औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में नक्सली (Naxalite) एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. सोमवार को नक्सलियों ने जिले के अति नक्सल प्रभावित मदनपुर थाना इलाके के जुड़ाही गांव में एक मोबाइल टावर और किसान भवन को उड़ा दिया था. इस घटना के बाद चलाए गए सर्च अभियान के दौरान आईईडी बम बरामद (IED Bomb Recovered) किया गया. जिसे सीआरपीएफ (CRPF) बम निरोधक द्वारा डिफ्यूज कर दिया गया. वहीं घटनास्थल से दो नक्सली बैनर बरामद (Naxalite Banner Recovered) हुआ है.
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गौरतलब है कि अति नक्सल प्रभावित जुड़ाही इलाके के दक्षिणी उमगा पंचायत में नक्सलियों ने पंचायत सरकार भवन और एक निजी कंपनी के मोबाइल टावर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया. हालांकि जिस इलाके में नक्सलियों ने मोबाइल टावर उड़ाने की घटना को अंजाम दिया है, वह इलाका माओवादियों के बेहद प्रभाव वाला क्षेत्र है. इसे लाल इलाका भी कहा जाता है. जुड़ाही और इस इलाके में नक्सलियों ने पहले भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
बताया जा रहा है कि भाकपा माओवादी का सशस्त्र दस्ता पंचायत सरकार भवन को कब्जे में लेकर पूरे पंचायत भवन में 5 सिलेंडर बम को लगाया और सीरीज कर एक धमाका में विस्फोट कर पूरे भवन को उड़ा दिया. विस्फोट की आवाज लगभग 3 किलोमीटर तक स्पष्ट सुनाई दी. इससे ग्रामीण भय के कारण घरों में ही दुबक गए. पंचायत सरकार भवन को उड़ाने के बाद नक्सली दस्ते ने 50 मीटर की दूरी पर बने एक मोबाइल टावर को उड़ाने के लिए प्लांट किया.
नक्सलियों ने टावर को जला दिया और टावर के जेनरेटर में एक लैंडमाइंस को जिंदा छोड़ दिया. नक्सली लगभग 45 मिनट तक मौके पर रहे. घटनास्थल से जाते समय नक्सलियों ने ग्रामीणों को बाहर नहीं निकलने की हिदायत देकर भाकपा माओवादी जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए दक्षिण दिशा की ओर चले गए. नक्सलियों के द्वारा इस वारदात को अंजाम देने के बाद इलाके में भय और दहशत का माहौल कायम है.
औरंगाबाद जिले के एसपी कांतेश कुमार मिश्र (SP Kantesh Kumar Mishra) ने बताया कि नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी को सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ता द्वारा डिफ्यूज कर दिया गया है. नक्सलियों के खिलाफ जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ और विशेष कार्य बल (STF) द्वारा विभिन्न संभावित स्थानों पर सघन छापेमारी की जा रही है.
एसपी ने बताया कि घटनास्थल से दो बैनर भी बरामद हुआ है. जिसमें कहा गया है कि ये वारदात सुकमा में मारे गये 26 नक्सलियों, नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी और कृषि कानून के विरोध में किया गया है. घटना के बाद औरंगाबाद पुलिस सीमावर्ती जिलों के पुलिस बल के साथ समन्वय स्थापित कर नक्सलियों के छिपने के ठिकानों की जानकारी प्राप्त कर गिरफ्तारी हेतु छापेमारी कर रही है.
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