औरंगाबाद: बिहार में 'पीला सोना' यानी बालू के अवैध खेल (Illegal Sand Mining) में पिछले दिनों भोजपुर एसपी, औरंगाबाद एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, सीओ और थानाध्यक्ष सहित कई अधिकारियों पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई पर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रामाधार सिंह (Ramadhar Singh) ने सवाल खड़े किए हैं और कहा कि अभी भी कई बालू माफियाओं और कई सफेदपोशों पर कार्रवाई नहीं की गई है.
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सरकारी तौर पर एनजीटी के आदेश पर राज्य की सभी नदियों से सितम्बर तक बालू की निकासी पर रोक है. इस रोक का अनुपालन कुछ हद तक बालू निकासी का सरकारी ठेका ले रखी कंपनियों द्वारा किया भी जा रहा है. औरंगाबाद के पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा के बालू कारोबार पर कार्रवाई के दावों के बीच चोरी छिपे तो क्या दिन के उजाले में भी सोन नदी के तटीय इलाकों में बालू की निकासी हो रही है. अवैध बालू लदे ट्रैक्टर सीना तान कर खुलेआम सड़कों पर सरपट दौड़ते नजर आ रहे है.
सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जा रहा है. लगातार कार्रवाई हो रही है. अभियान आगे भी जारी रहेगा.- कांतेश मिश्रा, एसपी, औरंगाबाद
इस पर पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बालू के अवैध धंधे से लाखो करोड़ों के मालिक हो गये है.
जब बालू के गोरखधंधे में एसपी, एसडीपीओ तक नप सकते हैं तो बालू के अवैध कारोबार में लिप्त माइक पर भाषण देने वाले सफेदपोशों, उनके भाई-भतीजों और चमचों पर कार्रवाई क्यो नहीं हो सकती. अधिकारियों को पैसा पहुंचाने वाला बालू माफिया अनिल कुमार सिंह खुलेआम घूम रहा है. अवैध कारोबारियों के खिलाफ न केवल कार्रवाई होनी चाहिए बल्कि इनकी संपति की इओयू के माध्यम से जांच भी कराई जानी चाहिए.- रामाधार सिंह, पूर्व मंत्री
दरअसल अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. जुलाई में अवैध बालू खनन मामले में संलिप्त पाए जाने के बाद 2 आईपीएस अधिकारी समेत भोजपुर और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी को फील्ड से हटाया गया था. औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर पोरिका समेत चार डीएसपी तनवीर अहमद, पंकज कुमार रावत, अनुपम कुमार और संजय कुमार को निलंबित कर दिया गया था. वहीं एसडीएम (SDM) सुनील कुमार को भी निलंबित किया गया था. बावजूद इसके औरंगाबाद में अवैध बालू खनन का खेल खुलेआम हो रहा है. बालू लदे ट्रैक्टर खुलेआम सड़कों पर नजर आ रहे हैं.
दरअसल बिहार सरकार इसे लेकर काफी गंभीर है. राज्य में इस बार बालू खनन (Sand Mining) शुरू करने के साथ ही अवैध खनन , अवैध बिक्री और ढुलाई पर नियंत्रण के लिए नई व्यवस्था लागू करेगी. इसकी तैयारी की जा रही है. एक अक्टूबर से नदी घाटों से फिर से खनन शुरू हो जाएगा. इसके तहत नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनिटरिंग (Monitoring By Drone), चालान की जांच सहित हाइटेक व्यवस्था से निगरानी की जायेगी. इसके साथ ही मुख्यालय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जायेगी. लेकिन अब रामधार सिंह अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर सफेदपोशों पर कब कार्रवाई की जाएगी.
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