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औरंगाबाद: पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ भाकपा माले ने निकाला प्रतिवाद मार्च - 21 दिसंबर की घटना

भाकपा माले के नेताओं ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को कहा है कि 21 दिसंबर की घटना की न्यायिक जांच करवाएं. नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा थी और निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया है.

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प्रतिवाद मार्च
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Published : Jan 11, 2020, 12:37 PM IST

औरंगाबाद: जिले में 21 दिसंबर को हुए पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाकपा माले की राज्य कमेटी ने प्रतिवाद मार्च निकाला. ये मार्च गांधी मैदान से चलकर रमेश चौक तक पहुंचा. जहां भाकपा माले के सदस्यों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करने की मांग की.

बता दें कि 21 दिसंबर को राजद के बिहार बंद के बाद हुए पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अल्पसंख्यक मोहल्लों में घुसकर सड़कों पर खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त किया था. साथ ही घरों से घुसकर 39 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इसी के विरोध में माले ने प्रतिवाद मार्च निकाला है.

भाकपा माले के सदस्यों ने प्रतिवाद मार्च निकाला

'निर्दोषों को भेजा गया जेल'
भाकपा माले के नेताओं ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को कहा है कि 21 दिसंबर की घटना की न्यायिक जांच करवाएं. माले के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा थी और निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया है. राज्य समिति के सदस्यों ने कहा है कि सरकार व्यवस्था विरोधी हो गई है और लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है.

औरंगाबाद: जिले में 21 दिसंबर को हुए पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाकपा माले की राज्य कमेटी ने प्रतिवाद मार्च निकाला. ये मार्च गांधी मैदान से चलकर रमेश चौक तक पहुंचा. जहां भाकपा माले के सदस्यों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही निर्दोष लोगों को जेल से रिहा करने की मांग की.

बता दें कि 21 दिसंबर को राजद के बिहार बंद के बाद हुए पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अल्पसंख्यक मोहल्लों में घुसकर सड़कों पर खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त किया था. साथ ही घरों से घुसकर 39 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इसी के विरोध में माले ने प्रतिवाद मार्च निकाला है.

भाकपा माले के सदस्यों ने प्रतिवाद मार्च निकाला

'निर्दोषों को भेजा गया जेल'
भाकपा माले के नेताओं ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को कहा है कि 21 दिसंबर की घटना की न्यायिक जांच करवाएं. माले के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा थी और निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया है. राज्य समिति के सदस्यों ने कहा है कि सरकार व्यवस्था विरोधी हो गई है और लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है.

Intro:संक्षिप्त- औरंगाबाद में 21 दिसंबर को हुए पुलिसिया कार्यवाही के विरोध में भाकपा माले ने शहर के गांधी मैदान से रमेश चौक तक प्रतिवाद मार्च निकाला जिसमें निर्दोष लोगों को जेल से रिहा कराने की मांग की गई।
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औरंगाबाद- भाकपा माले की राज्य कमेटी ने औरंगाबाद शहर पुलीसिया अत्याचार के विरोध में प्रतिवाद मार्च निकाला। यह मार्च गांधी मैदान से चलकर रमेश चौक तक पहुंचा। मार्च में सैंकड़ो समर्थक लाल झंडा लिए हुए पहुंचे थे।Body:भाकपा माले के राज्य समिति ने औरंगाबाद शहर में आक्रोश मार्च निकाला और शहर के अल्पसंख्यक मुहल्लों में हुए पुलिसिया तांडव के खिलाफ नारेबाजी की। ज्ञात हो कि 21 दिसंबर को राजद के बिहार बंद के बाद हुए पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद पुलिसकर्मी अल्पसंख्यक मोहल्लों में घुसकर सड़कों पर खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त किया था और घरों से घुसकर 39 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसी के विरोध में माले ने औरंगाबाद में प्रतिकार मार्च निकाला। माले नेताओं ने डीजीपी और मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि है हिम्मत तो 21 दिसम्बर की घटना की न्यायिक जांच करवाएं। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा थी और निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया है। राज्य समिति सदस्य ने कहा कि सरकार व्यवस्था विरोधी हो गई है और लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है। Conclusion:औरंगाबाद में 21 दिसम्बर की कार्रवाई तूल पकड़ता जा रहा है। देश भर के विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा की है।
विसुअल- रेडी टू अपलोड
बाइट- मुनारिक, सदस्य राज्य कमेटी
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