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सूर्य देव मंदिर में प्रशासन की उम्मीद से ज्यादा उमड़ी भीड़, कई जगह दिखी बदइंतजामी - मंदिर में मची भगदड़

देव मंदिर में शाम का अर्घ्य देने के बाद लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी. लेकिन, देखते-देखते ये भीड़ बेकाबू हो गई. जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में दो बच्चों की मौत हो गई. वहीं, कई घायल हो गएं.

भीड़
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Published : Nov 3, 2019, 4:57 PM IST

Updated : Nov 3, 2019, 5:48 PM IST

औरंगाबाद: शनिवार को संध्या अर्घ्य के बाद जिले के सूर्य देव मंदिर में मची भगदड़ के बाद से लोगों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. बताया जाता है कि सूरजकुंड जाने वाले रास्ते में पुलिस-प्रशासन की अनदेखी सामने आई. लोगों का कहना है कि यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे थे. लेकिन पुलिस की चुस्ती नहीं दिख रही थी. इस वजह से भगदड़ मची.

Aurangabad
औरंगाबाद देव मंदिर

प्रशासन पर उठ रहे सवाल
लोगों का कहना है कि सूरजकुंड जाने वाले रास्ते को वन-वे किया गया था. लेकिन, पुलिस-प्रशासन के नहींं होने का कारण श्रद्धालु एक-दूसरे पर चढ़ कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंच रहे थे. जानकारी के मुताबिक श्रद्धालु सूप और दौरा लेकर एक ही लाइन में आना जाना शुरू कर दिए. इस दौरान किसी भी पुलिस कर्मी को नहीं देखा गया. लेकिन, जब भगदड़ मची तो इसपर काबू पाना प्रशासन के लिए चुनौती साबित हुआ. लोगों का कहना है कि इस भीड़ को रोकने में मजिस्ट्रेट तक लाचार दिखे.

डीएम और स्थानीय की बाइट

शनिवार की घटना
बता दें कि शनिवार को संध्या अर्घ्य खत्म होने के बाद सूर्य देव मंदिर में भगदड़ मच गई थी. जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई लोगों घायल हो गए थे. प्रशासन की मदद से घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. भगदड़ देख हरकत में आई प्रशासन की टीम और खुद एसपी और डीएम माइक के जरिए भीड़ को काबू में लाने की कोशिश की. लेकिन, भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सका. ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठना शुरू हो गया कि आखिर इतनी सख्त व्यवस्था के बाद भगदड़ कैसे मची.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन की खुली पोल
बता दें कि दव मंदिर में छठ के मौके पर 15 से 20 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे. प्रशासन की तरफ से की गई सारी व्यवस्थाएं इस भगदड़ ने उनकी पोल खोल कर रख दी. स्थानीय निवाली ने बतया कि जब भीड़ हद से बेकाबू हो गई तो पूरे मंदिर में अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने कहा कि पूरा पुलिस-प्रशासन बिल्कुल लाचार दिख रहा था. हालांकि, डीएम राहुल महिवाल ने बताया था कि उम्मीद से मंदिर में ज्यादा भीड़ जुटी. उन्होंने कहा कि 15 से 20 लाख श्रद्धालु मंदिर में छठ में पूजा कर रहे हैं.

औरंगाबाद: शनिवार को संध्या अर्घ्य के बाद जिले के सूर्य देव मंदिर में मची भगदड़ के बाद से लोगों में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. बताया जाता है कि सूरजकुंड जाने वाले रास्ते में पुलिस-प्रशासन की अनदेखी सामने आई. लोगों का कहना है कि यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे थे. लेकिन पुलिस की चुस्ती नहीं दिख रही थी. इस वजह से भगदड़ मची.

Aurangabad
औरंगाबाद देव मंदिर

प्रशासन पर उठ रहे सवाल
लोगों का कहना है कि सूरजकुंड जाने वाले रास्ते को वन-वे किया गया था. लेकिन, पुलिस-प्रशासन के नहींं होने का कारण श्रद्धालु एक-दूसरे पर चढ़ कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंच रहे थे. जानकारी के मुताबिक श्रद्धालु सूप और दौरा लेकर एक ही लाइन में आना जाना शुरू कर दिए. इस दौरान किसी भी पुलिस कर्मी को नहीं देखा गया. लेकिन, जब भगदड़ मची तो इसपर काबू पाना प्रशासन के लिए चुनौती साबित हुआ. लोगों का कहना है कि इस भीड़ को रोकने में मजिस्ट्रेट तक लाचार दिखे.

डीएम और स्थानीय की बाइट

शनिवार की घटना
बता दें कि शनिवार को संध्या अर्घ्य खत्म होने के बाद सूर्य देव मंदिर में भगदड़ मच गई थी. जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई लोगों घायल हो गए थे. प्रशासन की मदद से घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. भगदड़ देख हरकत में आई प्रशासन की टीम और खुद एसपी और डीएम माइक के जरिए भीड़ को काबू में लाने की कोशिश की. लेकिन, भीड़ पर काबू नहीं पाया जा सका. ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठना शुरू हो गया कि आखिर इतनी सख्त व्यवस्था के बाद भगदड़ कैसे मची.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन की खुली पोल
बता दें कि दव मंदिर में छठ के मौके पर 15 से 20 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे. प्रशासन की तरफ से की गई सारी व्यवस्थाएं इस भगदड़ ने उनकी पोल खोल कर रख दी. स्थानीय निवाली ने बतया कि जब भीड़ हद से बेकाबू हो गई तो पूरे मंदिर में अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने कहा कि पूरा पुलिस-प्रशासन बिल्कुल लाचार दिख रहा था. हालांकि, डीएम राहुल महिवाल ने बताया था कि उम्मीद से मंदिर में ज्यादा भीड़ जुटी. उन्होंने कहा कि 15 से 20 लाख श्रद्धालु मंदिर में छठ में पूजा कर रहे हैं.

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एंकर :-औरंगाबाद लोक आस्था देव छठ मेला भगदड़ में 2 मौत कई घायल प्रशासन के दावा का पोल खोलती एक रिपोर्ट। स्थानीय लोग व्यवस्था पर नाराज। भीड़ के सामने लाचार दिखा पूरा प्रशासन।
स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद।


Body:v.o.1. औरंगाबाद के सूर्य नगरी देव में लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर अर्थ के बाद बेकाबू भीड़ ने दबकर 2 लोगों की मौत हो गई इसमें कई लोग घायल हैं जिसका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देव में किया गया था घटना के बाद प्रशासन हरकत में आई और आनन-फानन में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए एसपी और डीएम खुद उद्घोषणा करने लगे लेकिन इस बार प्रशासन के उम्मीद से ज्यादा 15 से 20 लाख श्रद्धालु देव आस्था सूरजकुंड में अर्ध अर्पण करने पहुंचे जिसे पुरा प्रशासन का व्यवस्था को पोल खोल कर रख दी इस कदर बेकाबू हो गई कि जहां 2 लोगों की मौत हो गई वहीं कई लोग घायल हैं आस्था के महापर्व जनसैलाब पूरी देव को अपने आगोश में लिया था। प्रशासन तंत्र बिल्कुल लाचार दिख रहा था।
1.बाईट- आलोक कुमार सिंह स्थानीय निवासी देव


Conclusion:v.o2. औरंगाबाद जिला प्रशासन ने दावा किया कि पूरी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और बांस के सहारे श्रद्धालुओं को मंदिर और सूरजकुंड में वन वे रास्ता का व्यवस्था की गई है लेकिन तस्वीर कुछ और बयां कर रही है कि श्रद्धालु एक दूसरे पर गिरते पड़ते भगवान भास्कर को सूप और दौरा लेकर सूरजकुंड में पहुंच रहे हैं लेकिन देव मंदिर से सूरजकुंड आ जाने वाली रास्ता ना तो कोई पुलिसकर्मी दिखे और ना ही कोई मजिस्ट्रेट पुली सिस्टम लाचार और बेबस दिखे।
फाइल वाइट 2. राहुल रंजन महिवाल जिलाधिकारी औरंगाबाद।
3. वॉक थ्रू संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद।
Last Updated : Nov 3, 2019, 5:48 PM IST
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