औरंगाबाद: इंटक ने एनपीजीसी नवीनगर प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है. दरअसल, एनपीजीसी नवीनगर में कार्यरत दैनिक भोगी मजदूरों को कोरोना काल में यह कह कर हटा दिया गया था कि प्लांट चालू होने के बाद उन्हें पुनः काम पर रखा जाएगा. लेकिन जब प्लांट शुरू किया गया तो इन मजदूरों को काम पर नहीं लगाया जा रहा है.
इसके विरोध मे भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के कार्यालय शाखा ससना रघुनाथपुर में सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सभी मजदूरों ने अपनी बातों को रखा. इस दौरान सभी मजदूरों ने कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आंदोलन की बात कही.
बढ़ी मजदूरों की परेशानी
इंटक के जिला महामंत्री और प्रदेश सह सचिव भोला यादव ने बताया कि कोरोना के समय जब सारी फैक्ट्रियां बंद हो रही थी तो मजदूरों को काम से हटा दिया गया था. उन्हें इस दौरान वेतन का भुगतान नहीं किया गया. लेकिन जब फैक्ट्री पुनः शुरू हुई तो इन्हें काम पर रखने के बजाय बाहर से मजदूरों को बुलाकर काम पर रखा जा रहा है जो कि सरासर गलत है. इंटक ऐसा होने नहीं देगा. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी नवीनगर और मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी एनपीजीसी को लिखित में दी गई है.
कई बार दिया गया है लिखित आवेदन
मामले पर पहला लिखित आवेदन 16 जून 2020 और दूसरा 2 जुलाई 2020 को दिया गया था. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इससे साफ होता है कि पदाधिकारी मजदूरों के साथ नहीं हैं. अगर यही रवैया रहा तो इंटक संगठन के बैनर तले 15 सितंबर 2020 से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इंटक संगठन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और इंटक उप राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश के नेतृत्व में जिला प्रशासन और एनपीजीसी के विरोध धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
इंटक के जिलाध्यक्ष वरुण सिंह ने बताया कि कंपनी हमेशा से अवसर में रहती है कि कब मजदूरों का शोषण किया जाए और उनके हिस्से की मजदूरी को हड़प लिया जाए, लेकिन वे ऐसा होने नहीं देंगे. मौके पर उपाध्यक्ष बीरबल यादव, उप सचिव धनंजय सिंह, मीडिया प्रभारी उदय सिंह यादव, उपाध्यक्ष अमूल यादव, संतोष यादव, अर्जुन यादव, राणा सिंह, विमलेश सिंह, प्रमोद सिंह और सैकड़ों की संख्या में अन्य मजदूर उपस्थित रहे.