औरंगाबाद: जिले के सदर अस्पताल में सालों से कार्यरत सर्जन डॉक्टर सरताज अहमद ने वीआरएस ले लिया. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरी शैक्षणिक योग्यता एमएस सर्जरी है. मैं अस्पताल प्रबंधक से कहता रहा कि मुझे सर्जरी करने दिया जाए. मुझे बस एक एनेस्थेटिक की जरूरत है, लेकिन किसी ने मेरी एक नहीं सुनी.
अस्पताल की कुव्यवस्था से नाराज होकर लिया VRS
डॉक्टर सरताज अस्पताल की कुव्यवस्था से काफी नाराज दिखे. उन्होंने बताया कि मुझसे केवल आउटडोर, इमरजेंसी, पोस्टमार्टम, सर्दी-खांसी और मलेरिया का इलाज करवाया जाता था. रोजाना आउटडोर में लगभग 200 मरीजों का मैं इलाज करता था. मुझे अपने इस काम से संतुष्टी नहीं थी, इसलिए मैंने वीआरएस ले लिया.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
मामले में सिविल सर्जन सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि लगभग 20 वर्षों वो सेवा दे रहे थे. उनका कार्यकाल लगभग पूरा हो गया था, इसीलिए डॉक्टर सरताज ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. लेकिन सिविल सर्जन भी मानते हैं कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने के कारण उनसे आउटडोर काम कराया जाता था. हालांकि उनकी सर्जरी के काम में कोई रुकावट नहीं थी. उन्होंने अपनी मर्जी से वीआरएस लिया है.