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लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों की मदद करने की अपील- आगे आकर सभी को करनी चाहिए मानवता की सेवा

औरंगाबाद नें लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चलाने वालों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में काफी परेशानी हो रही है. ऐसे लोगों के लिए समजासेवी संगठन आगे आ रहे हैं. वो उनकी मदद भी कर रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि गरीब लोगों की हरसंभव मदद करें.

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Published : Mar 31, 2020, 9:44 PM IST

औरंगाबाद
औरंगाबाद

औरंगाबाद: जिले में लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चलाकों का जीवन यापन मुश्किल हो गया है. ये सब लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर पाने में असमर्थ हैं. ऐसे लोग अपने घरों में ही सिमट कर रह गये हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिये अंकोढ़ा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप और उनकी स्वयंसेवी टीम आगे आयी है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से इस टीम की ओर से दिहाड़ी मजदूरों और गरीब लोगों के इलाकों में जाकर 2 सौ गरीबों को अनाज और अन्य रोजमर्रा की सामग्री प्रदान किया है. इस टीम की ओर से रोज 10 क्विंटल चावल, डेढ़ क्विंटल दाल, एक क्विंटल नमक, एक क्विंटल सरसों तेल और ढाई से तीन क्विंटल आलू का वितरण हरेक दिन किया जा रहा है. वार्ड पार्षदों और अन्य समाजसेवियों के माध्यम से गरीबों की सूची बनायी जा रही है.

औरंगाबाद
जरूरतमंदों के लिए पैक किया जा रहा राशन

लोगों से मदद करने की अपील

गरीब लोगों की मदद करने वाले मुखिया कुणाल प्रताप ने बताया कि कुछ समाजसेवियों मदद से यह व्यवस्था की गई है. हरेक दिन कम से कम एक लाख रुपये का खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों का लक्ष्य है कि लॉकडाउन यानी 14 अप्रैल तक गरीबों के घर में जाकर राहत सामग्री प्रदान करेंगे. इन लोगों ने सभी सक्षम लोगों से अपील किया है कि अपने- अपने स्तर से गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की पहचान कर उनके घरों पर अनाज पहुंचाने का कार्य करें. ताकि गरीबों के घर में चूल्हा जल सके. ऐसी आपदा की घड़ी में गरीबों की मदद करना हम सभी का दायित्व है.

औरंगाबाद: जिले में लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चलाकों का जीवन यापन मुश्किल हो गया है. ये सब लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर पाने में असमर्थ हैं. ऐसे लोग अपने घरों में ही सिमट कर रह गये हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिये अंकोढ़ा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप और उनकी स्वयंसेवी टीम आगे आयी है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से इस टीम की ओर से दिहाड़ी मजदूरों और गरीब लोगों के इलाकों में जाकर 2 सौ गरीबों को अनाज और अन्य रोजमर्रा की सामग्री प्रदान किया है. इस टीम की ओर से रोज 10 क्विंटल चावल, डेढ़ क्विंटल दाल, एक क्विंटल नमक, एक क्विंटल सरसों तेल और ढाई से तीन क्विंटल आलू का वितरण हरेक दिन किया जा रहा है. वार्ड पार्षदों और अन्य समाजसेवियों के माध्यम से गरीबों की सूची बनायी जा रही है.

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जरूरतमंदों के लिए पैक किया जा रहा राशन

लोगों से मदद करने की अपील

गरीब लोगों की मदद करने वाले मुखिया कुणाल प्रताप ने बताया कि कुछ समाजसेवियों मदद से यह व्यवस्था की गई है. हरेक दिन कम से कम एक लाख रुपये का खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों का लक्ष्य है कि लॉकडाउन यानी 14 अप्रैल तक गरीबों के घर में जाकर राहत सामग्री प्रदान करेंगे. इन लोगों ने सभी सक्षम लोगों से अपील किया है कि अपने- अपने स्तर से गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की पहचान कर उनके घरों पर अनाज पहुंचाने का कार्य करें. ताकि गरीबों के घर में चूल्हा जल सके. ऐसी आपदा की घड़ी में गरीबों की मदद करना हम सभी का दायित्व है.

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