औरंगाबाद: सही कहा गया है कि "हौसले अगर बुलंद हो तो आंधियों में भी चिराग जलते हैं" यह कहावत को चरितार्थ किया है शहर के प्रसिद्ध अभियंत्रण कॉलेज सीतयोग के चेयरमैन 76 वर्षीय कुमार योगेंद्र नारायण सिंह ने. कोरोना की भयावहता एवं डर के बीच यह खबर एक सुखद पल का एहसास करा रही है.
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एक को छोड़कर पूरा परिवार हुआ कोरोना संक्रमित
कुमार योगेंद्र नारायण सिंह के परिवार के बड़े पुत्र व कॉलेज के सचिव राजेश कुमार सिंह को छोड़कर परिवार के छह सदस्य कोरोना की चपेट में 19 अप्रैल को आ गए थे. जिसमे उनका डेढ़ वर्षीय पोता एवं आठ वर्षीय पोती भी शामिल था. सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जब उन्हें यह जानकारी मिली कि उनके 76 वर्षीय पिता योगेंद्र नारायण सिंह, 72 वर्षीय मां सीता सिंह, पत्नी रेणु सिंह, 14 वर्षीय पुत्री आर्याराज, 8 वर्षीय पुत्री अरना राज एवं डेढ़ वर्षीय पुत्र कान्हा सिंह कोविड पॉजिटिव हो गए है. तो थोड़ा शॉक लगा लेकिन तत्काल खुद को संभालते हुए हिम्मत से काम लिया और डेढ़ वर्षीय बच्चे को छोड़कर सभी को अलग अलग रूम में आइसोलेट कर कोविड थेरेपी की शुरुआत कर दी.
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हंसते-खेलते सभी ने कोरोना को हराया
कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आयुर्वेदिक पैथी के साथ योगा एवं मेडिटेशन का क्लास शुरू कर दिया. पूरे हंसी खुशी के माहौल में सबको बूस्टअप किया. उन्होंने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों ने भी अपनी पॉजिटिव थिंकिंग दिखाई और कभी भी नर्वस नहीं हुए और आज कोरोना से जंग जीतकर इस खुशी को सेलिब्रेट किया. उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाए तो पैनिक होने की जरूरत नही है. घर पर ही आइसोलेट हो जाएं और चिकित्सक की सलाह पर पूरी हिम्मत एवं मजबूती के साथ अपना स्व इलाज शुरू कर दें. क्योंकि आपकी हिम्मत और हौसले को देखकर कोरोना टिकेगा नही. उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि कोई भी व्यक्ति कोविड पॉजिटिव होता है तो उसे सोशल मीडिया यूनिवर्सिटी के उपाय बताने की जगह उसके हौसले को बुलंद करें. साथ ही लगातार संपर्क कर उसे हंसाए तभी हम बिना कोविड केयर सेंटर गए घर में ही कोरोना को मात दे सकते हैं.