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औरंगाबाद में खाद की किल्लत, सांसद ने लोकसभा में उठाया मुद्दा तब भी नहीं सुधरे हालात

रबी फसल बुआई का सीजन खत्म होता जा रहा है लेकिन खाद की कमी के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को घंटों तक लाइन में लगा रहना पड़ता है लेकिन बावजूद इसके निराशा हाथ लगती है. पढ़ें पूरी खबर...

औरंगाबाद में खाद की किल्लत
औरंगाबाद में खाद की किल्लत
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Published : Dec 16, 2021, 2:41 PM IST

औरंगाबाद: अभी रबी फसल बुआई का सीजन चल रहा है लेकिन खाद की कमी ( Shortage Of Fertilizers In Aurangabad ) के कारण किसानों को काफी समस्या हो रही है. जहां सहकारी संस्थाओं में किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं खाद की कमी के कारण इसकी कालाबाजारी भी हो रही है. 1200 के की जगह 1800 रुपये प्रति बोरे की दर से खाद बेची जा रही है.

इसे भी पढ़ें- किसानों को खाद के लिए अभी और करना होगा इंतजार, कृषि मंत्री ने कहा- कोरोना की वजह से हुई देरी

बाजार में खाद की उपलब्धता कम और उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी रही है. लंबी कतारों में घंटों तक खड़े रहने के बाद भी किसानों को निराशा हाथ लग रही है. जब वे घंटों इंतजार के बाद काउंटर पर पहुंच रहे हैं, तब स्टॉक ही खत्म हो जाता है.

तमाम प्रयासों के बावजूद किसान झेल रहे खाद की समस्या

किसान कहते हैं कि खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो उनसे किसान होने का प्रमाण देना पड़ रहा है. बिना प्रमाणपत्र खाद खरीदने आने पर अधिकारी फटकार भी लगा रहे हैं. बावजूद इनसब के किसान खाद की जद्दोजहद में लगे हैं.

इसे भी पढ़ें- 'बिहार में 2 लाख मीट्रिक टन खाद की कमी'.. लेकिन तेजस्वी का नाम लेते ही भड़क गए कृषि मंत्री

बता दें कि इस मुद्दे को सांसद सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में भी ( MP Sushil Kumar Singh raised issue of fertilizer ) मुद्दा उठाया है. उनके इस प्रयास की लोग सराहना तो कर रहे हैं लेकिन कहते हैं कि इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं.

नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी उर्वरक दुकानों का भी निरीक्षण कर रहे हैं और कालाबाजारी न करने को लेकर दुकानदारों को सख्त हिदायद दे रहे हैं.

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औरंगाबाद: अभी रबी फसल बुआई का सीजन चल रहा है लेकिन खाद की कमी ( Shortage Of Fertilizers In Aurangabad ) के कारण किसानों को काफी समस्या हो रही है. जहां सहकारी संस्थाओं में किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं खाद की कमी के कारण इसकी कालाबाजारी भी हो रही है. 1200 के की जगह 1800 रुपये प्रति बोरे की दर से खाद बेची जा रही है.

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बाजार में खाद की उपलब्धता कम और उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी रही है. लंबी कतारों में घंटों तक खड़े रहने के बाद भी किसानों को निराशा हाथ लग रही है. जब वे घंटों इंतजार के बाद काउंटर पर पहुंच रहे हैं, तब स्टॉक ही खत्म हो जाता है.

तमाम प्रयासों के बावजूद किसान झेल रहे खाद की समस्या

किसान कहते हैं कि खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो उनसे किसान होने का प्रमाण देना पड़ रहा है. बिना प्रमाणपत्र खाद खरीदने आने पर अधिकारी फटकार भी लगा रहे हैं. बावजूद इनसब के किसान खाद की जद्दोजहद में लगे हैं.

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बता दें कि इस मुद्दे को सांसद सांसद सुशील कुमार सिंह ने लोकसभा में भी ( MP Sushil Kumar Singh raised issue of fertilizer ) मुद्दा उठाया है. उनके इस प्रयास की लोग सराहना तो कर रहे हैं लेकिन कहते हैं कि इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं.

नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी उर्वरक दुकानों का भी निरीक्षण कर रहे हैं और कालाबाजारी न करने को लेकर दुकानदारों को सख्त हिदायद दे रहे हैं.

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