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औरंगाबाद: नए साल के जश्न पर गुलजार रहा उमगा पहाड़ी, सैलानियों के लिए सुविधाओं की दिखी कमी

उमगा पहाड़ी और आसपास के लोगों के लिए एक पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर है. यहां पर लोग भगवान भास्कर और मां उमगेश्वरी की पूजा-अर्चना के लिए सालों भर आते रहते हैं.

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Published : Jan 2, 2020, 8:22 AM IST

उमगा पहाड़ी
उमगा पहाड़ी

औरंगाबाद: नए साल के मौके पर जिले के मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा पहाड़ी पर सैलानियों ने जमकर जश्न मनाया. इस दौरान पहाड़ी स्थित सूर्य मंदिर और उमगेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हालांकि, बेमौसम बरसात ने सैलानियों को परेशान जरूर किया. लेकिन बारिश रुकते ही लोगों ने नये साल का जमकर लुत्फ उठाया.

'52 मंदिरों की श्रृंखला है पहाड़ी पर'
बताया जा रहा है कि इस मंदिर के पहाड़ी पर 52 मंदिरों की एक श्रृंखला थी. जो देखरेख के अभाव में मिटते चले गए. लेकिन अभी भी यहां पर मुख्य मंदिर समय के साथ अडिग खड़ा है. जो काफी आकर्षक है. यहां पूरे साल श्रद्धालुओं और सैलानियों तांता लगा रहता है.

उमगा पहाड़ी, औरंगाबाद
उमगा पहाड़ी, औरंगाबाद

'पेयजल के अभाव में परेशान रहे सैलानी'
इस मौके पर पहाड़ी पर घुमने आए सैलानियों ने बताया कि सैंकड़ो फीट ऊपर चढ़ने के बाद जोर की प्यास लगी. लेकिन, यहां पर पेय जल की व्यवस्था नहीं है. पेयजल नहीं होने के कारण छोटे बच्चे और महिलाओं को खासा परेशानियों का समाना करना पड़ा. बताया जाता है कि यहां पर पेयजल के लिए एक पानी टंकी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां पानी की सप्लाई संभव नहीं हो पाया.

उमगा पहाड़ी पर सैलानियों का तांता

पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर
उमगा पहाड़ी आस-पास के लोगों के लिए एक पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर है. यहां पर लोग भगवान भास्कर और मां उमगेश्वरी की पूजा-अर्चना के लिए सालों पर आते रहते है.

औरंगाबाद: नए साल के मौके पर जिले के मदनपुर प्रखंड स्थित उमगा पहाड़ी पर सैलानियों ने जमकर जश्न मनाया. इस दौरान पहाड़ी स्थित सूर्य मंदिर और उमगेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हालांकि, बेमौसम बरसात ने सैलानियों को परेशान जरूर किया. लेकिन बारिश रुकते ही लोगों ने नये साल का जमकर लुत्फ उठाया.

'52 मंदिरों की श्रृंखला है पहाड़ी पर'
बताया जा रहा है कि इस मंदिर के पहाड़ी पर 52 मंदिरों की एक श्रृंखला थी. जो देखरेख के अभाव में मिटते चले गए. लेकिन अभी भी यहां पर मुख्य मंदिर समय के साथ अडिग खड़ा है. जो काफी आकर्षक है. यहां पूरे साल श्रद्धालुओं और सैलानियों तांता लगा रहता है.

उमगा पहाड़ी, औरंगाबाद
उमगा पहाड़ी, औरंगाबाद

'पेयजल के अभाव में परेशान रहे सैलानी'
इस मौके पर पहाड़ी पर घुमने आए सैलानियों ने बताया कि सैंकड़ो फीट ऊपर चढ़ने के बाद जोर की प्यास लगी. लेकिन, यहां पर पेय जल की व्यवस्था नहीं है. पेयजल नहीं होने के कारण छोटे बच्चे और महिलाओं को खासा परेशानियों का समाना करना पड़ा. बताया जाता है कि यहां पर पेयजल के लिए एक पानी टंकी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां पानी की सप्लाई संभव नहीं हो पाया.

उमगा पहाड़ी पर सैलानियों का तांता

पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर
उमगा पहाड़ी आस-पास के लोगों के लिए एक पिकनिक स्पाट के रूप में मशहूर है. यहां पर लोग भगवान भास्कर और मां उमगेश्वरी की पूजा-अर्चना के लिए सालों पर आते रहते है.

Intro:संक्षिप्त- औरंगाबाद के उमगा पहाड़ी और इसपर बने विभिन्न मंदिरों के कारण यहां श्रद्धालुओं का आना जाना सालों भर लगा रहता है। लेकिन साल की शुरुआत करने यहां बेमौसम बरसात होने के बावजूद लगभग एक लाख लोग पहुंचे।

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औरंगाबाद- नए साल की जश्न के लिए औरंगाबाद तैयार था और तैयार थी मदनपुर प्रखण्ड में स्थित उमगा की पहाड़ियां। फिर अचानक हुई बेमौसम बारिश ने रंग में भंग डाल दिया। फिर भी देर से ही सही उमगा पहाड़ी की रौनक लौट गई। लोग पहुंचने लगे। पहाड़ी पर स्थित सूर्य मंदिर और उमगेश्वरी मन्दिर में श्रद्धालु दर्शन कर साल की शुरुआत करते देखे गए। इस पहाड़ी पर आग जलाने पर रोक है। इस कारण यहां लोग नए साल पर परिवार के साथ घूमने आते हैं। शाम होते होते लगभग एक लाख से अधिक सैलानी पहुंच चुके थे।


Body:नए साल के जश्न में डूबे युवाओं की टोली दिन भर उमगा पहाड़ी में पहुंचती रही। पहाड़ी में आग जलाने पर रोक है लेकिन इससे भी पिकनिक मनाने वालों के उत्साह में कोई कमी नहीं । लोग घर से ही खाना बनाकर लाए थे। औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखण्ड में स्थित उमगा पहाड़ी जिसकी चोटी पर 52 मंदिरों की श्रृंखला है, जो कि समय के साथ मिटते चले गए । लेकिन अभी भी मुख्य मंदिर बचा हुआ है जो काफी आकर्षक है ।

यूं तो यहां सालों भर सैलानी और श्रद्धालु आते रहते हैं लेकिन खासकर नए साल के अवसर पर हजारों की संख्या में महिला पुरुष और बच्चे पहुंचे। लोग झुंड के झुंड पहाड़ी पर पहुंच रहे थे। यह तो तब रही जब सुबह से ही रुक रुक कर बारिश हो रही थी। नहीं तो यहां हर वर्ष की संख्या लाखों में होती है।

नहीं है पानी की व्यवस्था

नीचे से सैंकड़ो फीट ऊपर चढ़ने के बाद ऊपर पहाड़ी पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और सैलानियों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालु काफी परेशान दिखे। खास करके महिलाओं और बच्चों का प्यास के मारे बुरा हाल था । जबकि यहां पहले से ही पानी टंकी का निर्माण किया गया था पाइपलाइन और टंकी तो है लेकिन पानी का सप्लाई नहीं होता है।

अधिकतर स्थानीय ही पहुंचते हैं यहां

नववर्ष में पिकनिक मनाने अधिकतर स्थानीय लोग ही पहुंचते हैं। औरंगाबाद और गया जिले के गांवों और कस्बों से लोग नववर्ष के अवसर पर उमगा पहाड़ी पर घूमने पहुंचते हैं। जहां वह भगवान भास्कर और माँ उमगेश्वरी की पूजा के अलावे पिकनिक का भी जमकर लुत्फ उठाते हैं।

बारिश ने कर दी फीका
अचानक सुबह-सुबह बारिश होने और बीच में रुक रुककर बारिश होने के कारण आने वाले पर्यटकों मूड को खराब कर दिया। बारिश होने के कारण आसपास के दर्जनों गांव के लोगों के अलावा गया और जहानाबाद जिले से जो लोग यहां पहुंचते थे वह भी नहीं पहुंचे। या यूं कहें कि बाइक और पैदल आने वालों की संख्या बहुत कम रही।


Conclusion:जिले के मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ पर स्थित यह रमणीक पिकनिक स्पॉट आज भी अपने विकास की बाट जोह रहा है। हालांकि सरकार के तरफ से सुरक्षा की व्यवस्था है तो की गई थी लेकिन अन्य सुविधाएं भी होने चाहिए।

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