औरंगाबाद: समाहरणालय स्थित कक्ष में डीएम सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान सात निश्चय योजना के तहत पंचायतों में कराए जा रहे नल जल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आयी. डीएम की ओर से गठित जिलास्तरीय टीम की जांच में योजना में गड़बड़ी मिली है. योजना की गड़बड़ी में पंचायतों के मुखिया की लापरवाही उजागर हुई है. नल-जल योजनाओं की गहन समीक्षा जिला स्तर से की जा रही है.
योजनाओं में जलापूर्ति बंद
समीक्षा के दौरान पाया गया कि ऐसी कई योजनाओं में जलापूर्ति बंद है और योजना के कई घटक और पानी टंकी का स्ट्रक्चर निर्माण, चेक वाल्व, गेट वॉल्व, चैंबर, स्टार्टर का कार्य नहीं कराया गया है. वहीं, पाईपलाईन तीन फीट के स्थान पर 1.25 फीट ही पाया गया. अधिकांश जगहों पर स्टैब्लाईजर नहीं है, जिसके कारण मोटर और स्टार्टर जल जा रहा है और जलापूर्ति बाधित हो जा रही है. डीएम ने कहा कि पेयजल योजनाओं से जलापूर्ति जारी रहे, यह संबंधित ग्राम पंचायत मुखिया की जिम्मेदारी है. ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते उन्हें उपलब्ध करायी गई सरकारी राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना अनिवार्य है. समीक्षा के बाद 39 मुखिया से बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 18(5) के तहत पदमुक्त करने के बिन्दु पर स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जिले के 39 मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग
प्रखंड औरंगाबाद के ग्राम पंचायत खैराबिन्द, फेसर, बेला एवं परसडीह, प्रखंड दाउदनगर के ग्राम पंचायत सिन्दुआर, मनार, प्रखंड गोह के ग्राम पंचायत हथियारा, बनतारा, अमारी, उपहारा, फाग, प्रखंड हसपुरा के ग्राम पंचायत अमझरशरीफ, प्रखंड नबीनगर के ग्राम पंचायत बसडीहा, बैरिया, सोनौरा, सोरी,प्रखंड ओबरा के ग्राम पंचायत भरूब, चंदा, डिहरी सहित कई पचायतों का नाम शामिल है. प्रभारी सूचना जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि उपयोक्त मुखिया से पदमुक्त करने की बिदु पर बिहार पंचायती राज अधिनियम की धारा के तहत स्पष्टीकरण मांगी गई है. जवाब प्राप्त होने के बाद पदमुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी.