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औरंगाबाद: अचला सप्तमी को लेकर देव मंदीर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - Aurangabad NEWS

देव मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि पुराणों के अनुसार सूर्य देव ने अचला सप्तमी के दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था. जिस वजह से इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विश्व के सबसे बड़े देव सुर्य मंदिर में भगवान की विशेष पूजा आयोजित की जाती है.

देव मंदीर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
देव मंदीर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Feb 1, 2020, 8:51 PM IST

औरंगाबाद: अचला सप्तमी के अवसर पर जिले के देव मंदिर में भगवान सूर्य की आराधना के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. इस मौके पर मंदिर को काफी आकर्षक रूप में सजाया गया था. पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की अराधना की.

भगवान भास्कर की प्रतिमा
भगवान भास्कर की प्रतिमा

'भगवान भास्कर की जयंती'
इस मौके पर देव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि पुराणों के अनुसार सूर्य देव ने अचला सप्तमी के दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था. जिस वजह से इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विश्व के सबसे बड़े देव सुर्य मंदिर में भगवान की विशेष पूजा आयोजित की जाती है. भगवान भास्कर को छप्पन भोग लगाने के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'व्रत से मिलता है सौभाग्य'
सच्चिदानंद पाठक ने बताया कि इस दिन को लोग अचला सप्तमी और माघी सप्तमी के नाम से जानते हैं. इस दिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान भास्कर की अराधना करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

श्रद्धालुओं की भीड़
श्रद्धालुओं की भीड़

औरंगाबाद: अचला सप्तमी के अवसर पर जिले के देव मंदिर में भगवान सूर्य की आराधना के लिए विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया. इस मौके पर मंदिर को काफी आकर्षक रूप में सजाया गया था. पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की अराधना की.

भगवान भास्कर की प्रतिमा
भगवान भास्कर की प्रतिमा

'भगवान भास्कर की जयंती'
इस मौके पर देव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि पुराणों के अनुसार सूर्य देव ने अचला सप्तमी के दिन अपना प्रकाश प्रकाशित किया था. जिस वजह से इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है. इस दिन विश्व के सबसे बड़े देव सुर्य मंदिर में भगवान की विशेष पूजा आयोजित की जाती है. भगवान भास्कर को छप्पन भोग लगाने के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'व्रत से मिलता है सौभाग्य'
सच्चिदानंद पाठक ने बताया कि इस दिन को लोग अचला सप्तमी और माघी सप्तमी के नाम से जानते हैं. इस दिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान भास्कर की अराधना करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

श्रद्धालुओं की भीड़
श्रद्धालुओं की भीड़
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संक्षिप्त:- आज अचला सप्तमी है और ऐसी मान्यता है कि भगवान भास्कर का जन्म आज ही हुआ था यही वजह है कि देव स्थित पौराणिक सूर्य मंदिर को आकर्षण रूप से सजाया गया है।
एंकर:- औरंगाबाद जिले के देव मंदिर में भगवान सूर्य की आराधना के लिए विशेष पूजा की आयोजन किया गया है। इस पूजा में हजारों की संख्या में महिला तथा पुरुष श्रद्धालु भगवान भास्कर की आराधना की।


Body:गौरतलब है कि विशेष पूजा में मंत्रोच्चार, जयकारा एवं आरती की धोनी से पूरा मंदिर परिसर और आसपास इलाका गुंजायमान हो गया। ऐसा मनाता है कि हिंदुस्तान के 12 मंदिर में से दीवार के नाम से प्रसिद्ध इस सूर्य मंदिर में आज प्रातकाल, मध्यकाल संध्या काल की आरती किया है।


Conclusion:V.O.1 भगवान भास्कर देव स्थित मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि भगवान को छप्पन भोग लगाए गए हैं।
1.बाईट:- पंडित सच्चिदानंद पाठक, मुख्य पुजारी, देव मंदिर।
2. वन टू वन- संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद ।

स्पेशल रिपोर्ट संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद
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