान
किसानों का कहना है कि बाजार और ग्राहक के आभाव में स्ट्रॉबेरी खेत में सड़ रहा है. किसानों को बताया कि पहले मौसम के कारण उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा है. अब कोरोना के कहर से उनकी कमर टूट गई है. किसान वीरेंद्र मेहता ने बताया कि 15 से 20 दिन तक स्ट्रॉबेरी का फल निकलता, जिससे उनकी कमाई होती. लेकिन कोरोना के कारण उन्हें लगभग लाखों का नुकसान हुआ है.

कर्ज के कारण मुश्किल में किसान
किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व हुए बारिश और ओलावृष्टि स पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. इसके बाद लॉक डाउन से उनकी हालत अत्यंत खराब हो गई. सबसे ज्यादा मुश्किल में कर्ज और पट्टे पर खेती करने वाले किसानों हैं.

औरंगाबाद: जिले के कुटुंबा प्रखंड के किसानों को मौसम के बाद अब कोरोना की मार झेलना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को हो रहा है. लॉकडाउन के कारण व्यापारी स्ट्रॉबेरी खरीदने नहीं पहुंच रहे हैं.

किसानों का रोना इस बात का है कि यातायात बंद होने के कारण स्ट्रॉबेरी को दूसरे शहरों में नहीं भेज पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिले के चिल्हकी बिगहा गांव के किसान स्ट्रॉबेरी की केती जमकर करते हैं. स्थानीय किसान बीरेंद्र मेहता, दिलीप कुमार, सुरेंद्र मेहता, सुनील कुमार, विमलेश मेहता स्ट्रॉबेरी की बिक्री नहीं होने से काफी निराश हैं.

किसानों को लाखों का नुकसान
किसानों का कहना है कि बाजार और ग्राहक के आभाव में स्ट्रॉबेरी खेत में सड़ रहा है. किसानों को बताया कि पहले मौसम के कारण उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा है. अब कोरोना के कहर से उनकी कमर टूट गई है. किसान वीरेंद्र मेहता ने बताया कि 15 से 20 दिन तक स्ट्रॉबेरी का फल निकलता, जिससे उनकी कमाई होती. लेकिन कोरोना के कारण उन्हें लगभग लाखों का नुकसान हुआ है.

कर्ज के कारण मुश्किल में किसान
किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व हुए बारिश और ओलावृष्टि स पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. इसके बाद लॉक डाउन से उनकी हालत अत्यंत खराब हो गई. सबसे ज्यादा मुश्किल में कर्ज और पट्टे पर खेती करने वाले किसानों हैं.

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