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इलेक्टोरल बांड खरीदने में दूसरे नंबर पर रही कंपनी से 5.47 करोड़ की धोखाधड़ी, ईमेल में एक अक्षर बदलकर की ठगी - CYBER FRAUD

साइबर अपराधियों ने हैदराबाद की एक बड़ी कंपनी से 5.47 करोड़ रुपये ठग लिये. ईमेल आईडी में सिर्फ एक अक्षर बदलकर ठगी को अंजाम दिया.

fraud with Megha Engineering
सांकेतिक तस्वीर. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 15, 2025, 1:54 PM IST

Updated : Feb 15, 2025, 3:41 PM IST

हैदराबाद: इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग, साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. साइबर अपराधियों ने ईमेल आईडी में एक अक्षर बदलकर 5.47 करोड़ रुपये ठग लिये. कंपनी के अकाउंट मैनेजर डुम्पला श्रीहरि ने धोखाधड़ी के संबंध में तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) में शिकायत दर्ज कराई है. अपराधियों को ट्रैक करने और धन की वसूली के लिए जांच चल रही है.

कैसे सामने आया घोटालाः 10 मई, 2022 को मेघा इंजीनियरिंग ने कुछ उपकरण खरीदने के लिए के लिए एक डच कंपनी को 14.39 लाख यूरो का ऑर्डर दिया. 17 मई को 7.95 लाख यूरो का एक और ऑर्डर दिया गया. समझौते के अनुसार भुगतान ऑनलाइन किया गया. हर भुगतान के बाद कंपनी के प्रतिनिधि से पुष्टिकरण ईमेल प्राप्त हुए. मेघा इंजीनियरिंग को बाद में डच कंपनी से एक ईमेल मिला, जिसमें भुगतान के बारे में पूछताछ की गई थी, तब संदेह पैदा हुआ.

कैसे की ठगीः 29 नवंबर, 2024 को मेघा इंजीनियरिंग को डच कंपनी से एक ईमेल मिला. जिसमें कहा गया था कि उनके मौजूदा बैंक खाते को कोर्ट के आदेश के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है. ईमेल में कंपनी को भविष्य के भुगतानों को एक नए खाते में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया. MEIL को पता नहीं था कि साइबर अपराधियों ने एक फर्जी ईमेल भेजा था जो वैध कंपनी की ईमेल आईडी से काफी मिलता-जुलता था. बस एक अक्षर का अंतर था. कंपनी ने फर्जी ईमेल में दिये गये खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिये.

कब-कब ट्रांसफर किये पैसेः दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 24 जनवरी, 2025 को मेघा इंजीनियरिंग ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) राजभवन शाखा के अपने खाते से 3.18 लाख यूरो धोखाधड़ी वाले खाते में स्थानांतरित किये. इसके बाद 29 जनवरी, 2025 को 2.89 लाख यूरो और ट्रांसफर किये. इन लेन-देन के बाद, 27 जनवरी को एक पुष्टिकरण ईमेल आया. जांच करने पर कंपनी को एहसास हुआ कि साइबर अपराधियों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. भारतीय मुद्रा में परिवर्तित की गई कुल गबन राशि 5.47 करोड़ रुपये है.

इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदारः 1 मार्च 2024 को चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी. मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे थे. कंपनी ने BJP को लगभग 586 करोड़ रुपए चंदा दिया था. BRS को 195 करोड़, DMK को 85 करोड़ रुपए और YSRCP को 37 करोड़ रुपए का दान दिया था. TDP को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले थे. JD-S, जन सेना पार्टी और JDU को 5 करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ तक चंदा दिया गया था.

इसे भी पढ़ेंः हैदराबाद में अंतरराज्यीय साइबर अपराध रैकेट का भंडाफोड़, तीन बैंक अफसरों समेत 52 गिरफ्तार

इसे भी पढ़ेंः सावधानी से पढ़ें ईमेल, नहीं तो लग सकता है करोड़ों का चपत! साइबर अपराधियों का नया पैंतरा - CYBER CRIME

हैदराबाद: इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार कंपनी मेघा इंजीनियरिंग, साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. साइबर अपराधियों ने ईमेल आईडी में एक अक्षर बदलकर 5.47 करोड़ रुपये ठग लिये. कंपनी के अकाउंट मैनेजर डुम्पला श्रीहरि ने धोखाधड़ी के संबंध में तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) में शिकायत दर्ज कराई है. अपराधियों को ट्रैक करने और धन की वसूली के लिए जांच चल रही है.

कैसे सामने आया घोटालाः 10 मई, 2022 को मेघा इंजीनियरिंग ने कुछ उपकरण खरीदने के लिए के लिए एक डच कंपनी को 14.39 लाख यूरो का ऑर्डर दिया. 17 मई को 7.95 लाख यूरो का एक और ऑर्डर दिया गया. समझौते के अनुसार भुगतान ऑनलाइन किया गया. हर भुगतान के बाद कंपनी के प्रतिनिधि से पुष्टिकरण ईमेल प्राप्त हुए. मेघा इंजीनियरिंग को बाद में डच कंपनी से एक ईमेल मिला, जिसमें भुगतान के बारे में पूछताछ की गई थी, तब संदेह पैदा हुआ.

कैसे की ठगीः 29 नवंबर, 2024 को मेघा इंजीनियरिंग को डच कंपनी से एक ईमेल मिला. जिसमें कहा गया था कि उनके मौजूदा बैंक खाते को कोर्ट के आदेश के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है. ईमेल में कंपनी को भविष्य के भुगतानों को एक नए खाते में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया. MEIL को पता नहीं था कि साइबर अपराधियों ने एक फर्जी ईमेल भेजा था जो वैध कंपनी की ईमेल आईडी से काफी मिलता-जुलता था. बस एक अक्षर का अंतर था. कंपनी ने फर्जी ईमेल में दिये गये खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिये.

कब-कब ट्रांसफर किये पैसेः दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 24 जनवरी, 2025 को मेघा इंजीनियरिंग ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) राजभवन शाखा के अपने खाते से 3.18 लाख यूरो धोखाधड़ी वाले खाते में स्थानांतरित किये. इसके बाद 29 जनवरी, 2025 को 2.89 लाख यूरो और ट्रांसफर किये. इन लेन-देन के बाद, 27 जनवरी को एक पुष्टिकरण ईमेल आया. जांच करने पर कंपनी को एहसास हुआ कि साइबर अपराधियों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. भारतीय मुद्रा में परिवर्तित की गई कुल गबन राशि 5.47 करोड़ रुपये है.

इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदारः 1 मार्च 2024 को चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार थी. मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे थे. कंपनी ने BJP को लगभग 586 करोड़ रुपए चंदा दिया था. BRS को 195 करोड़, DMK को 85 करोड़ रुपए और YSRCP को 37 करोड़ रुपए का दान दिया था. TDP को कंपनी से करीब 25 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 17 करोड़ रुपये मिले थे. JD-S, जन सेना पार्टी और JDU को 5 करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ तक चंदा दिया गया था.

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Last Updated : Feb 15, 2025, 3:41 PM IST
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