औरंगाबाद: नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत सीआरपीएफ के जवान पहले से ही नक्सल प्रभावित गांवों में जाकर लोगों को रोजगार स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देने का काम करते रहे हैं. अब कोरोनावायरस के इस दौर में वे ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं.
जिले में कोरोना कोविड-19 महामारी का रूप ना ले ले, इसके लिए मदनपुर प्रखंड में सीआरपीएफ के कैंप से जवान दिन रात मेहनत कर रहे हैं. वे प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित गांवों में जा जाकर लोगों को सैनिटाइजेशन किट, अनाज के अलावा घर-घर जाकर सैनिटाइज का कार्य भी कर रहे हैं।
मदद में जुटे CRPF के जवान
जिले के मदनपुर प्रखण्ड में लॉकडाउन के पहले ही दिन से सीआरपीएफ ने जवानों ने कोरोना के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र मदनपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के जवान पहले से ही मुख्य धारा से भटके लोगों के लिए नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत कई तरह के कार्यक्रम करती रहती है. जिससे कि उस क्षेत्र के लोगों में विकास हो सके.
अब जब से कोरोना कोविड 19 को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है तब से ये जवान जंगल में बसे गांवो में लगातार ग्रामीणों में जागरूकता फैला रहे हैं. कभी सेनेटाइजेशन का किट वितरण तो कभी राशन वितरण. इस बार जवानों ने गली-गली घूम कर सैनिटाइजेशन का काम किया है. सेनेटाइजेशन मशीन से सीआरपीएफ के जवानों ने हर घर को सेनेटाइज किया.
ग्रामीणों में बांटे मास्क-सैनिटाइजर
मंगलवार को भी जिले के मदनपुर कैम्प के सीआरपीएफ जी/153 बटालियन की ओर से ग्रामीण इलाके में कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर और खाद्य सामग्री का वितरण किया गया. इस कार्य को सीआरपीएफ के कमांडेंट सौरभ कुमार चौधरी के निर्देश पर सीआरपीएफ बटालियन के निरीक्षक जीडी सुभाष चंद के नेतृत्व में चलाया जा रहा है. यह कार्यक्रम नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा गांव नीमडीह, कनौदी, सहीयारी आदि में चलाया गया.
'कोरोना से लड़ने में CRPF कर रहा मदद'
नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत गांव में घूम घूम कर मास्क सैनिटाइजर का वितरण किया गया. साथ ही सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया गया. इस दौरान जीडी सुभाष चंद ने ग्रामीणों को बताया कि किसी भी चीज की जरूरत होने पर वे सीआरपीएफ बटालियन से मदद ले सकते हैं. इस दौरान उपनिरीक्षक जीडी हरेश कुमार, उपनिरीक्षक जीडी फुल मोहम्मद शाह, थाना मदनपुर से राजेन्द्र प्रसाद और कई जवान मौजूद रहे.
सीआरपीएफ के कमांडेंट बताते हैं कि वे यहां ग्रामीणों की सेवा और उनकी रक्षा करने आए हैं. कोरोना संकट काल में उन्हें कोरोना से लड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस बीमारी से जीतने में सीआरपीएफ मदद कर रहा है.