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औरंगाबादः क्वारंटीन सेंटर में प्रवासियों की हुई स्क्रीनिंग, किसी में नहीं दिखे कोरोना के लक्षण - Screening in Aurangabad

रफीगंज प्रखंड अंतर्गत पौथू गांव के हाई स्कूल में संचालित क्वारंटीन सेंटर में कुल 174 प्रवासियों की तीसरी बार स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान किसी में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए.

औरंगाबाद
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Published : May 28, 2020, 8:56 AM IST

औरंगाबाद: जिले के रफीगंज प्रखंड अंतर्गत पौथू गांव के हाई स्कूल में बने क्वारंटीन कैंप में रह रहे प्रवासी मजदूरों की तीसरी बार थर्मल स्क्रीनिंग की गई. कुल 174 लोगों की स्क्रीनिंग के दौरान किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए.

'प्रवासी मजदूर नहीं, श्रम वीर'
मौके पर मौजूद मुखिया प्रतिनिधि और पैक्स अध्यक्ष शंभू भारती ने बताया कि इन्हें प्रवासी मजदूर कहना गलत होगा. इन श्रम वीरों की मदद से ही देश में बड़ी-बड़ी इमारतें, पुल, राजमार्ग और फैक्ट्रियों के निर्माण हुए हैं. अतः इन्हें श्रम वीर कहना ज्यादा उचित होगा ना कि प्रवासी मजदूर. उन्होंने सरकार से सभी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की मांग की.

इस दौरान क्वारंटीन सेंटर पर सेंटर प्रभारी बीसीओ अमित कुमार, मुखिया मंजू देवी, प्रभारी धनंजय शर्मा और विकास मित्र सुनैन राम सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

औरंगाबाद
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर

3 बार होती है स्क्रीनिंग
बता दें कि क्वारंटीन सेंटर पर रह रहे है प्रवासी मजदूरों की कुल 3 बार थर्मल स्क्रीनिंग कराई जाती है. इस दौरान कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है और लक्षण नहीं पाए जाने पर आवासितों को घर भेज दिया जाता है.

औरंगाबाद: जिले के रफीगंज प्रखंड अंतर्गत पौथू गांव के हाई स्कूल में बने क्वारंटीन कैंप में रह रहे प्रवासी मजदूरों की तीसरी बार थर्मल स्क्रीनिंग की गई. कुल 174 लोगों की स्क्रीनिंग के दौरान किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए.

'प्रवासी मजदूर नहीं, श्रम वीर'
मौके पर मौजूद मुखिया प्रतिनिधि और पैक्स अध्यक्ष शंभू भारती ने बताया कि इन्हें प्रवासी मजदूर कहना गलत होगा. इन श्रम वीरों की मदद से ही देश में बड़ी-बड़ी इमारतें, पुल, राजमार्ग और फैक्ट्रियों के निर्माण हुए हैं. अतः इन्हें श्रम वीर कहना ज्यादा उचित होगा ना कि प्रवासी मजदूर. उन्होंने सरकार से सभी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की मांग की.

इस दौरान क्वारंटीन सेंटर पर सेंटर प्रभारी बीसीओ अमित कुमार, मुखिया मंजू देवी, प्रभारी धनंजय शर्मा और विकास मित्र सुनैन राम सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

औरंगाबाद
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर

3 बार होती है स्क्रीनिंग
बता दें कि क्वारंटीन सेंटर पर रह रहे है प्रवासी मजदूरों की कुल 3 बार थर्मल स्क्रीनिंग कराई जाती है. इस दौरान कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है और लक्षण नहीं पाए जाने पर आवासितों को घर भेज दिया जाता है.

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