औरंगाबाद: जिले के दाउदनगर में सुपर स्पेशलिटी एंड एडवांस होम्योपैथिक रिसर्च क्लीनिक में होम्योपैथी चिकित्सा के जनक डॉ. फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की 265वीं जयंती मनाई गई. इस मौके पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. साथ ही होम्योपैथी के दुनिया में उनके योगदान को याद किया गया.
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि होम्योपैथी विश्व की सबसे पुरानी इलाज की पद्धति है. इस पद्धति में किसी भी रोग का उपचार संभव है. फिर भी यदि कोई मरीज ठीक नहीं होता है. तो इसकी वजह रोगों का मुख्य कारण सामने नहीं आना हो सकता है. होम्योपैथिक किसी भी रोग को दबाती नहीं है, बल्कि उसे जड़ से समाप्त करती है. इस चिकित्सा पद्धति से असाध्य से असाध्य रोग भी ठीक हो रहे हैं.
इलाज में लापरवाही नहीं बरतने की सलाह
इसके अलावे डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि लोगों के लापरवाही से आमतौर पर इलाज शुरुआती अवस्था में नहीं हो पाता है और बाद में वह असाध्य बन जाता है. इसलिए मरीज को चाहिए कि वो डॉक्टर को रोग की हिस्ट्री, अपना स्वभाव विशेष रूप से बताएं. बता दें कि डॉ. फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती के मौके पर सुधीर कुमार, कुंदन सिंह, नेहा कुमारी सहित कई डॉक्टर मौजूद रहे.