औरंगाबाद: दिल्ली में देश के अन्नदाता किसान के ऊपर केंद्र सरकार की ओर से की जा रही यातनापूर्ण कार्रवाई को लेकर राजद की जिला इकाई ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर शहर में आक्रोश मार्च निकाला. बिहार में धान की अच्छी फसल होने के बाद भी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण अपने धान को उन्हें बिचौलियों के हाथों औने पौने दामों में बेचना पड़ रहा है.
सरकार के खिलाफ नारेबाजी
यह आक्रोश मार्च राजद जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक सुरेश मेहता के नेतृत्व में शहर के गांधी मैदान से निकलकर मुख्य बाजार होते हुए रमेश चौक पहुंचा. जहां केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. आक्रोशित राजद कार्यकर्ताओं ने धान की फसल को जलाकर अपना विरोध जताया.
आंदोलन को दबाने का प्रयास
कार्यकर्ताओं ने किसानों के पक्ष में और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केंद्र सरकार की ओर से देश में बने काला कानून को वापस लेने के लिए आंदोलनरत किसान की पिटाई की जा रही है. आंसू गैस और कड़ाके की ठंड में जल के फुहारे देकर उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
कानून वापस लेने की मांग
पूर्व विधायक और राजद जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें महागठबंधन के नेता भी शामिल हुए. जिले के नबीनगर राजद विधायक डब्ल्यू सिंह ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती, तब तक राजद सड़क से संसद तक किसानों की लड़ाई लड़ती रहेगी.
ओबरा राजद विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि अन्य नेताओं के साथ केंद्र सरकार जुल्म कर रही है. जो काफी निंदनीय है. केंद्र सरकार को कृषि बिल वापस लेना चाहिए. नहीं तो हम महागठबंधन के लोग किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे.