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बिहार में निर्भया के दोषी अक्षय ठाकुर के गांव में पसरा सन्नाटा

निर्भया कांड के दोषियों में से एक औरंगाबाद के अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद टंडवा थाना क्षेत्र के उसके गांव लहंग करमा में मातमी सन्नाटा पसरा है. लोग घरों में सहमे और दुबके पड़े हैं. हांलाकि जिले के अन्य इलाके के लोगों ने खुशी जाहिर कर न्यायपालिका को तहे दिल से धन्यवाद दी.

औरंगाबाद
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Published : Mar 20, 2020, 10:24 AM IST

Updated : Mar 20, 2020, 11:25 AM IST

औरंगाबाद: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चारों गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. दिल्ली के तिहाड़ जेल में शु्क्रवार की सुबह 5.30 बजे निर्भया के दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी पर लटकाया गया.

निर्भया कांड के दोषियों में से एक औरंगाबाद के अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद टंडवा थाना क्षेत्र के उसके गांव लहंग करमा में मातमी सन्नाटा पसरा है. गांव की गलियां जहां सुनी पड़ी हैं. वहीं, लोग घरों में सहमे और दुबके पड़े हैं. हांलाकि गांव के बाहर कुछ लोग दिखे मगर कोई भी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद उसके गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

न्यायपालिका में लोगों की बढ़ी आस्था
निर्भया के दोषियों को फांसी दिये जाने पर जिले के अन्य इलाके के लोगों ने खुशी जाहिर कर न्यायपालिका को तहे दिल से धन्यवाद दी. इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है.

अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद जिलेवासियों ने न्यायपालिका को किया धन्यवाद

बता दें कि साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड में करीब सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह फांसी के बाद इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. 16 दिसंबर 2012 की रात को इस घटना को अंजाम दिया गया था.

औरंगाबाद: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चारों गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. दिल्ली के तिहाड़ जेल में शु्क्रवार की सुबह 5.30 बजे निर्भया के दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी पर लटकाया गया.

निर्भया कांड के दोषियों में से एक औरंगाबाद के अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद टंडवा थाना क्षेत्र के उसके गांव लहंग करमा में मातमी सन्नाटा पसरा है. गांव की गलियां जहां सुनी पड़ी हैं. वहीं, लोग घरों में सहमे और दुबके पड़े हैं. हांलाकि गांव के बाहर कुछ लोग दिखे मगर कोई भी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद उसके गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

न्यायपालिका में लोगों की बढ़ी आस्था
निर्भया के दोषियों को फांसी दिये जाने पर जिले के अन्य इलाके के लोगों ने खुशी जाहिर कर न्यायपालिका को तहे दिल से धन्यवाद दी. इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है.

अक्षय ठाकुर को फांसी पर लटकाये जाने के बाद जिलेवासियों ने न्यायपालिका को किया धन्यवाद

बता दें कि साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड में करीब सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह फांसी के बाद इनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. 16 दिसंबर 2012 की रात को इस घटना को अंजाम दिया गया था.

Last Updated : Mar 20, 2020, 11:25 AM IST
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