औरंगाबाद : एक तरफ जहां सारे देश में आसमान के बीचो-बीच तिरंगा लहरा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले के ओबरा में तिरंगे में लिपटा बीएसएफ जवान का शव घर पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मृत बीएसएफ जवान संजय कुमार दुबे ओबरा के पंडित मुहल्ला के रहने वाले थे.
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शव पहुंचते ही मच गया चीत्कार : मृत बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही तिरंगा में लिपटा हुआ उनके पैतृक निवास पर पहुंचा परिजनों में चीख पुकार मच गई. परिजन शव से लिपटकर विलाप करने लगे. संजय कुमार दुबे गांव के लोग भी गम में डूब गए.
भारत माता की जय से गूंज उठा इलाका : संजय दुबे ज्योंहि गांव पहुंचा युवाओं की टोली भारत माता की जय करते हुए निकली. हाथों में तिरंगा लिए लोग कह रहे थे. 'जब तक सूरज चांद रहेगा, संजय दुबे तुम्हारा नाम रहेगा.' शव यात्रा के दौरान सभी उम्र के लोग शामिल रहे.
21 साल से BSF में थे संजय : संजय दुबे की पत्नी रिंकू देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. मृत जवान संजय दुबे के दो पुत्र हैं. जिसमें से स्वास्तिक 12 वर्ष और शुभ 10 वर्ष का है. पिता केदार दुबे पुत्र की लाश देखकर बेसुध पड़े हुए थे. ज्ञात हो कि संजय दुबे साल 2002 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे.
राजस्थान सीमा पर पोस्टेड थे संजय दुबे : बता दें कि ओबरा के पंडित मुहल्ला निवासी बीएसएफ जवान संजय कुमार दुबे की पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. वह भारत-पाक सीमा पर तैनात थे. वह राजस्थान के जैसलमेर में पोस्टेड थे. जहां भारत-पाक सीमा के इब्राहिम की ढाणी और लंगतला के बीच उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.
कैसे हुआ हादसा? : जवान संजय कुमार दुबे की तैनाती 149 वीं वाहिनी में थी. जानकारी के अनुसार बटालियन के जवान वाहन में सवार होकर जैसलमेर से भारत-पाक बॉर्डर की तरफ जा रहे थे. तभी उनकी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई.