औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में मिडिल स्कूल (Middle School in Aurangabad) को अपग्रेड करके हाई स्कूल बना दिया गया है. जहां मिडिल स्कूल अपग्रेड हो गया लेकिन वहां एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई. इस वजह से मिडिल स्कूल के शिक्षक ही हाई स्कूल का कार्यभार संभाल रहे हैं. मामला जिले के कुटुंबा प्रखण्ड के जीव बिगहा गांव गांव का है.
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मिडिल स्कूल में है कई सुविधाएं: औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखण्ड का मिडिल स्कूल जीवा बिगहा हमेशा से ही छात्रों से भरा रहता है. पहले जंगल और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण शिक्षक इधर आने से कतराते थे, लेकिन अब यहां ऐसी बात नहीं है. बता दें कि स्कूल की प्रधानाध्यापक एक महिला हैं और छात्रों की उपस्थिति भी पर्याप्त बनी रहती है. यहां विद्यालय भवन से लेकर खेल का मैदान और शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त है. स्कूल में शौचालय का भी पूरा बन्दोबस्त है.
जर्जर है हाई स्कूल की हालत: साल 2019 में अपग्रेडेशन के बाद बनाए गए हाई स्कूल की हालत मिडल स्कूल से ठीक उलट है. इसका भवन जर्जर हालत में है, शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है. यहां तक की इसमें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है.
"हाई स्कूल की जर्जर हालत के सम्बंध में विभाग को लिखित सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक इसकी कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. छात्रों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क की मांग विभाग से की गई है."-सबरीन परवीन, प्रधानाध्यापिका
क्लास में नहीं है बेंच और डेस्क: मध्य विद्यालय जीवा बिगहा में बिजली की पूरी व्यवस्था है. कक्षा में पंखे चल रहे हैं लेकिन बैठने के लिए दरी का इस्तेमाल किया जा रहा है. विद्यालय में छात्रों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क का अभाव है. बेंच और डेस्क की मांग विभाग से की गई है लेकिन अभी तक छात्र दरी पर बैठने के मजबूर हैं. जीवा बिगहा मध्य विद्यालय में 457 छात्र हैं वहीं उच्च विद्यालय में 280 छात्र हैं.
''हमें पर्याप्त मात्रा में मध्यान्ह भोजन दिया जाता है. उसके बाद अंडा या केला भी दिया जाता है. इसके अलावा विद्यालय से पुस्तक भी उपलब्ध कराए गए हैं. स्कूल यूनिफॉर्म के लिए पैसे दिए जाते हैं, जिससे हम नए यूनिफॉर्म बनवाते हैं.'' -नीरज कुमार, छात्र
"विद्यालय की कार्यप्रणाली पर संतोषजनक है. सरकार द्वारा लागू सभी योजनाओं का लाभ छात्रों को दिया जाता है. उन्हें शिक्षकों से किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है. लेकिन हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए."-रिजवान अंसारी, अभिभावक
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