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औरंगाबादः बागवानी मिशन का किसान उठाएं लाभ, 90 फीसदी तक मिलेगी सब्सिडी - बागवानी मिशन से किसानों को अच्छा मुनाफा

किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बागवानी मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही है. जिसमें 75% से लेकर 90% तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. इसे अपना कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

बागवानी मिशन
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Published : Jul 2, 2020, 1:57 PM IST

औरंगाबादः जिले के छोटे और मझोले किसान अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए बागवानी मिशन के अंतर्गत खेती कर सरकारी लाभ ले सकते हैं. इस मिशन के तहत किसानों के लिए 75 से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है.

बागवानी के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन, एकीकृत उद्यान योजना, हाइब्रिड सब्जी बीज वितरण योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना चलाई जा रही है. जिसे अपना कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

75% से 90% तक सब्सिडी का प्रावधान
किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बागवानी मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही है. जिसमें 75% से लेकर 90% तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. सब्सिडी देने का मकसद किसानों को बागवानी के प्रति रुझान को बढ़ाना है. बागवानी में कई नकदी फसलों की खेती होती है. जिसमें मशरूम से लेकर के मधुमक्खी पालन और फलों का उत्पादन शामिल है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, आम की खेती और शेडनेट में पान की खेती भी की जा सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बीज और पौधों का भी होता है वितरण
एकीकृत उद्यान योजना के अंतर्गत अनार, शरीफा, नींबू, मीठा नींबू, बेर आदी की खेती के लिए भी किसानों को अनुदान दिया जाता है. जिसके लिए बीज और पौधों का भी वितरण किया जाता है. हाइब्रिड सब्जी बीज वितरण योजना के तहत जिला उद्यान कार्यालय औरंगाबाद में हाईब्रीड सब्जियों के बीज का वितरण किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः समस्तीपुर में टिड्डी दल का हमला, किसानों को है फसलों के बर्बाद होने का डर

नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना भी है लाभकारी
इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को स्प्रिंकलर, ड्रीप इरिगेशन के लिए 90% तक सब्सिडी उपलब्ध कराया जाता है. किसान अपने खेतों में इसे लगा करकर फायदा उठा सकते हैं. नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना के तहत पपीता, अमरूद की खेती, सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती जिनमें मेंथा प्रमुख है कराई जाती है. इसके अलावा मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स दिया जाता है.

जितेंद्र कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी
जितेंद्र कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी

किसानों को दी जाती है ट्रेनिंग
किसान अगर चाहे तो इन सब की खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण के लिए जिला उद्यान कार्यालय में संपर्क करना होता है. जहां किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाती है.

'बागवानी की तरफ देना चाहिए ध्यान'
जिला उद्यान पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि समय-समय पर सरकार के जरिए किसानों के लिए बागवानी मिशन के तहत योजनाएं आती रहती हैं. जिसका फायदा किसानों को लेना चाहिए. सिर्फ एक फसल पर निर्भर रहना किसानों को धीरे-धीरे घाटे में ले जा रहा है. इसलिए उन्हें बागवानी की तरफ भी ध्यान देना चाहिए.

औरंगाबादः जिले के छोटे और मझोले किसान अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए बागवानी मिशन के अंतर्गत खेती कर सरकारी लाभ ले सकते हैं. इस मिशन के तहत किसानों के लिए 75 से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है.

बागवानी के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन, एकीकृत उद्यान योजना, हाइब्रिड सब्जी बीज वितरण योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना चलाई जा रही है. जिसे अपना कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

75% से 90% तक सब्सिडी का प्रावधान
किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बागवानी मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही है. जिसमें 75% से लेकर 90% तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. सब्सिडी देने का मकसद किसानों को बागवानी के प्रति रुझान को बढ़ाना है. बागवानी में कई नकदी फसलों की खेती होती है. जिसमें मशरूम से लेकर के मधुमक्खी पालन और फलों का उत्पादन शामिल है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, आम की खेती और शेडनेट में पान की खेती भी की जा सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बीज और पौधों का भी होता है वितरण
एकीकृत उद्यान योजना के अंतर्गत अनार, शरीफा, नींबू, मीठा नींबू, बेर आदी की खेती के लिए भी किसानों को अनुदान दिया जाता है. जिसके लिए बीज और पौधों का भी वितरण किया जाता है. हाइब्रिड सब्जी बीज वितरण योजना के तहत जिला उद्यान कार्यालय औरंगाबाद में हाईब्रीड सब्जियों के बीज का वितरण किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः समस्तीपुर में टिड्डी दल का हमला, किसानों को है फसलों के बर्बाद होने का डर

नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना भी है लाभकारी
इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को स्प्रिंकलर, ड्रीप इरिगेशन के लिए 90% तक सब्सिडी उपलब्ध कराया जाता है. किसान अपने खेतों में इसे लगा करकर फायदा उठा सकते हैं. नेशनल हॉर्टिकल्चर योजना के तहत पपीता, अमरूद की खेती, सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती जिनमें मेंथा प्रमुख है कराई जाती है. इसके अलावा मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स दिया जाता है.

जितेंद्र कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी
जितेंद्र कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी

किसानों को दी जाती है ट्रेनिंग
किसान अगर चाहे तो इन सब की खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण के लिए जिला उद्यान कार्यालय में संपर्क करना होता है. जहां किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाती है.

'बागवानी की तरफ देना चाहिए ध्यान'
जिला उद्यान पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि समय-समय पर सरकार के जरिए किसानों के लिए बागवानी मिशन के तहत योजनाएं आती रहती हैं. जिसका फायदा किसानों को लेना चाहिए. सिर्फ एक फसल पर निर्भर रहना किसानों को धीरे-धीरे घाटे में ले जा रहा है. इसलिए उन्हें बागवानी की तरफ भी ध्यान देना चाहिए.

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