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औरंगाबाद: सरकारी उपेक्षा के कारण खंडहर बना शहीद स्मारक, 7 शहीदों में से एक हैं जगतपति

सात शहीद में शहीद हुए औरंगाबाद के जगतपति कुमार का भवन प्रशासन के उदासीनता के कारण खंडर बन चुका है. जिलाधिकारी ने इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करवाने का आश्वासन दिया है.

खंडहर बना भवन
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Published : Aug 12, 2019, 1:09 PM IST

औरंगाबाद: जिले के ओबरा प्रखंड के खरांटी गांव के सात शहीद में शहीद हुए जगतपति कुमार का भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. इस भवन पर प्रशासन के किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है. प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण यह भवन खंडर बना हुआ है. जबकि जिलाधिकारी ने इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करवाने का अश्वासन दिया है.

प्रशासन की उदासीनता के कारण खंडहर बना शहीद का भवन

देश की आजादी के लिए हुए थे शहीद
गौरतलब है कि 11 अगस्त 1942 को पटना में भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए मतवाले युवाओं की टोली तिरंगा लिए सचिवालय पहुंची. वहां तिरंगा फहराने के इरादा से पहुंचे युवओं पर बर्बर ब्रिटिश हुकूमत ने बंदूकों से गोलियां बरसा दी. देखते ही देखते 79 जवान शहीद हो गए. लेकिन शहीद होते-होते इन्होंने हिंदुस्तान का तिरंगा झंडा फहरा दिया.

Aurangabad news
शहीद जगतपति कुमार

पर्यटक स्थल के रूप में इसे विकसित करने की अपील
पर्यटक मामले के जानकार आलोक कुमार सिंह बताते हैं कि शहीदों की शहादत पर हर साल सरकारी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. लेकिन उसके बाद शहीदों को लोग भूल जाते हैं. ऐसा ही मामला शहीद जगतपति के साथ हुआ है. उनका भवन आज खंडहर में तब्दील हो गया है. इस भवन में सांप बिच्छू ने अपना बसेरा बना लिया है. सरकार को चाहिए कि इस भवन को पर्यटक स्थल के रूप में संरक्षित करें ताकि आने वाली पीढ़ी को शहीद जगतपति के बारे में पता चल पाये.

Aurangabad news
खंडहर बना भवन

जिलाधिकारी ने दिया आश्वासन
वहीं, औरंगाबाद जिले के जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि शहीद जगतपति के भवन और स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए प्राक्कलन बनाया गया है. इसे बिहार सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि पुरातत्व विभाग की ओर से निरीक्षण कर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

औरंगाबाद: जिले के ओबरा प्रखंड के खरांटी गांव के सात शहीद में शहीद हुए जगतपति कुमार का भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. इस भवन पर प्रशासन के किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है. प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण यह भवन खंडर बना हुआ है. जबकि जिलाधिकारी ने इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करवाने का अश्वासन दिया है.

प्रशासन की उदासीनता के कारण खंडहर बना शहीद का भवन

देश की आजादी के लिए हुए थे शहीद
गौरतलब है कि 11 अगस्त 1942 को पटना में भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए मतवाले युवाओं की टोली तिरंगा लिए सचिवालय पहुंची. वहां तिरंगा फहराने के इरादा से पहुंचे युवओं पर बर्बर ब्रिटिश हुकूमत ने बंदूकों से गोलियां बरसा दी. देखते ही देखते 79 जवान शहीद हो गए. लेकिन शहीद होते-होते इन्होंने हिंदुस्तान का तिरंगा झंडा फहरा दिया.

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शहीद जगतपति कुमार

पर्यटक स्थल के रूप में इसे विकसित करने की अपील
पर्यटक मामले के जानकार आलोक कुमार सिंह बताते हैं कि शहीदों की शहादत पर हर साल सरकारी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. लेकिन उसके बाद शहीदों को लोग भूल जाते हैं. ऐसा ही मामला शहीद जगतपति के साथ हुआ है. उनका भवन आज खंडहर में तब्दील हो गया है. इस भवन में सांप बिच्छू ने अपना बसेरा बना लिया है. सरकार को चाहिए कि इस भवन को पर्यटक स्थल के रूप में संरक्षित करें ताकि आने वाली पीढ़ी को शहीद जगतपति के बारे में पता चल पाये.

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खंडहर बना भवन

जिलाधिकारी ने दिया आश्वासन
वहीं, औरंगाबाद जिले के जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि शहीद जगतपति के भवन और स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए प्राक्कलन बनाया गया है. इसे बिहार सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि पुरातत्व विभाग की ओर से निरीक्षण कर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

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एंकर :- औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के खराटी गांव में स्थित सात शहीद में हुए शहीद जगतपति का भवन खंडहर में तब्दील प्रशासन का उदासीन रवैया के कारण सांप बिच्छू का हुआ बसेरा।


Body:गौरतलब है कि तारीख 11 अगस्त 1942 स्थान पटना से सचिवालय समय भरी दोपहर भारत मां को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने को मतवाले युवा की टोली तिरंगे फहराने के इरादा से जैसे ही पहुंचे सचिवालय वैसे ही बर्बर ब्रिटिश हुकूमत बंदूकों से गोलियां उबल पड़ी और देखते देखते 79 जवान देश की आजादी पर शहीद हो गए शहीद होते होते इन्होंने हिंदुस्तान के आन बान तिरंगा फहरा डाला। शहीदों की शहादत पर प्रत्येक वर्ष सरकारी कार्यक्रम जरूर होते हैं लेकिन उसके बाद शहीदों को भूल जाते हैं ऐसा ही मामला शहीद जगतपति के साथ हुआ उनका भवन आज खंडहर में तब्दील हो गया और सांप और बिच्छू का बसेरा हो गया सरकार को चाहिए उनके भवन को पर्यटक स्थल के रूप में संरक्षित करें ताकि आने वाला पीढ़ी शहीद जगतपति को याद कर सके। सरकार इसे पुरातत्व विभाग के द्वारा इसे संरक्षित करें और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करें।
1.वाईट:- आलोक कुमार सिंह - पर्यटक मामले का जानकार।


Conclusion:औरंगाबाद जिले के जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि उनके भवन और स्मारक स्थल को विकसित करने के लिए प्राक्कलन बनाया, इसे बिहार सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि पुरातत्व विभाग के द्वारा निरीक्षण कर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
2.वाईंट :- राहुल रंजन महिवाल - जिलाधिकारी औरंगाबाद।
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